Hearing In Open Court Will Start In Allahabad High Court From July 14 – 14 जुलाई से इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुरू होगी खुली अदालत में सुनवाई
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 08 Jul 2021 11:57 PM IST
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
इसी क्रम में हाईकोर्ट प्रशासन ने 14 जुलाई से खुली अदालत में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए सुनवाई की व्यवस्था किस तरीके से लागू की जाएगी, इस पर एक-दो दिन में निर्णय होने तथा गाइडलाइन जारी होने की उम्मीद है। गौरतलब है की लॉकडाउन खोलने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई को शुरू हुई मगर ऑनलाइन मोड में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मौजूदा समय में मुकदमे सुने जा रहे हैं। इस व्यवस्था से तमाम वकीलों की काफी शिकायतें हैं। उनका कहना है कि ऑनलाइन सुनवाई में कई बार लिंक नहीं मिल पाता जिससे उनके मुकदमे पासओवर हो जाते हैं और उनमें डेट लग जाती है। वहीं कई वकील ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन सिस्टम से परिचित नहीं है। वादकारी भी इस व्यवस्था से परेशान हैं।
विस्तार
वर्चुअल सुनवाई से वकीलों को हो रही परेशानी और इसे लेकर उनके आंदोलन को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 14 जुलाई से खुली अदालत में मुकदमों की सुनवाई करने का फैसला लिया है । यह जानकारी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभा शंकर मिश्र ने दी। मिश्र ने बताया की खुली अदालत में सुनवाई की मांग को लेकर वकील शुरू से ही आंदोलन कर रहे हैं। क्योंकि वर्चुअल सुनवाई में लिंक न मिल पाने और तमाम वकीलों के इससे व्यवस्था से परिचित ना होने की वजह से कई तरीके की समस्याएं पैदा हो रही थीं। इन समस्याओं को लेकर मुख्य न्यायाधीश से गत दिनों वार्ता की गई थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि वकीलों की समस्याओं का शीघ्र ही निराकरण किया जाएगा।
इसी क्रम में हाईकोर्ट प्रशासन ने 14 जुलाई से खुली अदालत में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए सुनवाई की व्यवस्था किस तरीके से लागू की जाएगी, इस पर एक-दो दिन में निर्णय होने तथा गाइडलाइन जारी होने की उम्मीद है। गौरतलब है की लॉकडाउन खोलने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई को शुरू हुई मगर ऑनलाइन मोड में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मौजूदा समय में मुकदमे सुने जा रहे हैं। इस व्यवस्था से तमाम वकीलों की काफी शिकायतें हैं। उनका कहना है कि ऑनलाइन सुनवाई में कई बार लिंक नहीं मिल पाता जिससे उनके मुकदमे पासओवर हो जाते हैं और उनमें डेट लग जाती है। वहीं कई वकील ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन सिस्टम से परिचित नहीं है। वादकारी भी इस व्यवस्था से परेशान हैं।