फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना

Future Trading क्या है जानिए कैसे हम फ्यूचर ट्रेडिंग करके एक दिन में लाखों कमा सकते है।
FUTURE TRADING: नमस्कार दोस्तों, मैंने इंटरनेट पर फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में काफी रिसर्च किया, क्यों की मेरे मन में कुछ सवाल थे जो मैं नेट पर हिंदी में सर्च कर रहा था मगर मुझे 5 से 6 साइट मिली जो फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में आर्टिकल लिखे थे मगर मैंने जब उन आर्टिकल को पढ़ना शुरु किया तो मुझे कुछ खास समझ में नहीं आ रहा था की आखिर कर क्या लिखा है।
ऐसे में मेरे मन में सवाल उठा की, जब में इस आर्टिकल को समझ नहीं पा रहा हु तो लोगों को भी फ्यूचर ट्रेडिंग समझने में काफी परेशानी हो रही होगी। इसके लिए मैंने सोचा की आप सभी के लिए फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में लिखा जाये। काफी लोगों का कहना है की अगर हम फ्यूचर ट्रेडिंग करते है तो बहुत ही कम समय के अंदर काफी ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है।
वैसे भी यह बात 101% प्रतिशत सच है अगर आपको फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी है तो, मैं दावा कर सकता हु की आप काफी अच्छा पैसा बना रहे होंगे। जिन लोगो को फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में बिल्कुल भी नहीं पता था तो उन लोगो को परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है।
आज हम फ्यूचर ट्रेडिंग से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में जानेंगे। जैसे की: Future Trading क्या है, फ्यूचर ट्रेडिंग किस तरह से किया जाता है, फ्यूचर ट्रेडिंग को कब लागु किया गया, फ्यूचर ट्रेडिंग से कैसे लाखों कमा सकते है, फ्यूचर ट्रेडिंग में ध्यान देने वाली बात कौन सी है और साथ ही साथ हम जानेंगे की फ्यूचर ट्रेडिंग से हमें किस तरह का फायदा और नुकसान हो सकता है।
फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है – What’s Future Trading In Hindi
अगर हम फ्यूचर ट्रेडिंग को सिंपल शब्दों में समझे तो यह एक तरह का इंटरैक्ट होता है जिसे एक्सचेंज के जरिये किया जाता है शेयर मार्किट में National Stock Exchange यानि NSE इसके फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को मैनेज करता है फ्यूचर ट्रेडिंग एक डेरिवेटिव है इसमें फ्यूचर में होने वाले शेयर पर प्राइस पहले से फिक्स कर दिया जाता है और यह समझौता Selar और Buyer के बीच किया जाता है।
फ्यूचर ट्रेडिंग इस्तेमाल खास करके Hedging के लिए किया जाता है हेजिंग को हम थोड़ा और आसान शब्दो में समझेंगे। मान लीजिये की मैंने कुछ शेयर काफी दिनों पहले ही खरीदा था 60 रुपये में, मगर मैंने आपने लिए शेयर के बारे में काफी रिसर्च और जानकारी हासिल किया। मुझे पता लगा की मैंने जो शेयर में इन्वेस्ट कर के रखा है उसकी प्राइस नीचे गिरने वाली है।
ऐसे में, मैं आपने शेयर की पोजीशन को चेंज यानि हेजिंग कर दूंगा इसका मतलब यह की में आपने लिए हुए शेयर के अगेंस्ट सेल कॉन्ट्रैक्ट को खरीदेंगे। और यह सब कॉन्ट्रैक्ट कई लोगों के बीच में किया जाता है और इसकी देख-रेख शेयर मार्किट के जरिये किया जाता है।
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फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे करते हैं – How To Do Futures Trading
देखिये अगर हमें फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे करते है उसके बारे में प्रॉपर तरिके से समझना है तो हमें काफी कुछ आप सभी को एक्सप्लेन करना होगा। मान लिए मैं आईसीआईसीआई बैंक के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना चाहता हु आप सभी की मैं यह बता दू की फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को हम तीन तरिके से खरीद और बेच सकते है।
फ्यूचर ट्रेडिंग में हमें शेयर हमेशा लोट या इंडेक्स साइज में अलग-अलग होता है और इस लोट साइज को स्टॉक एक्सचेंज जरिये बनाया जाता है इस बात का आप सब खास ख्याल रखे की स्टॉक और इंडेक्स लोट साइज को कभी भी चेंज किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए:
आईसीआईसीआई बैंक अप्रैल फ्यूचर
रियल टाइम प्राइस – ₹1500 रुपये
लॉट साइज – ₹500 शेयर्स
देखिये अगर अप्रैल महीने के अंत तक आईसीआईसीआई बैंक के शेयर के प्राइस में ₹10 रुपये का उछाल आता है तो आपको ₹5000 रुपये का प्रॉफिट होगा और यही आपको ₹10 रुपये कम हो जाता है तो आपको ₹500 का नुकसान हो जायेगा।
फ्यूचर्स ट्रेडिंग की खास विशेषताएं – Special Features of Futures Trading
आज के टाइम में फ्यूचर ट्रेडिंग काफी पॉपुलर हो गया है ऐसे में हम इसके कुछ खास बातों पर ध्यान देने वाले है जिस से आप सभी को इसके बारे में पता चल सकते।
- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की प्राइस उनके स्टॉक और इंडेक्स पर निर्भर होता है जैसे में जब उनके प्राइस बढ़ती है तो फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का प्राइस आटोमेटिक बढ़ जाता है।
- फ्यूचर ट्रेडिंग में ट्रेड करने के लिए आपके पास जानकारी होना बहुत ही जरुरी होता है।
- मान लीजिये में आपने फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट से बहार निकलना चाहता हु तो मुझे किसी भी तरह के जुर्माना देने की कोई जरुरत नहीं है।
- फ्यूचर ट्रेडिंग हमेशा दो पक्षों के बीच ही किया जाता है और इसमें कॉन्ट्रैक्ट ना फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना पूरा होने का डर बना रहता है जब की इसे सेबी के द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- फ्यूचर ट्रेडिंग के कई नियम होते है जिसे ट्रेडर को हमेशा ध्यान में रखना होता है।
- फ्यूचर ट्रेडिंग में एक समय निश्चित किया जाता है सेटलमेंट के लिए। जिसमे फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को समय के अनुसार पूरा किया जाता है दोनों पक्षों के जरिये।
आपको एक बात का हमेशा ध्यान रखना है की बिना जानकारी के फ्यूचर ट्रेडिंग नहीं करना है अगर आप बिना जानकारी के ट्रेड करते है फ्यूचर ट्रेडिंग में तो, आपका नुकसान होने के शिव कभी प्रॉफिट नहीं हो सकता है। क्यों की फ्यूचर ट्रेडिंग एक रिस्की ट्रेडिंग माना जाता है और यह बात 100% प्रतिशत सच है।
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आज आपने क्या सीखा: आज आपने फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना में सारी जानकारी प्राप्त की है। जैसे की: Future Trading क्या है, फ्यूचर ट्रेडिंग किस तरह से किया जाता है, फ्यूचर ट्रेडिंग को कब लागु किया गया, फ्यूचर ट्रेडिंग से कैसे लाखों कमा सकते है, फ्यूचर ट्रेडिंग में ध्यान देने वाली बात कौन सी है और साथ ही साथ हम जानेंगे की फ्यूचर ट्रेडिंग से हमें किस तरह का फायदा और नुकसान हो सकता है अगर ऐसे ही शेयर मार्किट से रिलेटेड न्यूज़ चाहिए तो हमे फॉलो करते रहे।
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मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने रीडर्स या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी डाउट है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं। मैं जरुर उन डाउट का हल निकलने की पूरी कोशिश करूँगा।
फॉरेक्स वीडियो ट्यूटोरियल
यह वीडियो एक ऐसी मुद्रा, भाव, और प्रसार के रूप में विदेशी मुद्रा बाजार के महत्वपूर्ण अवधारणाओं, करने के लिए परिचय। आप विदेशी मुद्रा बाजार पर संचालन के प्रारंभिक चरणों में इन उपकरणों का सामना करने जा रहे हैं। वीडियो सबक के लिए धन्यवाद, आप भारतीय नौसेना पोत और विदेशी मुद्रा प्रदर्शन के बहिष्कार को समझने में सक्षम और ज्ञान की आवश्यक गुंजाइश के साथ व्यापार के बारे में तय हो जाएगा।
मार्जिन ट्रेडिंग
इस वीडियो मार्जिन ट्रेडिंग जो विदेशी मुद्रा बाजार पर संचालन के मूल सिद्धांतों में से एक है के बुनियादी सिद्धांतों के प्रति समर्पित है। वीडियो सबक समझने के लिए कैसे एक निजी निवेशक को शामिल व्यापार वास्तव में पूरी हो जाती है की सुविधा होगी। तुम भी कैसे क्रम में सबसे अधिक लाभकारी और लाभदायक व्यापार सुनिश्चित करने के लिए सही लाभ उठाने के अनुपात का चयन करने के लिए सीखना होगा।
स्वैप
इस वीडियो स्वैप, विदेशी मुद्रा व्यापार का एक महत्वपूर्ण पहलू से संबंधित है। आप अच्छी तरह से समझते हैं कि कैसे स्वैप के साथ काम करने के लिए, या आप पहली बार के लिए एक ऐसा मुद्दा भर में आ, वीडियो सबक आप स्वैप के साथ काम करने में एक अंतर्दृष्टि पाने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह आप व्यापार रणनीति को ले जाने के सिखाना होगा।
तकनीकी विश्लेषण
वित्तीय बाजारों के विकास के पाठ्यक्रम में, विदेशी मुद्रा जादूगरों कि व्यापारियों बाजार आंदोलन की भविष्यवाणी करने के लिए सक्षम विश्लेषण के विभिन्न तरीकों बनाया है। इस वीडियो तकनीकी विश्लेषण बुनियादी बातों के लिए समर्पित है। आप वास्तव में क्या तकनीकी विश्लेषण तरीकों के आधार पर कर रहे हैं, और क्या सुविधाओं और डेटा का उपयोग कर रहे हैं सीखना होगा। इसके अलावा, आप अगर तकनीकी विश्लेषण विदेशी मुद्रा बाजार पर अपना ऑपरेशन सूट तय करने में सक्षम हो जाएगा।
फ्यूचर्स
इस वीडियो चिंताओं वायदा अनुबंधों के साथ काम कर रहे। वीडियो देख रहा है, आपको पता चल जाएगा कि क्या फर्क के लिए जिस तरह के ठेके बना रहे हैं, क्या पदनाम वायदा के विभिन्न प्रकार, और क्या वायदा शेयर बाजारों में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं के लिए उपयोग किया जाता है।
मुद्रा जोड़े
प्रत्येक मुद्रा जोड़ी अपनी विशिष्ट सुविधाओं की है। तो, अगर आप विदेशी मुद्रा बाजार पर सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए चाहते हैं, आप जानते हैं और ड्राइविंग बलों है कि मुद्रा की दरों में उतार-चढ़ाव को प्रभावित करने में सक्षम हैं समझना चाहिए। इस वीडियो सबसे अधिक कारोबार मुद्रा जोड़े के बारे में बताता है। वीडियो देख रहा है, आपको पता चल जाएगा क्या घटनाओं मुद्रा दर आंदोलनों, क्या आप के बारे में डर चाहिए, और क्या आप अच्छा व्यापार परिणाम हासिल करने के लिए उपयोग करना चाहिए पर सबसे अधिक प्रभाव डालती है।
Future and Option trading in hindi
Future and option – फ्यूचर और ऑप्शन | हिन्दी में |
कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों के आधार पर डेरिवेटिव को दो मुख्य भागों के बांटा गया है। जिन्हें की Future and option कहा जाता है।
1- फ्यूचर।
2- ऑप्शन।
Future and option प्रॉफिट को कमाने के लिए और उस ट्रेड में हो रहे नुकसान को सीमित करने के लिए जिससे कि हमको ज्यादा नुकसान न झेलना पड़े, उसके लिए, यह मार्केट में ट्रेड करने के लिए एक सही और बेहतर तरीका है।
Future and option एक दूसरे से अलग बहुत से कारणों से होते है। यह वास्तव में ट्रेडर के हो जोखिम को कम करता है। या फिर आप यह मान सकते हैं, इससे ट्रेडर ज्यादा नुकसान होने से बच सकता है।
Future and option एक डेरिवेटिव होते हैं। और फ्यूचर और ऑप्शन एसेट के प्राइस पर निर्भर करता है। इसमें अनुबंध ट्रेडर जो होता है, वह आने वाले समय में एसेट को खरीदने के लिए या फिर बेचने की अनुमति देता है।
Future and options दोनों के दोनों ही सारे मौलिक आधारों को समान रखा गया है, परंतु दोनों के अलग-अलग शर्तो और मापदंड होने के कारण ही दोनो को अलग रखा जा सकता है। इन दोनों में ही मार्केट प्राइस और मूवमेंट के बारे में अनुमान लगाकर अपने मुनाफे को कमाने और घाटे को कम से कम करने के साधन है।
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट जो होता है, वह खरीदार को सिर्फ अधिकार ही देता है, कॉन्ट्रेक्ट को नहीं। जबकि फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट जो होता है, वह खरीदार को एसेट को खरीदने के लिए और विक्रेता को एसेट बेचने के लिए एक निश्चित आने वाले समय की कीमतों पर आपको कन्फर्म करता है।
या फिर आप यह कह सकते हैं, कि यह एक निश्चित आने वाले समय की कीमतों पर काम को करने का वादा करता है। इसलिए ही जो ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होता है, वह केवल विक्रेता के लिए जरूरी होता है, जबकि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए ही जरूरी होता है।
ऑप्शन जो होता है, वह अपने ट्रेडर्स के बारे में या फिर उसकी योग्यताएं हमको प्रदान करता है, जो कि लगभग सारी रणनीतियों में उपयोग किया जाता है। जबकि फ्यूचर सरल और समझने में काफी आसान होता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग को पहले ही शुल्क के रूप में जमा या फिर देने की आवश्यकता होती है। जबकि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को उसके बड़ते या घटते चार्जेस को दिए बिना भी दर्ज किया जा सकता है। साथ ही फ्यूचर मार्केट जो होता है, उसमे ऑप्शन मार्केट की तुलना में ज्यादा रिस्क होता है।
ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट में लाभ की क्षमता जो फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना होती है, उसकी कोई सीमा नहीं होती है, अर्थात वह असीमित होती है। और फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट में लाभ और हानि दोनो की ही असीमित क्षमता होती है।
भारत में Future and option में अंतर –
1- फ्यूचर्स ट्रेडिंग में हमको बहुत कम घाटा उठाना पड़ता है, परन्तु ऑप्शन ट्रेडिंग में नहीं। क्योंकि फ्यूचर ट्रेडिंग ऑप्शन ट्रेडिंग के मुकाबले में बहुत कम जोखिम शामिल होता है।
2- फ्यूचर ट्रेडिंग, ट्रेडर को कॉन्ट्रेक्ट को पूरा करने के लिए एक अधिकार और दायित्व देता है। जबकि ऑप्शन ट्रेडिंग इस सारी सुविधाओ को नही देता है। अब उसमें चाहे तुम्हारा कॉन्ट्रैक्ट हो या फिर ना हो।
3- फ्यूचर ट्रेडिंग में लाभ और हानि की कोई सीमा नहीं होती है। मतलब की आपको इस ट्रेड के दौरान कितना भी लाभ हो सकता है, साथ ही आपको जितना लाभ हुआ है, उतना आपको घाटा भी हो सकता है, फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना इसमें कुछ बोला नहीं जा सकता है।
जबकि ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट जो होता है, उसमें खाली आपके नुकसान की एक लिमिट होती है। ओर आपको फायदा कितना भी हो सकता है। लेकिन नुकसान आपका सीमित रहेगा।
4- फ्यूचर ट्रेडिंग को किसी भी अग्रिम शुल्क की आवश्यकता नहीं होती। मतलब की आपको इस ट्रेडिंग के दौरान पहले ही शुल्क देने की कोई जरूरत नहीं होती है। जबकि ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट में प्रवेश करते समय ही आपको मामूली भुगतान करने की आवश्यकता होती है। तभी ही आप उसमें ट्रेड कर सकते हैं।
यदि अब आप पूछते हैं, कि Future and option में से कौन सा बेहतर ऑप्शन रहेगा? तो आपको बता दें, कि यह ट्रेडिंग की वरीयता, जोखिम उठाने की क्षमता, समय, अन्य बहुत से कारक और निवेश के उद्देश्यों पर निर्भर करता है। क्योंकि प्रत्येक चीज के फायदे जहां होते हैं, तो उसके कहीं न कहीं नुकसान भी जरूर होते हैं।
साथ में आपको यह भी बता दें कि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट जो होता है, वह आपके एक निश्चित संभावित लाभ के लिए आपकी सहायता करता है। जबकि ऑप्शन ट्रेड जो होता है, वह आपके नुकसान को कम करने में मदद करता है।