विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम

डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है

डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है
पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं.

शेयर बाजार में डीमैट और ट्रेडिंग खातों में क्या होता है अंतर, यहां पर जानिए

मुंबई– शेयर बाजार में अगर आप निवेशक हैं तो आपको दो तरह के अकाउंट की जानकारी मिलती होगी। एक ट्रेडिंग अकाउंट और एक डीमैट अकाउंट। ट्रेडिंग अकाउंट मतलब जिस अकाउंट से आप शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। डीमैट अकाउंट मतलब जिस अकाउंट में आपका शेयर या सिक्योरिटीज जमा होता है। इन दोनों के उद्देश्य अलग-अलग होते हैं। इसे दरअसल 2 इन 1 कहा जाता है।

इन दोनों में अंतर क्या है

ट्रेडिंग अकाउंट आपके शेयर बाजार के लेन देन को बताता है। जबकि डीमैट अकाउंट शेयरों को जमा करता है। मान लीजिए आपने किसी कंपनी के 100 शेयरों को 500 रुपए में खरीदने का ऑर्डर दिया। ऑर्डर पूरा हो जाता है। फिर आपको अगली सुबह 11 बजे तक अपने ट्रेडिंग अकाउंट को इसे प्री फंड करना होता है। यह 2 कारोबारी दिनों के बाद आपके डीमैट अकाउंट में आ जाता है।

इसी तरह जब आप कोई शेयर बेचते हैं तो ट्रेडिंग इंजन को पहले खुद को यह समझना होता है कि आपके डीमैट अकाउंट में कितने शेयर बचे हैं। आप ऑर्डर देंगे तो 1 कारोबारी दिन में आपके डीमैट खाते से शेयर बिक जाएगा। दो कारोबारी दिनों के डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है बाद शेयर की रकम आपके खाते में आ जाएगा। यह ऑन लाइन होता है। अगर आप ऑफ लाइन करते हैं तो शेयर ब्रोकर को आपको उसी दिन डेबिट की स्लिप देनी होती है।

सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि क्या डीमैट खाते में आने से पहले शेयर बेच सकते हैं। यानी सोमवार को खरीद कर सोमवार को ही बेच सकते हैं क्योंकि शेयर तो डीमैट में बुधवार तक आएगा। हां, यह संभव है कि आप डीमैट में शेयर आने से पहले इसे बेच सकते हैं। ब्रोकर आपको अपने डीमैट अकाउंट में आने से पहले शेयरों को बेचने की मंजूरी दे देगा। हालांकि एक जो खतरा है वह यह कि आपको 2 कारोबारी दिनों में डिलिवरी नहीं मिल डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है सकती है। इस स्थिति में आपके शेयर निलामी में जाएंगे और आपके डीमैट खाते में 3 कारोबारी दिन में यह आएगा।

बिना ट्रेडिंग अकाउंट के डीमैट अकाउंट हो सकता है?

हां, यह भी संभव है। अगर आप आईपीओ के लिए आवेदन करते हैं तो आपको शेयर मिलने पर डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। अगर आप इन शेयरों को केवल रखना चाहते हैं और बेचना नहीं चाहते हैं तो डीमैट अकाउंट ही इसके लिए काफी है। बेचना होगा तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट रखना होगा।

डीमैट अकाउंट एक जरूरी अकाउंट है। हालांकि अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में कारोबार करते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि फ्यूचर एंड ऑप्शन में कैश में कारोबार होता है।

Demat Account Kya Hota Hai Hindi Mein Bataen

Demat Account Kya Hota Hai Hindi Mein Bataen

Demat Account Kya Hota Hai Hindi Mein: पहली बार जब आप बॉन्ड, स्टॉक, शेयर या अन्य वित्तीय (financial) प्रतिभूतियों (securities) में invest करने की सोचते हैं, तो आपके पास कोई डीमैट डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है अकाउंट होना जरूरी है। हो सकता है आपको न पता हो कि डीमैट अकाउंट का अर्थ क्या होता है (Demat Account Kya Hota Hai Hindi) या जब आप किसी भी वित्तीय प्रतिभूतियों को खरीदते हैं, बेचते हैं या व्यापार करते हैं तो यह आपकी मदद कैसे कर सकता है।

Demat Account Kya Hota Hai in Hindi Mein Bataen | (What is demat account in hindi)

Demat account ऋण के रूप में अपनी वित्तीय (financial) प्रतिभूतियों (securities) को नियंत्रित करता है। अपने इन्वेस्टमेंट के physical record को पकड़ने के बजाय वे इलेक्ट्रॉनिक रूप में एक डीमैट अकाउंट में संग्रहीत हैं। आप credit, debit और बैलेंस देखने के लिए अपने बैंक खाते की तरह अपने डीमैट खाते का इस्तेमाल डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है कर सकते हैं।

एक इन्वेस्टर विभिन्न वित्तीय (financial) प्रतिभूतियों (securities) को नियंत्रित कर सकता है जैसे कि – शेयर, स्टॉक, प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव, ई-गोल्ड, बॉन्ड, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर, सरकारी प्रतिभूतियां, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, म्यूचुअल फंड आदि आप जीरो बैलेंस के साथ भी एक डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?

डीमैट अकाउंट 3 प्रकार के होते हैं –

  1. रेगुलर डीमैट अकाउंट
  2. रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट
  3. नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट

रेगुलर डीमैट अकाउंट

रेगुलर डीमैट अकाउंट सिर्फ उन इन्वेस्टर के लिए उपलब्ध हैं जो भारतीय हैं। रेगुलर डीमैट अकाउंट उन इन्वेस्टर के लिए उपयुक्त है जो अपने खुद के शेयरों से निपटते हैं। रेगुलर डीमैट अकाउंट इन्वेस्टर को शेयरों के तेजी से ट्रांज़ैक्शन करने की इजाजत देता है।

इन्वेस्टर अपने शेयर डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है को रेगुलर डीमैट अकाउंट से दुसरे संस्थानों में ट्रांसफर कर सकते हैं ताकि बिना किसी शुल्क के शेयरों के सभी रिकॉर्ड रेगुलर डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक कॉपी के रूप में इकठ्ठा किये जाते हैं। रेगुलर डीमैट अकाउंट सभी बैंकों और डिस्काउंट ब्रोकर द्वारा ऑफर किया जाता है।

उदाहरण के लिए – डिस्काउंट ब्रोकर 5paisa शून्य AMC पर रेगुलर डीमैट अकाउंट मुफ्त ऑफर करते हैं।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट

रिपेट्रिएबल (प्रत्यावर्ती) डीमैट अकाउंट NRI के लिए उपलब्ध 2 तरह के डीमैट अकाउंट में से एक है। रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट का विकल्प चुनने वाले NRI को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के नियमों का पालन करना होता है।

प्रत्यावर्ती डीमैट अकाउंट NRI को विदेश में फंड ट्रांसफर करने की इजाजत देता है। जबकि, रेगुलर डीमैट अकाउंट धारकों (holders) के विपरीत, प्रत्यावर्ती डीमैट अकाउंट धारकों को डीमैट अकाउंट के साथ अपने NRE (अनिवासी बाहरी) अकाउंट को लिंक करना होता है।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट सभी बैंकों और डिस्काउंट ब्रोकरों पर उपलब्ध है। फंड का रिपेट्रिएशन दोनों देशों डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है के नियम पर निर्भर करता है और इस बात पर भी निर्भर करता है कि दोनों देशों की सरकार को उस विशेष व्यक्ति के लिए फंड ट्रांसफर को ब्लॉक करने का कोई इरादा नहीं है।

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट NRI के लिए उपलब्ध दूसरा डीमैट अकाउंट विकल्प होता है। जबकि, नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट NRI को विदेश में फंड ट्रांसफर करने की इजाजत नहीं देता है। प्रभावी ऑपरेशन के लिए डीमैट अकाउंट से अपने NRO (नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी) सेविंग अकाउंट को लिंक करने के लिए इन्वेस्टर को अपने NRO (नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी) सेविंग अकाउंट की जरूरत होती है।

NRI की स्थिति प्राप्त करने से पहले, रेगुलर डीमैट वाले इन्वेस्टर बिना किसी शेयर के भारत छोड़ने के बाद नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट कैटेगरी में ट्रांसफर कर सकते हैं या नए अकाउंट को खोलने का विकल्प चुन सकते हैं।

ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें | Demat account kaise khole in hindi

नीचे ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने के लिए कुछ स्टेप दिए गए हैं जिन्हें फॉलो करके आप अपना डीमैट अकाउंट बना सकते हैं –

  1. अपनी पसंदीदा डीपी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं।
  2. अपना नाम, फोन नंबर और निवास पूछने वाले फॉर्म को भरें। इसके बाद आपको अपने दिए गये मोबाइल नंबर पर एक OTP प्राप्त होगा।
  3. अगले फॉर्म पर जाने के लिए OTP दर्ज करें। अपने केवाईसी विवरण जैसे – जन्म तिथि, पैन कार्ड, संपर्क विवरण, बैंक खाता विवरण भरें।
  4. अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है और डीमैट अकाउंट नंबर जैसे विवरण अपने ईमेल और मोबाइल पर प्राप्त हो जाएंगे।

कुछ और भी: एक इन्वेस्टर के पास कई अकाउंट हो सकते हैं। ये अकाउंट एक ही डीपी, या अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक इन्वेस्टर सभी अनुप्रयोगों के लिए kyc विवरण प्रदान कर सकता है, तब तक वे कई डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

Demat Account Ke Fayde

पिछले कुछ सालो में तकनीकी प्रगति के कारण डीमैट अकाउंट रखने के बहुत सारे फायदे प्राप्त किए हैं जो निम्न हैं –

  • कारोबारी अपनी सुविधा के मुताबिक लेन-देन कर सकते हैं, जिससे यह आसान और समय की बचत करने वाला बन सकता है।
  • लेन-देन रजिस्टर करने के लिए कोई कठिन कागजी कार्रवाई जरूरी नहीं है।
  • शेयर प्रमाण पत्र, बांड, आदि की भौतिक प्रतियों (physical copies) की चोरी, देरी, या धोखाधड़ी का कोई खतरा नहीं है क्योंकि copies को इलेक्ट्रॉनिक रूप में संग्रहीत किया जाता है।
  • ऋण के साथ–साथ इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स रखने के लिए आपके पास एक एकीकृत मंच (integrated platform) है।
  • बोनस, विभाजन, विलय, समेकन आदि के मामले में automatic क्रेडिट डीमैट खाते में पंजीकृत जाते हैं।
  • कई संचार जरूरतों को खत्म करता है प्रत्येक हितधारक (stakeholder) के लिए कंपनी, कारोबारी, इन्वेस्टर से संपर्क करने की जरूरत को हटाने के लिए लेनदेन के बारे में इलेक्ट्रॉनिक अलर्ट के जरिये से सूचित किया जाता है।
  • पते में बदलाव को डिपॉजिटरी प्रतिभागी (Participant) के जरिये से इन्वेस्टर द्वारा इन्वेस्ट की गई हर कंपनी के साथ अपडेट किया जाता है।
  • पहले के विपरीत जब शेयरों का लेन-देन सिर्फ (एक साथ कई) में किया जाता था अब एक शेयर को खरीदा/बेचा जा सकता है ।
  • स्टाम्प ड्यूटी लागतों के हटने से, जो अन्यथा पहले प्रतिभूतियों (securities) के भौतिक अभिलेखों (physical records) से जुड़े थे, कारोबार की लागत में जरूर कमी हुई है।

Demat Account Ke Nuksan

डीमैट अकाउंट कुछ नुक्सान निम्न हैं –

  • आपको तकनीकी जानकारी होनी चहिये।
  • पोर्टफोलियो का लगातार बदलते रहना।
  • Account freezing problem
  • Annual maintenance charge
  • Regular supervision of your demat account
  • High frequency of trading

FAQs on Demat Account Kya Hota Hai Hindi Mein Bataen

Q. डीमैट अकाउंट से क्या होता है?

Demat Account लोगों के द्वारा शेयरों को खरीदने या बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिस तरह लोग अपना पैसा बैंक अकाउंट में रखते है ठीक उसी प्रकार लोग डीमैट खाता में अपने शेयर रखते हैं।

Demat login new rules: डीमैट लॉग इन के लिए ज़रूरी

1 अक्टूबर, 2022 से डीमैट अकाउंट इसके बगैर लॉग इन नहीं किया जा सकेगा

  • Date : 09/09/2022
  • Read: 3 mins Rating : -->

डीमैट खाताधारकों ने यदि ‘टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन’ विकल्प नहीं चुना (इनेबल न किया) तो इक्विटी बाजार में कारोबार करने के लिए लॉग इन नहीं कर सकेंगे।

demat account

Demat account login new rules: भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा 14 जून, 2022 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार यदि डीमैट खाताधारकों ने अपने खाते में 30 सितंबर, 2022 तक टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प नहीं चुना (इनेबल नहीं किया) तो अब वे अपने खाते में लॉग इन नहीं कर सकेंगे।

सर्कुलर के अनुसार खाताधारक द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन को एक विकल्प के रूप में प्रधानता देना बेहतर होगा। दूसरे स्टेप के लिए वे ऐसी जानकारी का विकल्प चुनें जो सिर्फ खाताधारक को ही मालूम हो जैसे कि पासवर्ड, पिन या फिर पजेशन फैक्टर।

ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर जेरोधा (Zerodha) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “विनिमय के नए नियमों के अनुसार 30 सितंबर, 2022 तक डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए TOTP टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुनना (इनेबल करना) अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर खाताधारक काइट (Kite) में लॉग इन नहीं कर सकेंगे”। काइट (Kite), स्टॉकब्रोकिंग कंपनी का अपना कारोबारी प्लेटफॉर्म है।

TOTP का मतलब है टाइम बेस्ड वन टाइम पासवर्ड। आमतौर पर ईमेल या एसएमएस संदेशों द्वारा भेजे जाने वाले प्रचलित पासवर्ड (OTP) के स्थान पर TOTP पासवर्ड ग्राहक के फ़ोन पर मौजूद ऐप में ही उपलब्ध कराए जाते हैं। सामान्यतया इनकी वैधता भी बहुत ही कम समय के लिए होती है।

डीमैट खाते के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प कैसे चुनें (इनेबल करें)

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ पासवर्ड/पिन अथवा OTP/सुरक्षा टोकन में से एक विकल्प चुन कर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल किया जा सकता है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा यदि उपलब्ध नहीं है तो उसके स्थान पर डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए पासवर्ड/पिन के साथ डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है OTP/सुरक्षा टोकन के विकल्प चुने जा सकते हैं।

माहेश्वरी ने बताया, “हर बार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए डीमैट खाते में लॉग इन करना संभव नहीं हो सकता। खासकर जब लॉग इन डेस्कटॉप पर किया जा रहा हो। ऐसे में 1 अक्टूबर के बाद खाते में लॉग इन करने के लिए स्टॉकब्रोकरों द्वारा दोनों विकल्प, पासवर्ड के साथ ओटीपी का प्रयोग किया जा सकता है।” निवेशकों को अपने स्टॉकब्रोकर्स से इस विषय में जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए कि 1 अक्टूबर से वे किस विकल्प के साथ डीमैट खाते में लॉग इन कर सकते हैं।

जेरोधा (Zerodha) के अनुसार TOTP प्राप्त करने के लिए निवेशकों को नीचे दिए गए ऐप की सूची में से किसी एक ऐप को अपने निजी डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन पर डाउनलोड करना होगा,

  1. गूगल ऑथेंटिकेटर Google Authenticator
  2. माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर Microsoft authenticator
  3. ऑथी Authy
  4. लास्ट पास ऑथेंटिकेटर Last Pass Authenticator
  5. बिटवॉर्डन Bitwarden

अपस्टॉक्स (Upstox) के ग्राहक को लॉग इन करने के लिए OTP/पिन देना होगा। मोबाइल द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक के साथ ओटीपी या पिन का प्रयोग किया जा सकता है।

डीमैट अकाउंट क्या होता है

Demat account login new rules: भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा 14 जून, 2022 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार यदि डीमैट खाताधारकों ने अपने खाते में 30 सितंबर, 2022 तक टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प नहीं चुना (इनेबल नहीं किया) तो अब वे अपने खाते में लॉग इन नहीं कर सकेंगे।

सर्कुलर के अनुसार खाताधारक द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन को एक विकल्प के रूप में प्रधानता देना बेहतर होगा। दूसरे स्टेप के लिए वे ऐसी जानकारी का विकल्प चुनें जो सिर्फ खाताधारक को ही मालूम हो जैसे कि पासवर्ड, पिन या फिर पजेशन फैक्टर।

ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर जेरोधा (Zerodha) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “विनिमय के नए नियमों के अनुसार 30 सितंबर, 2022 तक डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए TOTP टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुनना (इनेबल करना) अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर खाताधारक काइट (Kite) में लॉग इन नहीं कर सकेंगे”। काइट (Kite), स्टॉकब्रोकिंग कंपनी का अपना कारोबारी प्लेटफॉर्म है।

TOTP का मतलब है टाइम बेस्ड वन टाइम पासवर्ड। आमतौर पर ईमेल या एसएमएस संदेशों द्वारा भेजे जाने वाले प्रचलित पासवर्ड (OTP) के स्थान पर TOTP पासवर्ड ग्राहक के फ़ोन पर मौजूद ऐप में ही उपलब्ध कराए जाते हैं। सामान्यतया इनकी वैधता भी बहुत ही कम समय के लिए होती है।

डीमैट खाते के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प कैसे चुनें (इनेबल करें)

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ पासवर्ड/पिन अथवा OTP/सुरक्षा टोकन में से एक विकल्प चुन कर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल किया जा सकता है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा यदि उपलब्ध नहीं है तो उसके स्थान पर डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए पासवर्ड/पिन के साथ OTP/सुरक्षा टोकन के विकल्प चुने जा सकते हैं।

माहेश्वरी ने बताया, “हर बार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए डीमैट खाते में लॉग इन करना संभव नहीं हो सकता। खासकर जब लॉग इन डेस्कटॉप पर किया जा रहा हो। ऐसे में 1 अक्टूबर के बाद खाते में लॉग इन करने के लिए स्टॉकब्रोकरों द्वारा दोनों विकल्प, पासवर्ड के साथ ओटीपी का प्रयोग किया जा सकता है।” निवेशकों को अपने स्टॉकब्रोकर्स से इस विषय में जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए कि 1 अक्टूबर से वे किस विकल्प के साथ डीमैट खाते में लॉग इन कर सकते हैं।

जेरोधा (Zerodha) के अनुसार TOTP प्राप्त करने के लिए निवेशकों को नीचे दिए गए ऐप की सूची में से किसी एक ऐप को अपने निजी कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन पर डाउनलोड करना होगा,

  1. गूगल ऑथेंटिकेटर Google Authenticator
  2. माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर Microsoft authenticator
  3. ऑथी Authy
  4. लास्ट पास ऑथेंटिकेटर Last Pass Authenticator
  5. बिटवॉर्डन Bitwarden

अपस्टॉक्स (Upstox) के ग्राहक को लॉग इन करने के लिए OTP/पिन देना होगा। मोबाइल द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक के साथ ओटीपी या पिन का प्रयोग किया जा सकता है।

शेयर बाजार में डीमैट और ट्रेडिंग खातों में क्या होता है अंतर, यहां पर जानिए

मुंबई– शेयर बाजार में अगर आप निवेशक हैं तो आपको दो तरह के अकाउंट की जानकारी मिलती होगी। एक ट्रेडिंग अकाउंट और एक डीमैट अकाउंट। ट्रेडिंग अकाउंट मतलब जिस अकाउंट से आप शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। डीमैट अकाउंट मतलब जिस अकाउंट में आपका शेयर या सिक्योरिटीज जमा होता है। इन दोनों के उद्देश्य अलग-अलग होते हैं। इसे दरअसल 2 इन 1 कहा जाता है।

इन दोनों में अंतर क्या है

ट्रेडिंग अकाउंट आपके शेयर बाजार के लेन देन को बताता है। जबकि डीमैट अकाउंट शेयरों को जमा करता है। मान लीजिए आपने किसी कंपनी के 100 शेयरों को 500 रुपए में खरीदने का ऑर्डर दिया। ऑर्डर पूरा हो जाता है। फिर आपको अगली सुबह 11 बजे तक अपने ट्रेडिंग अकाउंट को इसे प्री फंड करना होता है। यह 2 कारोबारी दिनों के बाद आपके डीमैट अकाउंट में आ जाता है।

इसी तरह जब आप कोई शेयर बेचते हैं तो ट्रेडिंग इंजन को पहले खुद को यह समझना होता है कि आपके डीमैट अकाउंट में कितने शेयर बचे हैं। आप ऑर्डर देंगे तो 1 कारोबारी दिन में आपके डीमैट खाते से शेयर बिक जाएगा। दो कारोबारी दिनों के बाद शेयर की रकम आपके खाते में आ जाएगा। यह ऑन लाइन होता है। अगर आप ऑफ लाइन करते हैं तो शेयर ब्रोकर को आपको उसी दिन डेबिट की स्लिप देनी होती है।

सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि क्या डीमैट खाते में आने से पहले शेयर बेच सकते हैं। यानी सोमवार को खरीद कर सोमवार को ही बेच सकते हैं क्योंकि शेयर तो डीमैट में बुधवार तक आएगा। हां, यह संभव है कि आप डीमैट में शेयर आने से पहले इसे बेच सकते हैं। ब्रोकर आपको अपने डीमैट अकाउंट में आने से पहले शेयरों को बेचने की मंजूरी दे देगा। हालांकि एक जो खतरा है वह यह कि आपको 2 कारोबारी दिनों में डिलिवरी नहीं मिल सकती है। इस स्थिति में आपके शेयर निलामी में जाएंगे और आपके डीमैट खाते में 3 कारोबारी दिन में यह आएगा।

बिना ट्रेडिंग अकाउंट के डीमैट अकाउंट हो सकता है?डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है

हां, यह भी संभव है। अगर आप आईपीओ के लिए आवेदन करते हैं तो आपको शेयर मिलने पर डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। अगर आप इन शेयरों को केवल रखना चाहते हैं और बेचना नहीं चाहते हैं तो डीमैट अकाउंट ही इसके लिए काफी है। बेचना होगा तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट रखना होगा।

डीमैट अकाउंट एक जरूरी अकाउंट है। हालांकि अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में कारोबार करते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि फ्यूचर एंड ऑप्शन में कैश में कारोबार होता है।

शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी के बीच Demat Account की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी, फर्जीवाड़े से बचने को इन 8 बातों का रखें ख्याल

Safeguard against Demat Account Frauds: आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.

शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी के बीच Demat Account की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी, फर्जीवाड़े से बचने को इन 8 बातों का रखें ख्याल

पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं.

Safeguard against Demat Account Frauds: पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए अब डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है. डीमैट खाते के जरिए फिजिकल शेयरों के ट्रांसफर में पहले कुछ दिन तक लग जाते थे जबकि डीमैट खाते के जरिए आसान तरीके से और जल्द शेयरों का लेन-देन होता है. हालांकि जैसे कुछ भी 100% परफेक्ट नहीं होता है, वैसे ही डीमैट खाते में भी फर्जीवाड़ा हो सकता है.

डीमैट खाते से जुड़े फर्जीवाड़े के कुछ मामले सामने आए हैं जैसे कि ब्रोकर्स ने बिना निवेशकों की सहमति के किसी ट्रेड पर मार्जिन फंड के कोलैटरल के रूप में प्रयोग करने के लिए ईटीएफ यूनिट्स को ट्रांसफर कर लिया. आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. भारत में सीडीएसएल और एनएसडीएल नामक दो डिपॉजिटरीज आपके शेयरों व सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखते हैं लेकिन इनका डीमैट खाताधारकों से सीधे कोई संपर्क नहीं होता है. ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) लाइसेंस स्टॉकब्रोकर्स और इंटरमीडियरीज को इश्यू करते हैं जो ग्राहकों को डीमैट खाते खोलने की सर्विस देते हैं.

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अकाउंट रिकॉर्ड मेंटेन रखें

जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.

जरूरी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रखें

हर डीमैट खाते का एक डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) बुकलेट होता है जिसे सुरक्षित रखना जरूरी है. जब आप एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं तो आपको इस स्लिप पर साइन करना होता है. ऐसे में इसे मजबूत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखें क्योंकि अगर आपका साइन किया हुआ यह स्लिप किसी अन्य शख्स के हाथ में चला गया तो इसका गलत प्रयोग हो सकता है.

ब्रोकरेज स्क्रूटनी

लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.

लंबे समय तक न हो यूज तो फ्रीज करवा लें खाता

कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख फायदा यह है कि आपको अपने निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई राशि नहीं कटेगी.

पॉवर ऑफ अटार्नी

ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.

मजबूत पासवर्ड रखें

डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.

एमसएमएस सुविधा

अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.

क्रेडिट टाइम को चेक करें

आमतौर पर आप जो भी स्टॉक डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)

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