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डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर
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Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है ?

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है ? और कैसे डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर काम करती है इसको देश मे किस प्रकार से देखा जा रहा है। दोस्तों आये दिन हम Crypto currency के बारे में चर्चा करते रहते है और Crypto currency पर कई सारे नियम भी बनाये जा रहे कई देश इसको लीगल मैन रहे हैं तो कई देश इसको लीगल मानने को तैयार नही है।

इंडिया में भी Cryptocurrency पर काफी बिबाद देखने को मिला है। इंडिया में Crypto currency को करेंसी नही मन जा रहा है और इंडिया में इसको वर्चुअल डिजिटल एसेट का नाम दिया जा रहा है। आज के इस आर्टिकल में हम इन्हीं सब चीजों के बारे में चर्चा करने वाले हैं। दोस्तों क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों का मानना है कि यदि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाती है तो इसका सीधा सा मतलब यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन नही किया जायेगा परन्तु इसका इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि इसे कानूनी वैद्यता प्राप्त हो जाएगी।

Cryptocurrency क्या है?

Cryptocurrency भी एक डिजिटल currency की तरह ही होती है जो कि world wide काम करती है Crypto currency Decenterlalized System पर कार्य करती है जिसका मतलब यह है कि crypto currency पर किसी भी देश का या फिर किसी भी ऐजेंसी का कोई कंट्रोल नही होता है और Crypto currency पर किसी भी देश या राष्ट्र की अर्थव्यवस्था से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

यह कोड और पासवर्ड के द्वारा इनक्रिप्टेड होती है जिससे इसको कंट्रोल करने बहुत मुश्किल है यह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है इसलिए यब किसी एक सर्वर पर स्टोर नही होती है इसको मल्टीपल सर्वर पर स्टोर किया जाता है। Cryptocurrency ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करने वाली एक virtual currency है और Cryptography के द्वारा इसके Transactions के रिकॉर्ड रखे जाते हैं।

Cryptocurrency के उदाहरण

  • Bitcoin
  • Yearn finance
  • Ethereum
  • Maker
  • Bitcoin cash
  • Binance coin
  • Compound
  • Doge
  • Litecoin
  • Ripple

digital Currency क्या है?

सबसे पहले समझते हैं कि डिजिटल करेंसी होती क्या है तो दोस्तों डिजिटल करेंसी RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा जारी की गई मुद्रा का इलेक्ट्रॉनिक रूप है यह सिर्फ डिजिटल वॉलेट में स्टोर होती है, इसका कोई फिजिकल रूप नहीं होता है। डिजिटल करेंसी को आप सिर्फ अपने वॉलेट में रख सकते हैं, कही पर भी पेमेंट कर सकते हैं, किसी को ट्रांसफर कर सकते हैं परन्तु आप इसको बैंक में नही ले सकते हैं क्योंकि RBI डिजिटल करेंसी के मूल्य की कीमत के फिजिकल करेंसी नही छापेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2022 – 23 के दौरान घोषणा की और बताया की (Digital Assets) डिजिटल पर भारत मे अब 30 प्रतिशत का टैक्स देना होगा, जिसमे Cryptocurrency और NFT शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की है की RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) जल्दी ही अपनी डिजिटल मुद्रा को लांच करने वाला है। जिसको (CBDC) सेंट्रल बैंक digital currency कहा जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष तक डिजिटल करेंसी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर को लांच किया जा सकता है जिसपर काफी तेजी से कम चल रहा है।

digital Currency के फायदे

आने वाले समय में डिजिटल करेंसी का उपयोग बहुत अधिक बढ़ जाएगा और हमारी इस लाइफ में डिजिटल डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर करेंसी के कई सारे फायदे जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. डिजिटल करेंसी के अधिक उपयोग से कैशलेस पेमेंट को बढ़ाबा मिलेगा जिससे कागज की खपत में कमी आएगी।
  2. डिज़िटल करेंसी के उपयोग से ट्रांजेक्शन में ट्रांसपरेंसी आएगी और टैक्स की चोरी को रोक जा सकेगा।
  3. डिजिटल करेंसी के उपयोग से महामारी के समय इंफेक्शन से बचे रहेंगे।
  4. डिजिटल करेंसी के उपयोग में आने से करेंसी छापने की कॉस्ट में बचत होगी।

digital Currency के उदाहरण

दोस्तों यदि हम बात करें डिजिटल करेंसी के उदाहरण की तो डिजिटल करेंसी का उपयोग वॉलेट कैश के रूप में होता है जैसे कि आपके Paytm वॉलेट में उपस्थित पैसा, phonepe वॉलेट में उपस्थित पैसे, amazon pay में उपस्थित पैसे या फिर किसी भी वॉलेट में उपस्थित पैसे डिजिटल करेंसी के रूप में होते हैं, उनसे आप कोई भी सर्विस ले सकते हैं यह पैसा आप हर प्रकार से यूज़ कर सकते हैं परन्तु फिजिकल रूप में प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है

Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है

दोस्तों यदि हम बात करे Cryptocurrency डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर और digital Currency में क्या अंतर है तो इसका सबसे बड़ा अंतर यह है कि Cryptocurrency पूरी तरह से decentralized system पर कार्य करती है जिस कारण इसपर किसी भी देश या एजेंसी का कंट्रोल नहीं होता है जबकि digital Currency पूरी तरह से Centerlized system पर कार्य करती है और यह किसी भी देश या सेंट्रल एजेंसी के कंट्रोल में होती है।

इसका दूसरा अंतर यह है कि Crypto currency का डेटा ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के अलग अलग सर्वर पर स्टोर होता है जबकि digital Currency का डेटा गवर्मेन्ट सर्वर पर स्टोर होता है। Crypto currency इनक्रिप्टेड रहती है जबकि digital Currency इनक्रिप्टेड नही होती है।


Difference between Cryptocurrency and digital Currency in hindi

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क्रिप्टोकरेंसी के बैन होने की खबर के बाद RBI खुद की डिजिटल करेंसी ला कर रही है: खबर पढ़िए

Information of RBI bank

इस बार के बजट सेशन में पार्लियामेंट ने क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक- 2021(Cryptocurrency and Regulation of Digital Official Currency Bill -2021) पेश करने का प्रस्ताव किया है। दरअसल यह “क्रिप्टो-बिल” सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) आदि पर बैन लगाने और भारत की अपनी ऑफिशियल व लीगल डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर डिजिटल करेंसी के लिए एक वैध ढ़ांचा बनाने की दिशा में काम करेगा। ऐसे में भारतीय वित्तीय संस्था रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(Reserve Bank Of India,RBI) अपनी घरेलू डिजिटल करेंसी (Digital Currency) डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर लाने का प्लान बना रही है। जिसे सरकार और RBI दोनों के द्वारा नियमित किया जाएगा।

ऐसे में जो प्रश्न स्वाभाविक हैं वो ये कि – क्रिप्टोकरेंसी क्या है और यह रेग्यूलर करेंसी से कैसे अलग है?, भारत को इसकी क्या ज़रुरत है ? RBI द्वारा खुद की डिजिटल करेंसी क्यो लाई जा रही है?, क्रिप्टोकरेंसी और आरबीआई द्वारा लाई जा रही डिजिटल करेंसी में अंतर क्या है? आइए इस लेख के माध्यम से जाननें का प्रयास करते हैं।

Information of RBI bank

क्रिप्टोकरेंसी और सामान्य करेंसी या नोट में क्या अंतर है?

जब भी क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा कि जाती है तो हमारे मन में उठने वाला पहला सवाल यह होता है कि क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन या फिज़िकली सर्कुलेशन में चल रही रेग्यूलर करेंसी व सामान्य नोट में अंतर क्या है? दरअसल, सामान्य करेंसी या नोट पर RBI या सरकार द्वारा सार्वभौमिक गारंटी (sovereign) दी जाती है। लेकिन, क्रिप्टोकरेंसी एक प्राइवेट करेंसी है और RBI या किसी सरकार के तहत इसे कोई सोवरेन गारंटी नही मिली होती। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी एक जटिल कम्प्यूटर प्रोग्राइमिंग और इंटरनेट के ज़रिये इस्तेमाल में लाई जाती हैं और रेग्यूलर करेंसी की तरह इस पर किसी एक व्यक्ति का कंट्रोल नही होता है। उदाहरण के तौर पर नोटबंदी के दौरान जैसे हज़ार व पांच सौ के नोट प्रधानमंत्री की अपील पर बंद कर दिये गये थे क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में ऐसा संभव नही है।

यह भी पढ़ें :- नए बजट से लोगों को कुछ ज़्यादा हीं अपेक्षाएं; जानिए इस 2021-22 बजट के बारे में

भारत की अपनी डिजिटल करेंसी लाने की दिशा में काम कर रहा है RBI

इस बार के बजट सेशन में कुल मिलाकर 20 बिल लाये जाएंगें जिनमें से एक बिल के ज़रिये सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने वाली है। ऐसे में RBI अपनी खुद की ऑफिशियल डिजिटल करेंसी लाने वाली है। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो (B P Kanungo, RBI Deputy Governer) के अनुसार – “बिल लाने से लगभग एक हफ्ते पहले से ही RBI डिजिटल लीगल टेंडर (Digital Legal Tender) पर काम करते हुए भारत के लिए खुद की डिजिटल करेंसी लाने की दिशा में प्रयासरत है। इस काम के लिए RBI ने अपनी एक आंतरिक समिति (Internal Panel) भी गठित की है।“

CBDC डिज़िटल करेंसी दिया जाएगा नाम

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाते हुए सरकार उसका कोई विकल्प चाहती है जो सेंट्रल बैंक द्वारा नियमित हों। जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(Central Bank Digital Currency, CBDC) कहा जाएगा। वर्तमान में RBI इसी पर काम कर रहा है और वह खुद की ऐसी डिज़िटल करेंसी डेवलप करना चाहता है जो नोट या यूं कहें प्रिंट फार्मेट में न हो यानि पेपरलैस हो और जिसका इस्तेमाल आप अपने स्मार्टफोन के ज़रिये कर सकें।

CBDC का अर्थ क्या है ?

CBDC करेंसी का एक इलैक्ट्रानिक रुप है। जो कि एक लीगल करेंसी होगी और जिस पर सेंट्रल बैंक की पूरी तरह से लायबिलिटी होगी जो सोवरेन करेंसी के रुप में उपलब्ध होगी।

RBI द्वारा लाई गई डिजिटल करेंसी को मिली होगी सार्वभौमिक गारंटी

जहां क्रिप्टोकरेंसी की कोई सार्वभौमिक गारंटी (sovereign guarantee) नही होती वहीं RBI का यह कहना है कि उसके द्वारा लाई गई इस डिजिटल करेंसी को पूरी तरह सोवरेन गांरटी मिली होगी क्योंकि इसे देश के सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा। बता दें कि इन तमाम दिशाओं में RBI अभी काम कर रही है।

वर्तमान में देश को डिजिटल करेंसी की आवश्यकता क्यो है

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) का मानना है कि – “पेमेंट इंडस्ट्री(payment industry) में तेज़ी से आते बदलावों, निजी डिजिटल टोकनों के प्रचलन और कागज के नोट या सिक्कों को तैयार करनें में बढ़ते खर्च की वजह से काफी समय से ही आभासी मुद्रा या डिजिटल करेंसी की ज़रुरत महसूस होने लगी है। इसी वजह से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने पर विचार किया जा रहा है। इसी दिशा में तमाम अध्ययन व दिशा-निर्देश तय करने के लिए एक अंतर-विभागीय समिति भी बना दी गई है जो कि CBDC संबंधी सभी फैसले लेगी”

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UPI से किस प्रकार भिन्न होगी CBDC

ऐसे में किसी के भी मन में यह सवाल उठना वाजिब है कि भारत में पहले से ही Net Banking व UPI (Unified Digital Interface)के रुप में डिजिटल करेंसी इस्तेमाल हो रही है फिर RBI की इस नई करेंसी का क्या मतलब ? तो उसका आसान सा जवाब इस तरह पाया जा सकता है कि आप UPI के ज़रिये पैसा ट्रांसफर डिजिटल फार्म में करते हैं लेकिन उस पैसे को केश करने वाला व्यक्ति उसे बैंक से प्रिंट रुप में यानि नोट के रुप में निकाल सकता है लेकिन CBDC के अंतर्गत ऐसा संभव नही है वो केवल डिजिटल रुप में ही रहेगी और उसी तरह से आप उसका उपयोग कर पाएंगे। मतलब उसका कोई फिज़िकल रुप नही होगा।

RBI की डिजिटल करेंसी के फायदे

नोटों और सिक्कों की जगह डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से भारत में मुद्रा के ट्रांसजेक्शन में एक नया दौर आएगा और इससे ब्लैक मनी पर भी रोक लगेगी।

सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?

सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?

क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।

डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है।

पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, क्योंकि उनका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, क्योंकि उनका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं।

मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ, केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

सीबीडीसी, या भारतीय ई-रुपया, आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है।

ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह, ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है, क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है। जिसके चलते, दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।

cryptocurrency

काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है, और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।

केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।

बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं।

सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं। सीबीडीसी अधिकृत (निजी) ब्लॉकचेन पर काम करता है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी बिना लाइसेंस (सार्वजनिक) ब्लॉकचेन पर काम करती है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी यूजर्स के लिए एक फायदा है। सीबीडीसी ग्राहकों की पहचान मौजूदा बैंक खाते के साथ-साथ समान मात्रा में व्यक्तिगत डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर जानकारी से जुड़ी होगी। केंद्रीय बैंक सीबीडीसी नेटवर्क के लिए नियम निर्धारित करता है। क्रिप्टो नेटवर्क में अधिकार यूजर को दिया जाता है, जो आम सहमति के माध्यम से चुनाव करता है।

परिषद के अनुसार, सीबीडीसी का उपयोग केवल भुगतान और अन्य मौद्रिक लेनदेन के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग सट्टा और भुगतान दोनों के लिए किया जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी पर अनुराग ठाकुर का बड़ा बयान, कहा- 'ब्लॉकचेन है उभरती हुई तकनीक'

अनुराग ठाकुर ने ब्लॉकचेन को उभरती हुई तकनीत बताते हुए कहा कि हमें नए विचारों को खुले मन से मूल्यांकन और प्रोत्साहित करना चाहिए।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने ब्लॉकचेन को उभरती हुई तकनीत बताते हुए कहा कि हमें नए विचारों को खुले मन से मूल्यांकन और प्रोत्साहित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 'ब्लॉकचेन एक नई उभरती तकनीक है। Cryptocurrency डिजिटल मुद्रा का एक रूप है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें हमेशा खुले विचारों के साथ नए विचारों का मूल्यांकन, अन्वेषण और प्रोत्साहन करना चाहिए।'

Blockchain is a new emerging technology. Cryptocurrency is a form of digital currency. I firmly believe that we must always evaluate, explore and encourage new ideas with an open mind: MoS Finance Anurag Thakur on cryptocurrency

उन्होंने कहा कि 'एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति (High-Level Inter-Ministerial Committee) का गठन किया गया था। सरकार समिति की सिफारिशों और विधायी प्रस्तावों पर निर्णय लेगी, यदि कोई होगा तो, उसे उचित प्रक्रिया के बाद संसद में पेश किया जाएगा।'

बता दें कि इससे पहले अनुराग ठाकुर ने बजट सत्र के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबध में जल्द ही एक विधेयक लाएगी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि नियामक संस्थाएं जैसे RBI और SEBI के पास क्रिप्टोकरेंसी को सीधे तौर पर रेगुलेट करने के लिए कोई कानूनी व्यवस्था मौजूद नहीं है। क्योंकि वे पहचान किए जा सकने वाले यूजर्स द्वारा जारी करेंसी, मुद्रा, सिक्योरिटी या कमोडिटी नहीं हैं।

वहीं कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी ‘हमारा इस बारे में RBI के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। इस बारे में जब चीजें ठीक होंगी, हम ऐलान करेंगे, लेकिन हम इसपर काम कर रहे हैं।’

डिजिटल रुपया क्या है ? | Know About Digital Rupiya or Digital Currency in Hindi

डिजिटल रुपया क्या है ? | Know About Digital Rupiya or Digital Currency in Hindi

हम सब डिजिटल युग में जी रहे है। डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। कोविड आने के कारण लोगो की ज़िंदगी में बहुत से बदलाव आए है जैसे लोग अब डिजीटल ट्रांजेक्शन ज्यादा कर रहे है। लोगो का झुकाव अब डिजीटल मुद्रा (Digital Currency) और क्रिप्टो के तरफ हो रहा है। डिजिटल मुद्राओं को लेकर पूरी दुनिया में दिवानगी बढ गई है। डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर भारत सरकार भी डिजीटल मुद्रा का देशी संस्करण इसी बीत बर्ष में लाने की तैयारी कर रही है। भारत सरकार डिजीटल मुद्रा को डिजिटल रुपया के नाम से जारी करने का प्लान बना रही है। आइए जानते है डिजीटल रुपया क्या है?

डिजीटल रुपया क्या है? (What is Digital rupiya in Hindi?)

भारत सरकार एक अप्रैल से शुरू होने वाली 2022-2023 वित्त वर्ष में डिजीटल मुद्रा का देशी संस्करणे पेश करने वाली है। डिजीटल रूपया भौतिक रूप से प्रचलित रुपिया को डिजिटल रूप को प्रतिबिंबित करेगा।

वित्त मंत्री द्वारा पेश 2022-23 के आम बजट के अनुसार ‘डिजिटल रुपया’ नामक डिजीटल मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जायेगा और इसे भौतिक मुद्रा यानि रूपया के साथ बदला जा सकेगा।

What is Central Bank Digital currency (CBDC क्या है?)

सीबीडीसी (CBDC) का फुल फार्म सेंट्रल बैंक ऑफ डिजीटल करेंसी) होता है। CBDC किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाने वाला डिजीटल मुद्रा है। इसे डिजीटल फिएट करेंसी या डिजीटल बेस मनी भी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर कहा जाता है। यह फिएट मुद्रा की तरह है और इसके माध्यम से लेनदेन किया जा सकता है।

CBDC एक केंद्रीय बैंक जारी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, जिसकी तुलना प्राइवेट वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है।

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Crypto Currency (क्रिप्टो करेंसी)

पिछले एक दशक में प्राइवेट डिजीटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी जैसे क्रिप्टो, बिटकॉइन का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। प्राइवेट डिजिटल करेंसी किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है जबकि सीबीडीसी किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है। प्राईवेट करेंसी जैसे डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर क्रिप्टो, बिटकॉइन निश्चित रूप से करेंसी नहीं हैं। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता भी प्रभावित हो सकता हैं,इसी लिए RBI इसका विरोध कर रहा है।

CBDC के आने से फायदा क्या है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने 2022-23 के बजट भाषण में कहा CBDC की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। उनका कहना है कि “डिजिटल करेंसी से एक अधिक दक्ष तथा सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था वजूद में आएगी। डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन और अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी”।

आसान शब्दों में कहें तो सीबीडीसी एक वाणिज्यिक बैंक के बजाय एक केंद्रीय बैंक यानी RBI द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगा।

Tax on Digital currency or virtual currency in India (डिजीटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी पर टैक्स)

प्राईवेट वर्चुअल करेंसी या प्राईवेट डिजिटल करेंसी (जैसे क्रिप्टो करंसी) से होने वाली डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर विचार-विमर्श शुरु किया गया है और जो निस्कर्ष आएगा उसके बाद हम इस पर कायदे-कानून बनाने पर विचार करेंगे।

बितमंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी और अन्य प्राइवेट डिजिटल Assets पर टैक्सेशन को स्पष्ट किया। उन्होंने प्राइवेट डिजिटल करेंसी के लेनदेन से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा की है। डिजीटल एसेट को कर के दायरे में लाने के लिये इस संपत्ति की श्रेणी में एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया गया है।

डिजिटल रूपया (CBDC) और क्रिप्टो करेंसी में अंतर क्या है?

वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं । लेकिन लोगो को अभी भी कंफ्यूज हैं कि सीबीडीसी (डिजिटल करेंसी) को सरकार हां कर रही है और साथ ही बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना कर रही है। आइए इन दोनो के बीच के अन्तर को समझते हैं।

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CBDC (Digital currency)

विशेषज्ञों के अनुसार डिजिटल रुपये (Digital currency) की अवधारणा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से प्रेरित है। डिजीटल रूपया (CBDC) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजीटल करेंसी होता है जबकि बिटकॉइन (क्रिप्टो करेंसी) एक प्राईवेट वर्चुअल करेंसी है।

Central Bank Digital currency (CBDC) केंद्रीय बैंक के नियमों के अनुसार होता है जबकि बिटक्वाइन (क्रिप्टो करेंसी) अनियंत्रित होती है।

क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन एक कंप्यूटर एल्गोरिथम द्वारा किया जाता है वहीं डिजिटल करेंसी को केंद्रीय डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

डिजिटल रुपये(CBDC) को सेंट्रल सरकार की मान्यता मिली होती है। इसके साथ ही डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होगी और इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है।

ऐसा भी प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए। इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव भी दिया है।

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