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ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?

ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?
संगमरमर (Marble) की फर्श 100 से अधिक वर्षों तक चल सकता है। इस्तेमाल होने पर इनका चमक कम हो जाता है, इसलिये पॉलिश करवाया जाता है जिससे ये फिर नये जैसे दिखने लगेंगे।

टोयोटा इनोवा क्रिस्टा कलर

टोयोटा ने इनोवा क्रिस्टा पेट्रोल का एक लिमिटेड एडिशन लॉन्च किया है। यह इसके बेस मॉडल जीएक्स पर बेस्ड है। इस लिमिटेड एडिशन में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, वायरलेस चार्जिंग और हेड-अप डिस्प्ले जैसे फीच

टोयोटा ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? ने अगस्त 2022 के मध्य में इनोवा क्रिस्टा के डीजल वेरिएंट्स की बुकिंग बंद कर दी थी। अब कंपनी ने डीजल वेरिएंट्स की बुकिंग बंद करने के कारणों पर अपनी सफाई दी है।

अभी ये जानकारी नहीं मिली है कि कंपनी ने इसकी बुकिंग स्थाई तौर पर बंद की है या अस्थाई तौर पर।

अंतरराष्ट्रीय मार्केट में एक एमपीवी कार को टेस्टिंग के दौरान देखा गया है। कहा जा रहा है कि यह नई जनरेशन की टोयोटा इनोवा हो सकती है। मौजूदा जनरेशन की इनोवा 2016 से बिक्री के लिए उपलब्ध है और 2020 में इ

Hero New Launch: ब्लूटूथ, यूएसबी चार्जर जैसे फीचर्स के साथ मार्केट में आई स्प्लेंडर प्लस एक्सटीईसी, जानिए इसकी कीमत और खासियत

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हीरो स्प्लेंडर ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? को लोग काफी पसंद करते हैं, दशकों से इसने ग्राहकों के दिलों पर राज किया है। मीडिल क्लास वर्ग में इस बाइक की काफी मांग है। जिसे देखते हुए कंपनी समय-समय पर बाइक के नए मॉडल लॉन्च करती रहती है।

इसी क्रम में पांच साल की वारंटी के साथ स्प्लेंडर ने अपनी नई बाइक स्प्लेंडर+ एक्सटीईसी को लॉन्च कर दिया है। 100 सीसी की इस बाइक की शुरूआती कीमत एक्सशोरूम 72,900 रुपये रखी गई है। इसमें कई नए फिचर और कई तकनीक दी गई है।

बाइक के फीचर्स
अगर हम स्प्लेंडर+ एक्सटीईसी के फीचर्स की बात करें तो इसमें ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ डिजिटल मीटर, कॉल और एमएमएस अलर्ट, रियल टाइम माइलेज इंडिकेटर (आरटीएमआई), यूएसबी चार्जर, एलईडी हाईइंटेंसिटी लैंप, साइड इंजन कट ऑफ, लॉ फ्यूल इंडीकेटर के साथ मीटर पूरी तरह ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? से डिजिटल मिलेगा।

विस्तार

हीरो स्प्लेंडर को लोग काफी पसंद करते हैं, दशकों से इसने ग्राहकों के ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? दिलों पर राज किया है। मीडिल क्लास वर्ग में इस बाइक की काफी मांग है। जिसे देखते हुए कंपनी समय-समय पर बाइक के नए मॉडल लॉन्च करती रहती है।

इसी क्रम में पांच साल की वारंटी के साथ स्प्लेंडर ने अपनी नई बाइक स्प्लेंडर+ एक्सटीईसी को लॉन्च कर दिया है। 100 सीसी की इस बाइक की शुरूआती कीमत एक्सशोरूम 72,900 रुपये रखी गई है। इसमें कई नए फिचर और कई तकनीक दी गई है।

बाइक के फीचर्स
अगर हम स्प्लेंडर+ एक्सटीईसी के फीचर्स की बात करें तो इसमें ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ डिजिटल मीटर, कॉल और एमएमएस अलर्ट, रियल टाइम माइलेज इंडिकेटर (आरटीएमआई), यूएसबी चार्जर, एलईडी हाईइंटेंसिटी लैंप, साइड इंजन कट ऑफ, लॉ फ्यूल इंडीकेटर के साथ मीटर पूरी तरह से डिजिटल मिलेगा।

चार रंग में उपलब्ध है बाइक
स्प्लेंडर+ एक्सटीईसी i3s टेक्नोलॉजी के साथ ग्राहकों को मिलेगी। जिसे कंपनी ने चार अलग-अलग रंगों में बाजार में उतारा है। जिसमें स्पार्किंग बीटा ब्लू, कैनवास ब्लैक, टोनार्डो ग्रे और पर्ल व्हाइट शामिल हैं। पहली बाइकों के मुकाबले इसे काफी आकर्षक लुक दिया गया है।

Royal Enfield ने एक साल में दो बार बाइक की कीमतों में की बढ़ोतरी, देखें यहां पूरी लिस्ट

Royal Enfield ने एक साल में दो बार बाइक की कीमतों में की बढ़ोतरी, देखें यहां पूरी लिस्ट

डीएनए हिंदी: Royal Enfield युवाओं की शुरू से पसंदीदा बाइक्स में से एक है. इसका स्टर्डी लुक इसे और भी बेहतरीन बनाता है. फिलहाल Royal Enfield की बाइक को खरीदने वालों को झटका लग सकता है. कंपनी ने हाल ही में अपनी प्रोडक्शन लाइन में इसकी कीमतों में इजाफा कर दिया है. चेन्नई की इस बाइक प्रोडक्शन कंपनी ने साल में दूसरी बार मोटरसाइकिल्स की कीमतों में वृद्धि की है.
Royal Enfield ने अपनी Scram 411, Meteor 350, Himalayan 411 और सबसे लोकप्रिय Classic 350 की बाइक्स की कीमतों में बढ़ोतरी की है. वहीं कंपनी ने Bullet 350 पर 3,110 और Classic 350 में 2,846 रुपये की वृद्धि की है. आइए जानते हैं कीमतों में वृद्धि के बाद इन बाइक्स की कीमतें बाजार में कितनी हो गई हैं.

Career Benefits of Learning Ethical Hacking: एथिकल हैकिंग सीखने के करियर लाभ क्या है व एथिकल हैकर कौन होते है

साइबर-सुरक्षा सबसे तेजी से विकसित होने वाले डोमेन में से एक है और यह तब से फल-फूल रहा है जब से इसने आईटी बाजार में अपनी शुरुआत की है। इस डिजिटल दुनिया में जहां उपकरणों के इंटरनेट (IoT) का बोलबाला है कि हम इंटरनेट के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं और हमारा डेटा विभिन्न सर्वरों या क्लाउड सिस्टम के आसपास कैसे घूमता है, शुरू करने के लिए, सुरक्षा मुद्दे होना तय है। हैकर्स और साइबर-अपराधी पहले से ही इन उपकरणों की सुरक्षा के भीतर मौजूद खामियों और सुरक्षा मुद्दों को खोजने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और जो भी डेटासेट वे वहां पा सकते हैं, उसकी खेती कर रहे हैं।

एथिकल हैकिंग क्या है?

एथिकल हैकिंग एल्गोरिदम और प्रक्रियाओं के एक सुसंगत सेट को विकसित करने और डिजाइन करने की एक प्रक्रिया है जिसे सिस्टम या नेटवर्क की सुरक्षा की जांच के लिए लागू किया जाता है। मुख्य रूप से इस परीक्षण के दौरान कमजोरियों का पता लगाया जाता है और उनका आकलन किया जाता है और यदि पाया जाता है तो उन्हें मिटाने के लिए कुछ कार्रवाई की जाती है और यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रणाली को स्वीप किया जाता है कि ये कहीं और न हों। एथिकल हैकर्स इस डोमेन के विशेषज्ञ हैं जो एथिकल हैकिंग है और वे इन उपकरणों और प्रणालियों को विकसित करने के प्रभारी हैं जो उन्हें उक्त घटक की भेद्यता की जांच करने में मदद कर सकते हैं चाहे नेटवर्किंग या भंडारण से संबंधित हो।

ग्रेनाइट और मार्बल लगवाने का रेट, कुल खर्च की जानकारी (Marble fitting cost with Rate)

शुरू से ही लोगों में संगमरमर (Marble) के प्रति काफी आकर्षण रहा है, क्योंकि ये किसी स्थान के सौंदर्य मूल्य (Aesthetic Value) को बढ़ाने में मदद करता है। मार्बल और ग्रेनाइट पत्थर का फर्श महंगा होता है, अगर हम इसकी तुलना टाइलों से करें तो।

आमतौर पर आधुनिक घरों में 'सीढ़ियों के लिए ग्रेनाइट' और 'फर्श में मार्बल' लगवाने की सलाह दी जाती है, जो की 100 से अधिक वर्षों तक चल सकता है। फर्श में मार्बल/ग्रेनाइट लगवाने के दौरान होने वाले खर्च की पुरी जानकारी यहाँ दी गई है।

मार्बल या ग्रेनाइट लगवाने में कितना पैसा खर्च लगेगा?

ग्रेनाइट या मार्बल लगवाने का कितना पैसा लगेगा, ये निर्भर करता है फर्श का एरिया (क्षेत्रफल) और पत्थर की किस्म पर। अगर मार्बल की बात ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? करें तो, इंडिया में इसको लगवाने का न्यूनतम खर्च Rs. 160 प्रति स्क्वायर फीट है -एक सामान्य प्रकार के संगमरमर-पत्थर के लिये। इसमें मार्बल और मिस्त्री का रेट शामिल होता है। इसी प्रकार, ग्रेनाइट (Granite) लगवाने का खर्च Rs. 140 प्रति स्क्वायर फीट है।

मार्बल लगवाने का खर्च (Marble fitting cost in 2021) :

Rs. 160 - 330 प्रति स्क्वायर फीट (मार्बल की कीमत + मिस्त्री का रेट + अन्य खर्चें)

मार्बल लगाने वाला मिस्त्री का रेट (Marble mistri rate):

मार्बल फिटिंग के लिए मिस्त्री का खर्च लगभग 20 से 40 रुपये प्रति स्क्वा. फीट के बीच होती है। इसके अलावे मार्बल पॉलिश (घिसाई) का रेट लगभग 8 से 20 रुपये प्रति स्क्वायर फीट है। इस तरह कुल लेबर रेट 28 से 60 रुपये प्रति स्क्वा. फीट हो जाता है।

एक रूम में ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? मार्बल लगवाने का खर्च:

उदाहरण के लिए, 10 x 12 फीट के एरिया का रूम लेते है जिसमें मार्बल लगवाना है।

10 x 12 = 120 स्क्वायर फीट (क्षेत्रफल)

समान्य मार्बल का मूल्य Rs. 120 प्रति स्क्वायर फीट है।

इसलिये, 120 x 120 = 14,400

मिस्त्री/लेबर खर्च 35 रुपये प्रति स्क्वायर फीट मानते हुये, 120 x 35 = 42,00

ग्रेनाइट बॉर्डर 12 स्क्वा. फीट, 12 x 110 = 1320

ग्रेनाइट बॉर्डर फिटिंग रेट (रनिंग फीट में) 25 x 40 = 1000

ग्रेनाइट बॉर्डर का खर्च 1320+1000 = 2320

फिक्सिंग मटेरियल का खर्च:

1 रूम में 4 बैग सीमेंट, 1 बैग वाइट सीमेंट, 25 C.ft रेत लगता है,

सीमेंट 4 x 300 = 1200

वाइट सीमेंट 1 x 900 = 900

रेत 25 x 50 = 1250

1200+900+1250 = 3350

मार्बल+मिस्त्री+ग्रेनाइट बॉर्डर+फिक्सिंग मटेरियल = 14,400+42,00+2320+3350 = Rs. 24270

एक सीढ़ी रूम में ग्रेनाइट लगवाने का कितना पैसा खर्च आएगा?

उदाहरण के लिए, 7 x 14 फीट के एरिया का सीढ़ी रूम लेते है जिसमें ग्रेनाइट लगवाना है।

इतने एरिया में स्कार्टिंग, लगभग 20 सीढ़ी स्टेप में करीब 140 स्क्वा. फीट ग्रेनाइट लगेगा (अनुभव पर आधारित),

ग्रेनाइट की कीमत Rs. 110 प्रति स्क्वा. फीट लेते है,

इसलिये, 140 x 110 = 15,400

फिटिंग रेट 30 रुपये प्रति स्क्वायर फीट मानते हुये, 140 x 30 = 42,00

ग्रेनाइट बॉर्डर घिसाई रेट Rs. 40 प्रति रनिंग फीट लेते है,

ग्रेनाइट घिसाई (मौल्डिंग) का खर्च 60 x 40 = 2400

फिक्सिंग मटेरियल का खर्च:

सीमेंट 4 x 300 = 1200

रेत 25 x 50 = 1250

1200+1250 = 2450

ग्रेनाइट+फिटिंग+ग्रेनाइट-घिसाई+फिक्सिंग मटेरियल = 15,400+42,00+2400+2450 = Rs. 24450

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