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के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी

के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी
कार्डानो प्लूटस स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट। स्रोत: कार्डानो ब्लॉकचेन इनसाइट्स

मन की बात में बोले मोदी, भारत को G20 की अध्यक्षता मिलने से देश भर के लोग गौरवान्वित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (27 नवंबर 2022) को सुबह 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी के 95वें संस्करण को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि हम मन की बात के 100वें एपिसोड की ओर बढ़ रहे हैं। भारत के लोगों से जुड़ना मेरे लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।

मन की बात के 95वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा कि देश भर के लोगों ने मुझे लिखा है कि वे कितने गौरवान्वित हैं कि भारत को G20 की अध्यक्षता मिली है। अमृत ​​काल के तहत भारत को यह जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले ही मुझे तेलंगाना से हरिप्रसाद गारू ने के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी हाथ से G-20 के लोगो बुनकर भेजा है। ये शानदार उपहार देखकर मैं हैरान रह गया। मेरे मन में विचार आया कि तेलंगाना में बैठा व्यक्ति में G-20 सम्मेलन से खुद को कितना जुड़ा हुआ महसूस करता है।”

G20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक अवसर

पीएम मोदी ने कहा, “G20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक अवसर है। हमें वैश्विक भलाई पर ध्यान देना है, शांति हो, एकता हो या सतत विकास, इन चीजों से जुड़ी चुनौतियों का समाधान भारत के पास है। हमने ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम दी है, उससे वसुधैव कुटुम्बकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर होती है।”

अंतरिक्ष क्षेत्र (Space Sector) में भारत की बढ़ती उपलब्धियां

मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा, “18 नवंबर को भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक उपलब्धि हासिल की जब एक रॉकेट ‘विक्रम S’ को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। इसे निजी क्षेत्र द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया था और इसमें कई नई विशेषताएं हैं।” PM मोदी ने कहा कि भारत स्पेस के सेक्टर में अपनी सफलता अपने पड़ोसी देशों से भी साझा कर रहा है। कल ही भारत ने एक सैटेलाइट लॉन्च की, जिसे भारत और भूटान ने मिलकर विकसित किया है। इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग भारत-भूटान के मज़बूत संबंधों का प्रतिबिंब है।

60 प्रतिशत बढ़ा इलेक्ट्रिकल म्यूज़िकल इन्स्ट्रुमेंट का निर्यात

PM मोदी ने मन की बात में कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुछ दिन पहले हमने देखा कि कैसे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में ड्रोन के जरिए सेब ट्रांसपोर्ट किए गए। बीते आठ वर्षों में भारत से संगीत वाद्य यंत्रों का निर्यात साढ़े तीन गुना बढ़ गया है जबकि Electrical Musical Instruments का निर्यात 60 प्रतिशत बढ़ा है। इससे पता चलता है कि भारतीय संस्कृति और संगीत की लोकप्रियता दुनिया में बढ़ रही है।

मार्केट में प्लास्टिक के चावल का खेल जोरो से जारी, असली और नकली में पहचान करना मुश्किल, जानिए पहचान करने का सही तरीका

Plastic Rice

चावल हमारे भारतीय खाने का एक अहम हिस्सा है। लगभग हर मील में थोड़े से चावल जरूर के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी बनाए जाते हैं और लोग इसे बड़े चाव से खाना पसंद भी करते हैं। लेकिन अगर हम कहें कि आपकी थाली में परोसा जा रहा चावल प्लास्टिक का बना हो सकता है, तो आप क्या कहेंगे? जी हां, इन दिनों मार्केट में नकली चीजों का कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। आपकी थाली में आने वाला चावल भी नकली हो सकता है, क्योंकि इन दिनों प्लास्टिक के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी के चावल धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं और यह चावल सेहत के लिए बेहद हानिकारक भी हो सकते हैं। इससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

चीन ने शुरू किये प्लास्टिक के चावल

पड़ोसी देश चीन में कई चीजों की बढ़िया कॉपी बनाई जाती है। चाहे वह प्लास्टिक के अंडे ही क्यों ना हो। अब इससे आगे बढ़ते हुए चीन में प्लास्टिक के चावल बनने लगे हैं, जो दिखने में बिल्कुल असली चावल की तरह लगते हैं। लेकिन इन्हें खाने के बाद पेट दर्द से लेकर कई गंभीर समस्या हो सकती है। ऐसे में हमें नकली चावल खाने से बचना चाहिए।

असली और नकली चावल की पहचान के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी का सही तरीका

1. असली बासमती चावल की सबसे बड़ी पहचान होती है इसकी खुशबू। बासमती की खुशबू से हम समझ सकते हैं कि यह चावल असली है या नकली। असली बासमती चावल में भीनी सी खुशबू आती है, जबकि नकली चावल में कोई खुशबू नहीं होती है।

2. बासमती चावल को आप उसकी चमक से भी पहचान सकते हैं। यह पारदर्शी और चमकदार होता और जब से पकाया जाता है तो यह साइज में दोगुना हो जाता है, जबकि नकली चावल साइज में ज्यादा बढ़ता नहीं है और मटमैला सा के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी होता है।

3. नकली चावल को पहचानने के लिए आप चावल के कुछ सैंपल ले लीजिए। अब थोड़ा सा चूना और पानी मिलाकर एक घोल तैयार कर लें। अब इस गोल में चावल को भिगोकर रख दें। कुछ समय बाद चावल का रंग अगर बदलता है तो समझ जाएं कि यह नकली चावल है।

4. थोड़े से चावल को आग में लगाकर देखें। अगर इसमें से अजीब सी प्लास्टिक के जलने जैसी गंध आए, तो समझ जाएं कि यह प्लास्टिक के चावल है। असली चावल जलकर काला हो जाता है।

5. चावलों को उबालने के बाद इसके बर्तन के ऊपरी हिस्से में मोटी सी परत नजर आने लगती है, तो समझ जाए के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी की चावल में कुछ गड़बड़ है। यह नकली चावल को पहचानने की एक और तकनीक है।

6. नकली चावल को आप किसी गर्म चीज पर डालेंगे, तो तुरंत पिघलना शुरू कर देता है। जबकि असली चावल पिघलता नहीं है, बल्कि पकना शुरू कर देता है।

7. असली चावल एक या दो दिन बाद सड़ने लगता और इसमें से अजीब सी बदबू आने लगती है। जबकि अगर प्लास्टिक के चावल को 1-2 दिन बाहर रखेंगे भी तो इसमें से बदबू नहीं आएगी और यह जल्दी सड़ेगा भी नहीं।

2022 में कार्डानो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या 300% से अधिक बढ़ी

कार्डानो (एडीए) नेटवर्क पर स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट फीचर की शुरुआत के बाद से, मीट्रिक बढ़ी हुई वृद्धि दर्ज कर रहा है, जिससे नेटवर्क इंच को एथेरियम (ईटीएच) जैसे स्थापित प्लेटफॉर्म से जूझने में मदद मिल रही है।

26 नवंबर तक, कार्डानो के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफॉर्म प्लूटस पर आधारित स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल संख्या 3,791 थी। 1 जनवरी को 947 स्मार्ट अनुबंध रिकॉर्ड करने के बाद, मूल्य 2022 में 300% या 2,844 की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है, डेटा से पुनर्प्राप्त किया गया कार्डानो ब्लॉकचेन इनसाइट्स दिखाता है।

कार्डानो प्लूटस स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट। स्रोत: कार्डानो ब्लॉकचेन इनसाइट्स

विशेष रूप से, कार्डानो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या में स्पाइक, नेटवर्क के विकास में वृद्धि के बाद सुविधा की कार्यक्षमता को बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। कार्डानो के अनुसार, टीम ने हाल ही में प्लूटस डिबगर एमवीपी स्क्रिप्ट क्षमता बढ़ाने पर काम किया, साथ ही प्लूटस टूल्स में पूर्ण बैबेज समर्थन के कार्यान्वयन के रोलआउट को अंतिम रूप दिया।

इसके अलावा, कार्डानो ने हाल ही में डेवलपर्स के लिए प्लूटस डीएपी संसाधन पृष्ठ लॉन्च किया। नई सुविधा का उद्देश्य शुरुआती लोगों को विकेंद्रीकृत ऐप्स (डीएपी) के बारे में जानने में सक्षम बनाना है, जबकि डेवलपर्स प्लूटस स्मार्ट अनुबंधों का उपयोग करके डीएपी बनाने के बारे में सीख सकते हैं।

स्मार्ट अनुबंधों की वृद्धि में तेजी आती है

यह ध्यान देने योग्य है कि कार्डानो के स्मार्ट अनुबंधों की संख्या में हाल के महीनों में तेजी आई है, जब प्लेटफॉर्म ने आधिकारिक तौर पर 22 सितंबर को वासिल हार्ड फोर्क अपग्रेड शुरू किया था। हार्ड फोर्क विकेंद्रीकृत वित्त (डेफी) नेटवर्क स्केलेबिलिटी में सुधार करना चाहता है।

दिलचस्प बात यह है कि फीचर पर वासिल के प्रभाव को लेकर शुरुआती चिंताओं के बावजूद स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट की वृद्धि हुई है। इस मामले में, समुदाय को डर था कि उन्नयन स्मार्ट अनुबंध की कार्यक्षमता के लिए हानिकारक होगा।

हालांकि, कार्डानो के संस्थापक चार्ल्स होस्किंसन ने कहा कि टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए सही कदम उठाए हैं कि स्मार्ट अनुबंध परिवर्तनों के अनुकूल हैं, जिससे पुनर्लेखन की आवश्यकता समाप्त हो गई है।

वास्तव में, स्मार्ट अनुबंधों के अलावा, क्रैडानो का ऑनचेन विकास नेटवर्क की बढ़ती लोकप्रियता का केंद्र रहा है। विशेष रूप से, टीम का ध्यान कार्डानो की मुख्य प्रौद्योगिकी और इसके लेस वॉलेट के विकास में सुधार पर रहा है। कुल मिलाकर, कार्डानो फाउंडेशन ने भी 2023 के लिए अपनी योजनाओं की रूपरेखा तैयार की है।

एडीए मूल्य कार्रवाई

इस बीच, एफटीएक्स क्रिप्टो एक्सचेंज पतन से प्रेरित क्रिप्टो बाजार गिरावट से कीमत एडीए अभी भी प्रभावित है। प्रेस समय के अनुसार, टोकन पिछले 24 घंटों में लगभग 1% की हानि के साथ $.32 पर कारोबार कर रहा था।

कार्डानो समुदाय का मानना ​​​​है कि अनुमानित गोद लेने के कारण चल रही नेटवर्क विकास गतिविधियां एडीए के मूल्य को बढ़ाएगी। इस पंक्ति में, कॉइनमार्केटकैप पर मूल्य अनुमान सुविधा का उपयोग करने वाले समुदाय ने भविष्यवाणी की कि एडीए 31 दिसंबर, 2022 को $ 0.41 के औसत मूल्य पर व्यापार करने के लिए 2022 को समाप्त कर देगा।

अस्वीकरण: इस साइट की सामग्री को निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए। निवेश सट्टा है। निवेश करते समय, आपकी पूंजी जोखिम में होती है।

2022 में कार्डानो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की पोस्ट संख्या 300% से अधिक हो गई, जो पहले फिनबोल्ड पर दिखाई दी।

एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है- Air Quality Index (AQI) कैसे काम करता है

वर्तमान समय में पुरी दुनिया में ज्यादातर देशों की वायु काफी ज्यादा प्रदूषित है ऐसे में सभी देश वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्याओं और स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से जूझ रहे हैं और इसका सबसे बड़ा उदाहरण वैश्विक समाज है जो की एक चुनौती के तौर पर उभरा है यदि देखा जाए तो विश्व की लगभग 90% से अधिक जनसंख्या आज भी प्रदूषित वायु में सांस लेने के लिए विवश है ऐसा नहीं है की इसे सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया जबकि कई देशों ने वैश्विक स्तर पर इसकी रोकथाम के लिए कई उपाय किए परंतु आज भी अधिकांश आबादियों को यह प्रभावित करने में अग्रसर रहा है भारत को ही देख लीजिए जहां पर राजधानी दिल्ली पिछले कई वर्षों से एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) सबसे के लिए 2023 बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है |

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Air Quality Index (AQI) Kya Hai?

एयर क्वालिटी इंडेक्स को वायु गुणवत्ता सूचकांक भी कहा जाता है।यह हवा की गुणवत्ता को मापने का एक प्रकार का पैमाना होता है जो की Air की Quality को व्यवस्थित रूप से मापने के लिए बनाया गया है वर्तमान समय में विश्व के विभिन्न देशों ने वायु की गुणवत्ता को मापने के लिए Air Quality Index (AQI) का निर्माण किया है जिसमें हवा में मौजूद 8 प्रदूषको जैसे NO2, SO2, CO, O3, NH3, Pb और PM10, PM2.5 की मात्रा को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंडों के अनुसार सूचीबद्ध करने का कार्य किया गया है। वर्तमान समय में AQI को छह कैटिगरी में बाटा गया है जो की अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब l,बहुत खराब और गंभीर है।

Air Quality Index

Air Quality Index Table

Sr.NoAQI RangeRating
10 से 50अच्छा
251 से 100संतोषजनक
3101 से 200थोड़ा प्रदूषित
4201 से 300खराब
5301 से 400बहुत खराब
6401 से 500गंभीर

वायु का प्रदूषित होने का मुख्य कारण क्या है?

  • जब हवा की गति में कमी आती है तो ऐसे Smog बनने लगता है जिससे सामने का सब कुछ धुंधला धुंधला दिखाई देता है।
  • किसी भी त्यौहार पर पटाखे फोड़ने से उसका धुआं वायु में जाकर घुल जाता है ऐसे में वायु प्रदूषित होने लगती है।
  • आज भी ग्रामीण क्षेत्र में खेतों में पराली जलाई जाती है जिसकी वजह से वायु प्रदूषण बढ़ता है।
  • वाहनों, कारखाने के द्वारा निकलने वाले धुएं से प्रदूषण में अत्यधिक वृद्धि देखने को मिलती है।
  • धूल की मात्रा अत्यधिक होने में हवा दूषित हो जाती है।।

Air Quality Index

PM 2.5 & PM 10 क्या है?

पीएम का जो फुल फॉर्म होता है वह Particulate Matter होता है जिसे कण प्रदूषण के नाम से भी जाना जाता है जब 2.5 माइक्रोमीटर वाले कण हवा में घुलते है तो उसे PM 2.5 और जब 10 माइक्रोमीटर वाले कण हवा में घुलते है तो उसे PM 10 की श्रेणी में रखा जाता है। यह वातावरण के अंतर्गत मौजूद ठोस कण और तरल बूंद के मिश्रण से बनता है और यह इतने सूक्ष्म होते हैं की इन्हें नंगी आंखों से देखना नामुमकिन होता है इसलिए इसको देखने के लिए Electron Microscope का सहारा लिया जाता है और दिल्ली जैसे शहरों में बढ़ रहे वायु प्रदूषण में सबसे ज्यादा मात्रा पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की देखी गई है जब इनका स्तर पर्यावरण में अधिक मात्रा में बढ़ने लगता है तो लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

Air Quality Index कैसे काम करता है?

विश्व के सभी देशों में एयर क्वालिटी इंडेक्स जो होता है वह प्रदूषण कारकों के आधार पर विभिन्न विभिन्न प्रकार का होता है यदि भारत में इसकी व्याख्या की जाए तो यह Ministry Of Environment, Forest & Climate Change के द्वारा लॉन्च किया गया है जो की एक संख्या, एक रंग, एक विवरण के आधार पर संचालित होता है जैसा की हम सब जानते हैं की वर्तमान समय में भारत की आधे से ज्यादा आबादी जो है वह शिक्षित नहीं है इस वजह से उन्हें प्रदूषण की गंभीरता समझाने के लिए सरकार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इस वजह से उन्हें समझाने के लिए रंगों का इस्तेमाल किया जाता है

जो की रीडिंग के आधार पर 6 Category में बांटे गए हैं जिसके बारे में हमने आपको उपरोक्त बताया है यदि 0 से 50 के बीच AQI है तो वह अच्छा,51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच थोड़ा प्रदूषित,201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 400 से 500 के बीच गंभीर की श्रेणी में रखा गया है। इस प्रकार से देश में Air Quality Index (AQI) को व्यापक तौर पर कार्य करना होता है।

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