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अगर खुद निवेश कर रहे हैं

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500 रुपये के साथ निवेश करना – जानें इसे करने के शीर्ष 5 तरीके

भले ही आपकी बचत या निवेश की मात्रा कितनी भी कम क्यों न हो, लेकिन आपको निवेश की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरुआत करने की जरूरत है। यह प्रक्रिया आपको अपने जीवन के लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए आर्थिक योजना की तैयारी में मदद करेगी।

Table of Contents
एक क्रमबद्ध निवेश अथार्त सिस्टेमिक इन्वेस्टमेंट (systematic investment) शुरू करें
500 रुपये से किसी कंपनी का शेयर खरीदें
एक Recurring Deposit (RD) Account शुरू करें
500 रुपये से एक पुस्तक में निवेश करें
खुद को शिक्षित करे
मुख्य तथ्य है

एक हजार मील की यात्रा एक कदम के साथ शुरू होती है।

जब मैं कॉलेज में था, मैं पैसे जमा करने और विभिन्न तरीकों से निवेश करने की कोशिश करता था। हालांकि मैं हर महीने 500 रुपये बचा सकता था, लेकिन मैं इसे नियमित रूप से निवेश करना सुनिश्चित करूंगा।

मार्किट एक्सपर्ट्स से शेयर बाजार सीखे सरल भाषा में

यह जानने के लिए कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किन निवेश साधनों में निवेश कर सकते हैं, आप Kredent Money App की मदद से कर सकते हैं।

इस ब्लॉग में, मैंने 500 रुपये प्रति माह की बचत के साथ ,मुख्य 5 निवेश विकल्पों का उल्लेख किया है,जिसने मेरे भविष्य के लक्ष्यों को बढ़ा दिया।

1. एक क्रमबद्ध निवेश अथार्त सिस्टेमिक इन्वेस्टमेंट (systematic investment) शुरू करें

इस श्रेणी के पीछे विचार बचत और निवेश की आदत विकसित करना है। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) मूल रूप से म्यूचुअल फंड स्कीम में किया गया निवेश है।

हालांकि, कुछ ऐसे तथ्य हैं जो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले जानना चाहिए।

अधिक संभावना है कि आपका पैसा बढ़ जाएगा क्योंकि ये फंड व्यवसायी फंड प्रबंधकों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं।

म्यूचुअल फंड को 500 / – रुपये से कम के साथ शुरू किया जा सकता है।

यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश तुरंत शुरू करना चाहते हैं, तो आप सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट अथार्त निवेश योजना (SIP) पर हमारे लिखे हुए इस ब्लॉग को पढ़ सकते है । जानिए SIP में निवेश अगर खुद निवेश कर रहे हैं करना ,केवल 2 स्टेप में ।

SIP जल्दी शुरू करने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ है कंपाउंडिंग (compounding),पावर ऑफ कंपाउंडिंग (power of compounding) के बारे में अधिक जानने के लिए ,यहाँ click करें -पावर ऑफ कंपाउंडिंग कैसे काम करता है ।

हमने कुछ म्यूचुअल फंड योजनाओं को नीचे सूचीबद्ध किया है, जिन पर आप स्वयं रिसर्च करके निवेश कर सकते हैं।

  • एचडीएफसी (HDFC)स्मॉल कैप फंड
  • डीएसपी (DSP) मिड कैप फंड
  • एचडीएफसी (HDFC)मिड कैप अवसर फंड
  • आदित्य बिड़ला सन लाइफ इक्विटी फंड
  • आईसीआईसीआई (ICICI)प्रूडेंशियल इक्विटी और डेट फंड

नोट: उपर्युक्त कोष में से कोई भी हमारे द्वारा निवेश किए जाने का सुझाव नहीं दिया गया है। ये आपके निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए केवल उदाहरण हैं।

2. 500 रुपये से किसी कंपनी का शेयर खरीदें

मुझे पता है कि आप क्या सोच रहे होंगे, अगर मैं किसी कंपनी का सिर्फ एक हिस्सा खरीदूं तो क्या होगा?

किसी भी चीज़ से अधिक, यह आपको शेयर बाजारों का अनुसरण करने और सीखने के लिए प्रेरित करेगा। एक बार जब आप किसी चीज़ में अपने पैसे जमा कर लेते हैं, तो यह आपको वित्तीय बाज़ार के बारे में और जानने के लिए प्रेरित करेगा।

बाजारों और कंपनियों के बारे में समाचार ट्रैक करना, यह समझना कि वे कैसे काम करते हैं, एक बहुत अनिवार्य कला हैं , यदि आप शेयर बाजार से पैसा बनाना चाहते हैं। यह अपने आप में 500 रुपये का बड़ा उपयोग हो सकता है।

3. एक Recurring Deposit (RD) Account शुरू करें

अगर आप हर महीने 500 रुपये बचाने में सक्षम हैं लेकिन आपको शेयर बाजारों में कोई दिलचस्पी नहीं है। यदि आपको यह बहुत जोखिम भरा लगता है, तो आप बैंक या डाकघर में Recurring Deposit (RD) शुरू कर सकते हैं। इस तरह आपका पैसा बढ़ेगा और उसी समय सुरक्षित रहेगा।

भारत में लगभग सभी बैंक Recurring Deposit (RD) Account सेवाएँ प्रदान करते हैं।

प्रत्येक बैंक की वेबसाइटों पर Recurring Deposit Account खोलने के निर्देश दिए गए हैं। यह आसान और परेशानी मुक्त निवेश खाता है।

6-8% के बीच ब्याज दर भिन्न होती है जो घर पर पड़े एक आदर्श फंड से बेहतर है।

4. 500 रुपये से एक पुस्तक में निवेश करें

वैसे किताबें पढ़ना एक बहुत अच्छी आदत है। पढ़ने की आदत विकसित करना आगे जाकर काफी फ़ायदेमंद हो सकता है। किताबें पढ़ने से आप बहुत ज्ञान प्राप्त करते हैं, बहुत सारी चीजों के बारे में अलग-अलग दृष्टिकोण विकसित करते हैं, आप आत्मविश्वास से भरे होते हैं। अधिकांश सफल लोग पढ़ने की आदत के इस सामान्य लक्षण को शेयर करते हैं।

अपने आप में निवेश करने से बेहतर निवेश कुछ नहीं हो सकता। इसलिए यदि आप उपरोक्त विकल्पों के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप हमेशा नई किताबें पढ़ने में निवेश कर सकते हैं।

स्पेसएक्स और टेस्ला के संस्थापक एलोन मस्क जब बच्चे थे, तब वे बहुत पढ़ते थे। बाद में उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि कुछ पुस्तकों ने उन्हें वास्तव में प्रेरित किया कि वे आज क्या कर रहे हैं।

5. खुद को शिक्षित करे

निवेश का एक अन्य तरीका छोटे प्रमाणित पाठ्यक्रम को ऑनलाइन ले कर अपने आप को शिक्षित करना है।

इंटरनेट के कारण, आजकल ऑनलाइन सीखने के बहुत सारे विकल्प हैं। आप इस पैसे का उपयोग एक कोर्स खरीदने और एक नए युक्ति सीखने में कर सकते हैं, जिसमें आप रुचि रखते हैं। यह आपकी पसंद का कुछ भी हो सकता है।

मुख्य तथ्य है

  • पैसे की रकम ज्यादा महत्व नहीं रखती है, लेकिन शुरुआती चीजें बहुत महत्व रखती हैं।
  • आरडी (RD)में निवेश की तुलना में एसआईपी (SIP) शुरू करने से आपको अधिक ब्याज मिलेगा।
  • यदि आप किसी भी निवेश के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप हमेशा छोटे ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को पढ़कर और ग्रहण कर स्वयं के ज्ञान को समृद्ध कर सकते हैं।

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Top 10 Chart Patterns you should know when Trading in the Stock Market

মিউচুয়াল ফান্ডে বিনিয়োগ করার সময় মানুষের করা ১০ টি ভুল

Elearnmarkets

Elearnmarkets (ELM) is a complete financial market portal where the market experts have taken the onus to spread financial education. ELM constantly experiments with new education methodologies and technologies to make financial education effective, affordable and accessible to all. You can connect with us on Twitter @elearnmarkets.

500 रुपये के साथ निवेश करना – जानें इसे करने के शीर्ष 5 तरीके

भले ही आपकी बचत या निवेश की मात्रा कितनी भी कम क्यों न हो, लेकिन आपको निवेश की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरुआत करने की जरूरत है। यह प्रक्रिया आपको अपने जीवन के लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए आर्थिक योजना की तैयारी में मदद करेगी।

Table of Contents
एक क्रमबद्ध निवेश अथार्त सिस्टेमिक इन्वेस्टमेंट (systematic investment) शुरू करें
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खुद को शिक्षित करे
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एक हजार मील की यात्रा एक कदम के साथ शुरू होती है।

जब मैं कॉलेज में था, मैं पैसे जमा करने और विभिन्न तरीकों से निवेश करने की कोशिश करता था। हालांकि मैं हर महीने 500 रुपये बचा सकता था, लेकिन मैं इसे नियमित रूप से निवेश करना सुनिश्चित करूंगा।

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अधिक संभावना है कि आपका पैसा बढ़ जाएगा क्योंकि ये फंड व्यवसायी फंड प्रबंधकों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं।

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5. खुद को शिक्षित करे

निवेश का एक अन्य तरीका छोटे प्रमाणित पाठ्यक्रम को ऑनलाइन ले कर अपने आप को शिक्षित करना है।

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मुख्य तथ्य है

  • पैसे की रकम ज्यादा महत्व नहीं रखती है, लेकिन शुरुआती चीजें बहुत महत्व रखती हैं।
  • आरडी (RD)में निवेश की तुलना में एसआईपी (SIP) शुरू करने से आपको अधिक ब्याज मिलेगा।
  • यदि आप किसी भी निवेश के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप हमेशा छोटे ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को पढ़कर और ग्रहण कर स्वयं के ज्ञान को समृद्ध कर सकते हैं।

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Top 10 Chart Patterns you should know when Trading in the Stock Market

মিউচুয়াল ফান্ডে বিনিয়োগ করার সময় মানুষের করা ১০ টি ভুল

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Share Market Guide: शेयर मार्केट की एबीसीडी- निवेश के लिए क्या करें?

Share Market Guide: कंपनी के फंडामेंटल्स, इससे जुड़ी खबरें और लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना सबसे सुरक्षित होता है.

Share Market Guide: शेयर मार्केट की एबीसीडी- निवेश के लिए क्या करें?

Share Market Guide: बचत किया हुआ पैसा कभी बढ़ता नहीं है, समय के साथ उस पैसे का मूल्य भी घट जाता है क्योंकि मान लीजिए अगर आप एक हेडफोन 100 रुपए का खरीदना चाहते हैं और उसके लिए बचत कर रहे हैं लेकिन महंगाई की वजह से वह सामान 150 का हो जाए तो क्या आपकी बचत काम आएगी? नहीं. इसलिए जरूरी निवेश करना और अच्छी जगह निवेश करने से आपका पैसा बढ़ता है, दो गुना होता है.

आज सबसे ज्यादा रिटर्न शेयर मार्केट दे रहा है. शेयर मार्केट से रिटर्न एक दिन में भी कमाया जा सकता है और सालों साल निवेश कर भी पैसा दो गुना किया जा सकता है. लेकिन शेयर मार्केट में पहली बार निवेश करने वालों को छोटी-मोटी जानकारी लेना जरूरी है.

क्या है शेयर और शेयर मार्केट?

किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी (Capital) की जरूरत होती है. जब कंपनी अपनी कैपिटल को हिस्सों में बांट देती है तो वह बन जाता है शेयर. मान लीजिए किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अगर इसी कैपिटल को दो हिस्सों में बाट दें तो दो शेयर्स होंगे और प्रति शेयर 50 रुपये का होगा. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.

अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जाएंगे उस बाजार को कहते हैं शेयर बाजार.

आइए समझते है क्या होती है शेयर मार्केट ट्रेडिंग?

शेयर बाजार दो तरह का है. एक है प्राइमरी मार्केट (Primary Market). जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए वह बाजार प्राइमरी कहलाता है. यानी कंपनियां जो शेयर्स इश्यू करती है वह प्राइमरी मार्केट होता है.

लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं वो कहलता है सेकेंड्री मार्केट (Secondary Market). यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीदी बिक्री होती है.

शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने वालों को किस प्रक्रिया से गुजरना होता है?

डिमैट अकाउंट: जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक खाता खुलवाना होता है वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए आपके पास डिमैट अकाउंट होना जरूरी है.

क्या होता है डिमैट अकाउंट?

डीमैट वह खाता है जिसके जरिए शेयर बाजार में निवेश किया जाता है, इस खाते के जरिए शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, शेयर्स को होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है. डीमैट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना.

कैसे और कहां खुलवा सकते हैं डिमैट अकाउंट?

डिमैट अकाउंट चंद सैकेंड में खुल सकता है, इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट देना होता है. शेयर मार्केट में निवेश के लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं. डिमैट अकाउंट खुलते ही आप शेयर बाजार में शेयर्स की खरीद फरोक्त कर सकते है.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए खुद को कैसे तैयार करें?

शेयर बाजार में कंपनियों के शेयर्स की खरीद फरोख्त होती है. यानी अगर कंपनी अच्छी है तो उसके शेयर्स भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. अच्छी कंपनी वो होती है जिसका प्रोफिट, प्रोडक्ट , भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है.

कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती है. जैसा की ट्विटर को लेकर हुआ. दुनिया का सबसे अमीर आदमी और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने जैसे ही ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई क्योंकि आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मस्क के हाथ में ट्विटर सुरक्षित रहेगा वह कंपनी डूबने नहीं देंगे.

लेकिन निवेशकों को हमेशा कंपनी के फंडामेंटल्स का अध्ययन करना चाहिए ताकि उनका निवेश सुरक्षित रहे. एक्सपर्ट कहते हैं कि जब तक आप शेयर बाजार को बहुत अच्छे से नहीं समझ लेते या आपके पास बहुत पैसा हो उसी स्थिति में शॉर्ट टर्म या हर रोज आप शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि लंबे समय के लिए यानी 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं.

तो शुरुआत कहां से करें?

सबसे पहले तय करें आप कितना निवेश करना चाहते हैं और कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं. फिर आपको यह तय करना होगा कि आप निवेश क्यों करना चाहते हैं यानी की आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने के लिए निवेश करना. इसी अनुसार आप अगर खुद निवेश कर रहे हैं आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है.

शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी है, प्रोफिट में रहती है और आगे भी रहेगी. जैसे टाटा, रिलायंस या अडानी समूह की कंपनियां. ऐसी कंपनियों में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करें, इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखे, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखे.

इसके बाद फिर आप अपनी स्टडी कर किसी एक शेयर को उठाएं और उसे महीने भर फॉलो करें, ऐसे हर महीने एक-एक या दो-दो शेयर्स की स्टडी करें. धीरे धीरे आप शेयर बाजार में आसानी से निवेश कर पाएंगे.

अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं.

Share Market: किसी ने कमाए करोड़ों- इसपर न जाएं, अपनी अक्ल लगाएं

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ऊंची कीमत पर शेयरों में निवेश. दे सकता है आपको क्लेश

इस समय शेयर बाजारों में शेयरों के भाव ऊंचे स्तर पर हैं। ज्यादातर सूचकांक पांच साल के औसत से ऊपर और अपने सर्वोच्च स्तर के नजदीक हैं। डिपॉजिटरीज के आंकड़ों से पता चलता है कि 2016 में करीब 24 लाख नए निवेशकों ने डीमैट खाते खोले हैं, जो 2008 के बाद सर्वाधिक हैं। इस तरह निवेशक न केवल म्युचुअल फंडों के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये शेयरों में प्रवेश कर रहे हैं बल्कि वे सीधे भी शेयरों में निवेश कर रहे हैं। लेकिन सीधे निवेश में जोखिम है अगर खुद निवेश कर रहे हैं और जब शेयरों के दाम ऊंचे स्तर पर हों तो जोखिम और बढ़ जाता है। अगर उन्हें पहली दफा नुकसान होता है तो वे लंबे समय तक शेयरों से दूरी बना सकते हैं। इससे वे इस संपत्ति वर्ग में मोटी पूंजी बनाने की संभावनाओं से खुद को वंचित कर सकते हैं।

शेयर बाजार में उतरने वाले ज्यादातर निवेशक इस संपत्ति वर्ग के जोखिमों को पूरी तरह समझे बिना इसमें प्रवेश करते हैं। मुंबई के फाइनैंशियल प्लानर अर्णव पांड्या कहते हैं, 'वे आमतौर पर उस समय बाजार में प्रवेश करते हैं, जब वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा होता है। जब बाजार में गिरावट आती है तो वे पाते हैं कि वे इतने उतार-चढ़ाव वाले बाजार में निवेश करने में सक्षम नहीं हैं और नुकसान उठाकर बाहर निकल जाते हैं।' ज्यादातर नौसिखिए निवेशक निवेश की अवधि बहुत कम रखते हैं और तुरंत मुनाफा कमाने की उम्मीद करते हैं।

इससे नाकामी उनके हाथ लगती है। शेयरों में पहली बार निवेश करने वाले लोग निवेश के फंडामेंटल का बुनियादी ज्ञान हासिल किए बिना ही शेयरों में निवेश शुरू करते हैं। कुछ डे ट्रेडिंग में हाथ आजमाकर खुद की असफलता की जमीन तैयार कर लेते हैं। कुछ अन्य टिप्स के आधार पर निवेश करते हैं। बेंगलूरु की क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में संपत्ति प्रबंधन पढ़ाने वाले एस जी राजा शेखरन कहते हैं, 'वे खुद शेयरों का विश्लेषण नहीं करते हैं, इसलिए उन्हें उन शेयरों पर ज्यादा भरोसा नहीं होता है जिन पर वे दांव लगाते हैं। वे प्रत्येक शेयर में थोड़ी-थोड़ी राशि का निवेश करते हैं और कुछ समय में बहुत से शेयर इकट्ठे कर लेते हैं, जिन पर वे ठीक से निगरानी नहीं रख पाते हैं।'

उन्हें अपने शेयरों में भरोसा नहीं होता है, इसलिए पहली बार बाजार गिरने पर वे तुंरत अपने शेयर बेच देते हैं। आमतौर पर ज्यादातर नए निवेशक ऊंचे मूल्यांकन और भविष्य के प्रतिफल के बीच विपरीत संबंध को नहीं समझते हैं। निर्माल्य बरुआ कहते हैं, 'तेजी के बाजार में शेयरों के दाम बढऩे से अच्छे प्रतिफल की संभावना कम हो जाती है।' बरुआ बेंगलूरु के निवेशक हैं, जिन्होंने 2007-08 में शेयर बाजार में भारी नुकसान उठाया था। इसके बाद उन्होंने निवेश से संबंधित पुस्तकें पढ़कर फंडामेंटल के आधार पर निवेश करना सीखा। बहुत से निवेशक अपने ब्रोकरों के कहने पर डेरिवेटिव में निवेश करते हैं। एक स्वतंत्र विश्लेषक आर बालाकृष्णन कहते हैं, 'नए निवेशक सोचते हैं कि वे अपने पैसे से डेरिवेटिव सेगमेंट में अच्छा प्रतिफल कमा सकते हैं। वे पेशेवरों की तरह इसका हेज के रूप में इस्तेमाल नहीं करते अगर खुद निवेश कर रहे हैं हैं।' नौसिखिये निवेशक प्रतिफल को लेकर भी गलत उम्मीदें रखते हैं। एक साल में 12 से 13 फीसदी प्रतिफल के बजाय वे एक दिन में 20 फीसदी मुनाफे की उम्मीद करते हैं।

नए निवेशकों को म्युचुअल फंडों के जरिये शेयर बाजार में प्रवेश करना चाहिए। वे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) या इंडेक्स फंडों में निवेश के जरिये शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें उन्हें सही फंड भी चुनने की जरूरत नहीं पड़ती है। इन आसान उत्पादों में निवेश से वे यह सीख सकते हैं कि वे शेयर बाजारों के उतार-चढ़ाव को पचा सकते हैं या नहीं। जब वे यह सीख जाते हैं कि सही फंडों का चयन कैसे किया जाए तो वे सक्रिय रूप से प्रबंधन किए जाने वाले फंडों में निवेश को अपना सकते हैं।

बजाज कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख (निवेश विश्लेषण) आलोक अग्रवाल कहते हैं, 'लार्ज कैप या फ्लैक्सी कैप फंडों में निवेश से शुरुआत करनी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपको बाजारों का अच्छा अनुभव मिल जाएगा।' वह सुझाव देते हैं कि उन्हें फंड रेटिंग एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली स्टार रेटिंग के बारे में लोगों से विचार-विमर्श करना चाहिए। निवेशकों को उस पैसे का भी शेयर बाजार में निवेश करने से बचना चाहिए, जिसकी उन्हें अलगे अगले 5 से 7 साल में जरूरत पड़ सकती है। बालाकृष्णन कहते हैं, 'अगर वह उस पैसे का निवेश कर रहे हैं, जिसकी उन्हें 2 से 3 साल बाद जरूरत पड़ेगी तो वे खुद को बाजारों की दया पर छोड़ रहे हैं।' शेयर बाजारों में उतरने से पहले निवेशकों को खुद को लंबी अवधि के लिए भावनात्मक रूप से तैयार कर लेना चाहिए, जब उनका निवेश ऋणात्मक प्रतिफल दिखा सकता है। उन्हें खुद को पूरी पूंजी के ही नुकसान जैसी स्थितियों के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। शेयर बाजार में केवल उसी राशि का निवेश करना चाहिए, जो अगर डूब भी गई तो वे वित्तीय संकट में नहीं फंसेंगे।

म्युचुअल फंडों में निवेश करते समय निवेशकों को यह सीखने का प्रयास करना चाहिए कि किस तरह फंडामेंटल के आधार पर शेयरों में निवेश किया जाए। शेयरों में सीधा निवेश केवल उन्हीं लोगों के लिए है, जो शेयरों के शोध के लिए समय, रुचि और झुकाव रखते हैं। थोड़ी राशि के निवेश से शुरुआत कीजिए और विशेषज्ञता और आत्मविश्वास हासिल होने पर निवेश और बढ़ाएं।

नए निवेशकों को शुरुआत में ब्लूचिप शेयरों में निवेश करना चाहिए। स्टॉक एक्सचेंजों के कुल बाजार पूंजीकरण की करीब 12 से 13 फीसदी हिस्सेदारी खुदरा निवेशकों के पास है। आउटलुक एशिया कैपिटल के मुख्य कार्याधिकारी मनोज नागपाल कहते हैं, 'इस 12 से 13 फीसदी में 60 से 70 फीसदी निवेशक मिड और स्मॉल कैप शेयरों में है। हालांकि ये शेयर ज्यादा प्रतिफल देने की गुंजाइश रखते हैं, लेकिन ऐसा केवल तभी होता है जब सही शेयरों का चुनाव किया जाता है। गलत चयन करने पर आपको भारी अगर खुद निवेश कर रहे हैं नुकसान उठाना पड़ सकता है।'

नए निवेशक को ऐसी कंपनियों और क्षेत्रों से दूर रहना चाहिए, जिनके कारोबारी मॉडल को वह नहीं समझता हो। उदाहरण के लिए वह बैंकिंग क्षेत्र की तुलना में खपत आधारित क्षेत्रों में निवेश करना ज्यादा आसान होगा क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र के बदलावों को समझना ज्यादा मुश्किल है। निवेशकों को भारी कर्ज वाली कंपनियों से भी बचना चाहिए। निवेशक शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले मनी बी इंस्टीट्यूट के प्रबंध निदेशक आशुतोष वखारे कहते हैं, 'बड़ा गोता खाने वाले ज्यादातर शेयर कर्ज से दबी कंपनियों के होते हैं। कंपनी के कर्ज और इक्विटी अनुपात को देखना चाहिए।'नए निवेशकों को शुरुआत से ही यह रणनीति बनानी चाहिए कि वे कैसा पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं। नागपाल कहते हैं, 'पोर्टफोलियो में पर्याप्त शेयरों से समुचित विविधीकरण सुनिश्चित होता है। लेकिन पोर्टफोलियो में इतने अधिक शेयर भी नहीं होने चाहिए कि आप उन पर निगरानी ही नहीं रख पाएं। सभी क्षेत्रों और बाजार पूंजीकरण सेगमेंट में निवेश करें और यह सुनिश्चित करें कि आपके पास वैल्यू एवं ग्रोथ शेयरों का संतुलित मिश्रण है।' बालकृष्णन सलाह देते हैं कि नए निवेशकों को एक डायरी रखनी चाहिए, जिसमें उन्हें किसी शेयर मेंं निवेश की वजह लिखनी चाहिए। उन्हें यह पता लगाने के लिए समय-समय पर समीक्षा अगर खुद निवेश कर रहे हैं भी करनी चाहिए कि उनकी निवेश रणनीति उम्मीद के मुताबिक काम कर रही है या नहीं।

उन्होंने कहा कि निवेशकों को कीमत लक्ष्य तय करने चाहिए, जिस पर उन्हें यह समीक्षा करनी चाहिए कि वे शेयर में बने रहें या बाहर निकल जाएं। उन्हें स्टॉप लॉस का स्तर भी निर्धारित करना चाहिए। इसका मतलब है कि अगर कीमत इससे नीचे गिरती है तो उन्हें शेयर बेच देना चाहिए। सीधे निवेश करने वाले निवेशकों को शेयरों के मूल्यांकन का ध्यान रखना चाहिए। राजा शेखरन कहते हैं, 'बहुत से निवेशकों को मासिक वेतन मिलता है और वे निवेशक को लेकर लालायित रहते हैं। लेकिन अगर वे सीधे निवेश कर रहे हैं तो उन्हें गिरावट का इंतजार करना चाहिए। ऐसा करने से लंबी अवधि में उनके प्रतिफल में काफी बढ़ोतरी होगी।'

Cryptocurrency में निवेश करना चाहते हैं, तो ट्रेडिंग शुरू करने से पहले करने होंगे ये काम

क्रिप्टो में निवेश करना थोड़ा जटिल प्रक्रिया हो सकती है. इसमें माइनिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेडिंग फिर क्रिप्टो वॉलेट को मेंटेन करने जैसी कई जरूरी चीजें होती हैं, जिनकी जानकारी होनी जरूरी होती है. हम आपको निवेश से पहले की कुछ बेसिक बातें बता रहे हैं.

Cryptocurrency में निवेश करना चाहते हैं, तो ट्रेडिंग शुरू करने से पहले करने होंगे ये काम

Cryptocurrency : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना थोड़ा जटिल हो सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच में बहुत ही पॉपुलर इन्वेस्टमेंट टूल बन चुका है. इसमें अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव रहने के बावजूद इसमें लगातार निवेश बढ़ रहा है. इसके पीछे कारण है कि क्रिप्टो में निवेश अच्छा रिटर्न देता है. सबसे ज्यादा पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन, इथीरियम और डॉजकॉइन जैसे कुछ और कॉइन्स हैं. क्रिप्टो में निवेश करना थोड़ा जटिल प्रक्रिया हो सकती है. इसमें माइनिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Exchange) पर ट्रेडिंग फिर क्रिप्टो वॉलेट को मेंटेन करने जैसी कई जरूरी चीजें होती हैं, जिनकी जानकारी होनी जरूरी होती है. हम आपको निवेश से पहले की कुछ बेसिक बातें बता रहे हैं, ताकि अगर आप यह निवेश शुरू करते हैं तो आपको जरूरी बातें पहले से पता रहें.

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अगर आप क्रिप्टो में निवेश शुरू कर रहे हैं तो आपको पहले क्रिप्टो एक्सचेंज से शुरुआत करनी चाहिए. क्रिप्टो एक्सचेंज वो प्लेटफॉर्म होता है, जहां निवेशक शेयर मार्केट की तरह क्रिप्टो करेंसी खरीदते-बेचते हैं और इसकी ट्रेडिंग करते हैं. लेकिन शेयर मार्केट के उलट, क्रिप्टो मार्केट सातों दिन चौबीसों घंटे चलता है और इसको रेगुलेट करने वाली कोई संस्था नहीं होती है. यह खुद ही खुद को रेगुलेट करता है.

हम आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग शुरू करने से पहले की कुछ जरूरी बातें यहां बता रहे हैं-

1. क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना

क्रिप्टो में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको सबसे बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ढूंढना होगा. भारत में फिलहाल बहुत सारे एक्सचेंज काम कर रहे हैं, जिसमें CoinSwitch Kuber, WazirX, BuyUCoin सहित कई अन्य हैं.

2. जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करना और KYC प्रोसेस

किसी भी बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए जिस तरह डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है, वैसे ही क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए भी आपको आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, पैन कार्ड वगैरह जैसे डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपका अकाउंट वैध और सही हो. इससे आपके अकाउंट की भी सुरक्षा होगी. इसके अलावा आपको अपना पेमेंट ऑप्शन भी देना होगा. इसी पेमेंट ऑप्शन से आप ट्रेडिंग शुरू होने के बाद डिपॉजिट और विदड्रॉल वगैरह करेंगे.

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3. अपना ट्रेडिंग ऑर्डर डालना

एक्सचेंज के पास डॉक्यूमेंट और पैसे डिपॉजिट करने के बाद जरूरी नहीं है कि आप तुरंत ट्रेडिंग शुरू कर पाएंगे. इसके बाद वो एक्सचेंज आपकी डिटेल्स को वेरिफाई करेगा, इसमें थोड़ा टाइम लग सकता है. जब केवाईसी प्रोसेस पूरा हो जाता है तो एक्सचेंज अपने यूजर को इसे लेकर नोटिफाई कर देता है. रही बात कि ट्रेडिंग की तो क्रिप्टो मार्केट 24/7 खुला रहता है, आप कभी-कभी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. अगर आपने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीद ली तो फिर या तो आप इसे डिजिटल वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं या फिर इसे फ्लैट करेंसी में कन्वर्ट करवाकर विदड्रॉ कर सकते हैं.

4. छोटे अमाउंट से शुरू करें निवेश

क्रिप्टो मार्केट बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव का शिकार होता है. यहां जितनी तेजी से कीमतें बढ़ती हैं, उतनी ही तेजी से गिरती भी हैं. ऐसे में समझदारी इसी में है कि शुरुआत में आप जितना रिस्क उठा सकें, उतना ही निवेश करें. हमेशा छोटे निवेश से शुरू करना चाहिए. हमेशा निवेश से पहले अपनी रिसर्च कर लीजिए. जब मार्केट पर पकड़ लगने लग जाए तो फिर आप अपना निवेश बढ़ा सकते हैं.

5. पहले एक ही क्रिप्टो चुनें

निवेश की शुरुआत में एक ही क्रिप्टो में निवेश करें. और ऐसा ही क्रिप्टोकॉइन या टोकन चुनें, जिसमें निवेश को लेकर आप पूरी तरह से श्योर हों. निवेश के बाद अपने फैसले पर अडिग रहें और फिर अपना प्रोग्रेस मॉनिटर करें. इसके बाद ही अपना पोर्टफोलियो बढ़ाने के बारे में सोचें.

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