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डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?

डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?

Rupee vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया हुआ मजबूत, यूरो लुढ़का; जानें क्या होगा इसका असर

Rupee vs Dollar Price Today बुधवार को रुपये की कीमत में सुधार आया और यह डॉलर की तुलना में लगभग 9 पैसे मजबूत हुआ। लेकिन यूरो में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इन दिनों दुनिया भर के बाजारों में अस्थिरता का दौर चल रहा है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो/बिजनेस डेस्क। बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरते हुए 9 पैसे चढ़कर 79.24 पर पहुंच गया। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.29 पर खुला। शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? डॉलर के मुकाबले रुपये का स्तर 79.24 से 79.34 के बीच देखा गया। पिछले सत्र में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.33 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।

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एक ओर जहां रुपये की कीमत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, वहीं अब यूरोपीय देशों की मुद्रा यूरो का हाल भी बेहाल है। मंगलवार को रुपया लुढ़ककर अपने रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। वहीं यूरो अमेरिकी डालर के मुकाबले 20 साल के निचले स्तर 1.029 डालर पर आ गया है। इसे यूरो जोन (Eurozone) में मंदी के खतरे के रूप में देखा जा रहा है।

बढ़ते ट्रेड घाटे से डूबा रुपया

अगली दो तिमाहियों में विकास दर फिर से पकड़ेगी रफ्तार

जून माह में बढ़ते आयात के आंकड़ों ने घरेलू मुद्रा बाजार को और हलकान कर दिया है। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया एक दिन में 41 पैसे कमजोर हो कर 79.36 के स्तर पर बंद हुआ है। वैश्विक बाजार में अनिश्चितता के साथ ही डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? बाजार से जिस तेजी से विदेशी संस्थागत निवेशक अपना निवेश वापस ले रहे हैं उसे देखते हुए भी रुपये के भाव अभी कमजोर ही रहने के कयास लगाये जा रहे हैं। बाजार के जानकार अब मानने लगे हैं कि रुपये के 80 के स्तर को पार करने में अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के स्तर पर भी रुपये को बहुत थामने की कोशिश होती नहीं दिख रही है।मंगलवार को कारोबारी दिन के दौरान रुपया 79.04 के स्तर पर खुला और बाद में यह 79.38 के स्तर तक गया। एक कारोबारी दिन में 41 पैसे की कमजोरी हाल के दिनों में बड़ी गिरावट कही जाएगी। इसके लिए अधिकांश विशेषज्ञ एक दिन पहले केंद्र सरकार की तरफ से जारी कारोबारी डाटा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जून महीने डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? में भारत ने 38 अरब डॉलर का निर्यात किया है जबकि 63.6 अरब डॉलर का आयात किया है। यानी आयात के मुकाबले निर्यात (कारोबार घाटा) 26.6 अरब डॉलर का रहा है। इससे चालू खाता में घाटा (देश से बाहर जाने वाली विदेशी मुद्रा और देश में आने वाली विदेशी मुद्रा का अंतर) पहली तिमाही में 30 अरब डॉलर के करीब होने की संभावना डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? जताई जा रही है जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में सिर्फ 13 अरब डॉलर थी। चालू खाता में घाटा का सीधा असर देश की महंगाई पर होता है। लिहाजा रुपये की कीमत पर इसका असर पड़ा है। कोटक महिंद्रा की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका में जिस तेजी से ब्याज दरें बढ़ी हैं, उससे ऐसा लगता है कि दूसरी वैश्विक मुद्राओं की तरफ डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? भारतीय रुपये पर भी दबाव जारी रहेगा। ट्रेड घाटे में हो रही वृद्धि, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के आसार और वैश्विक इकोनोमी में गिरावट की आशंका का असर भी होगा। रुपया 78.5 से 80 के बीच अभी बना रहेगा। पिछले दिनों सोना आयात पर लगाम लगाने की सरकार की कोशिश का भी असर नहीं हुआ है।

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क्या होगा असर

बहरहाल, रुपये की यह कमजोरी उस हर चीज की कीमतों पर असर डालेगी जिसका हम ज्यादा मात्रा में बाहर से आयात करते हैं। मसलन, पेट्रोलियम उत्पाद। घरेलू बाजार में इनकी खुदरा कीमत तय होने में रुपये और डॉलर का तालमेल काफी अहम भूमिका निभाता है। अगर क्रूड सस्ता हो रहा हो और रुपये की कीमत में गिरावट भी जारी हो तो आम जनता को सस्ते क्रूड का फायदा नहीं मिल पाता। क्योंकि तेल कंपनियों को क्रूड आयात करने में ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ती है

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यूरो जोन पर मंदी का खतरा

यूरोपीय संघ के सांख्यिकीय कार्यालय के अनुसार, यूरो क्षेत्र में वार्षिक मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 8.6 प्रतिशत हो गई, जो मई में 8.1 प्रतिशत थी। इससे यूरोजोन पर मंदी का खतरा मंडराने लगा है। गौरतलब है कि अमेरिकी समकक्ष की तुलना में, इसीबी अपनी मौद्रिक नीतियों को सख्त करने में कम आक्रामक है। इससे यूरो के और कमजोर पड़ने का खतरा बढ़ा है।

लगातार काफी समय की गिरावट के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में नज़र आई मजबूती

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आज पूरे विश्व में सिर्फ एक ही मामले की चर्चा है और वह है यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध। इस युद्ध के चलते सबसे ज्यादा असर शेयर मार्केट पर देखने को मिला है पर इसमें लगातार काफी समय तक भारी गिरावट देखने को मिलती रही और शेयर मार्केट (Share Market) में दर्ज हुई गिरावट का असर भारत के रूपये पर पड़ता रहा है। डॉलर के मुकाबले इसमें अब तक रिकॉर्ड स्तर की गिरावट दर्ज हो चुकी है। हालांकि, आज गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती देखने को मिली है।

रुपये में दर्ज हुई मजबूती :

दरअसल, बीते काफी समय से रुपये में गिरावट का दौर जारी था, जबकि, डॉलर लगातार मजबूत होता नज़र आता रहा है।ऐसे डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? में भारत में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच आज गुरुवार को भारतीय करेंसी में कुछ रिकवरी दिखाई दी है और भारतीय रुपये अमेरिकी डॉलरकी तुलना में 67 पैसे मजबूती के साथ बंद हुआ। जबकि, मंगलवार को रुपया डॉलर की तुलना में 7 पैसे की तेजी के साथ बंद हुआ था। वहीँ, आज भारतीय रुपया 67 पैसे मजबूती के साथ 82.14 रुपये प्रति डॉलर पर आ पहुंचा है।

पिछला ट्रेडिंग सेशन :

पिछले ट्रेडिंग सेशन की बात करें तो, उस दौरान डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत 82.81 पर जाकर बंद हुई थी और आज शुरुआती ट्रेड में इसकी कीमत में 82.14 रुपये प्रति डॉलर का लेवल देखने को मिल गया। जबकि, बुधवार को फॉरेक्स मार्केट दीवाली के चलते बंद थे। भारत में रुपये में आई मजबूती से ट्रेडर्स को राहत मिली है। इससे करेंसी मार्केट में भी रुपये को सपोर्ट मिल रहा है। जिससे इसकी कीमत में सुधार देखा गया है। उधर इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज की बात करें तो वहां, घरेलू करेंसी 82.15 के लेवल पर खुली। जबकि, मंगलवार से ही यहां हल्की तेजी देखने को मिल रही है।

जानकारों का कहना :

करेंसी मार्केट की जानकारी रखने वाले जानकारों का कहना है कि, 'डॉलर इंडेक्स के 110 के लेवल से नीचे जाने पर रुपये को मजबूती मिली और ये बढ़त डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? के साथ खुलने में कामयाब रहा।डॉलर की कीमतों में गिरावट के पीछे कारण बताया जा रहा है कि आगामी महीने यानी नवंबर 2022 में अमेरिका में फेडरल रिजर्व के दरों में उम्मीद से कम बढ़ोतरी का अनुमान है और इस रुझान का असर डॉलर के दाम पर देखा जा रहा है।'

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रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है

डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है. The post रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है appeared first on The Wire - Hindi.

डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)

पुणे: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक मजबूती से खड़ा रहा है.

डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिर जाने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय रुपये की स्थिति पर लगातार करीबी नजर रखे हुए हैं.

सीतारमण ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘अगर मुद्राओं के उतार-चढ़ाव की मौजूदा स्थिति में किसी एक मुद्रा ने अपनी स्थिति डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? को काफी हद तक बनाए रखा है तो यह भारतीय रुपया ही है. हमने काफी अच्छी तरह इस स्थिति का सामना किया है.’

उन्होंने रुपये की गिरती कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की जरूरत है.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81.09 रुपये डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था. पिछले कुछ महीनों में रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आई है.

गुरुवार को रुपया एक ही दिन में 83 पैसे तक लुढ़क गया जो पिछले सात महीनों में आई सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है.

यह लगातार तीसरा दिन था जब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखी गई. इन तीन दिनों में रुपये की कीमत 124 पैसे प्रति डॉलर तक गिर गई थी.

जानकारों का मानना है कि साल की शुरुआत में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बढ़े भू-राजनीतिक तनाव ने डॉलर की तुलना में दूसरी मुद्राओं की स्थिति को कमजोर किया है. इसके अलावा बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि की है जिससे मुद्राओं पर दबाव बढ़ा है.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया कहना है, ‘इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार नए निचले स्तर की तरफ बढ़ा है. हालांकि दुनिया की अधिकतर मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले दबाव का रुख बना हुआ है.’

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसंधान विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘भारतीय रुपये ने अप्रैल 2021 के बाद एक मजबूत डॉलर सूचकांक के बीच सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की है….’

इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.72 प्रतिशत चढ़कर 112.15 पर पहुंच गया था.

विपक्ष ने साधा था मोदी सरकार पर निशाना

गुरुवार को कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और भारतीय रिजर्व बैंक के एक कथित परिपत्र (सर्कुलर) का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने कदमों से स्थिति सुधारने की बजाय आग में घी डाल रही है.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया था कि मोदी सरकार के उस फैसले से रुपया लगातार नीचे की ओर जा रहा है जिसमें मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को एक अरब डॉलर के मूल्य तक की भारतीय मुद्रा को अमेरिकी मुद्रा में तब्दील करवाने की अनुमति दी गई है.

वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘मोदी जी आप कहते थे कि रुपया गिरता है तो सरकार की साख गिरती है, अब आप बताइए कि कितनी साख गिरेगी?’’

उनका कहना था, ‘रिजर्व बैंक ने एक 22 अगस्त को एक परिपत्र जारी किया जिसके अनुसार, पिछले तीन साल तक मुनाफे में रहने वाली कंपनी एक अरब डॉलर तक की कीमत में रुपये को अमेरिकी मुद्रा में बदलवा सकती है. इससे मध्यवर्ग पर असर पड़ेगा, उपचार महंगा होगा, पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाएगा.’

वल्लभ ने सवाल किया, ‘मोदी जी, हम जवाब जानते हैं कि आपने रुपये की गिरती कीमत में आग में घी डालने का काम क्यों किया? यह बताइए कि इस परिपत्र से किसे फायदा मिला?’

रुपये में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी, 74.19 रुपये प्रति डॉलर पर बंद

मुंबई, चार अगस्त (भाषा) घरेलू शेयर बाजार में आई तेजी के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में मजबूती आई। अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को रुपया नौ पैसे की तेजी के साथ 74.19 (अस्थायी) प्रति डालर पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सुबह रुपया 74.16 पर खुला तथा कारोबार के दौरान ऊंचे में 74.08 और नीचे में 74.19 तक गया। अंत में यह पिछले सत्र के मुकाबले नौ पैसे की तेजी के साथ 74.19 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मंगलवार को रुपया 74.28 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सुबह रुपया 74.16 पर खुला तथा कारोबार के दौरान ऊंचे में 74.08 और नीचे में 74.19 तक गया। अंत में यह पिछले सत्र के मुकाबले नौ पैसे की तेजी के साथ 74.19 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

मंगलवार को रुपया 74.28 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत की तेजी के डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? साथ 92.09 हो गया।

वहीं, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 546.41 अंक उछलकर रिकार्ड 54,369.77 अंक पर बंद हुआ।

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