डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार

डायरेक्ट या रेगुलर कौनसा फंड बेहतर रिटर्न के लिए चुने
डायरेक्ट या रेगुलर कौनसा फंड बेहतर रिटर्न के लिए चुने
हर म्यूचुअल फंड दो विकल्पों के साथ आता है रेगुलर योजना और डायरेक्ट योजना।दोनों फंड एक ही मैनेजर द्वारा प्रबंधित किये जाते है जो एक ही बॉन्ड और स्टॉक में निवेश करते हैं। इन दोनों के बीच एकमात्र अंतर यह है कि एक रेगुलर फंड के मामले में आपका म्यूचुअल फंड हाउस ब्रोकर / एजेंट को वितरण शुल्क के रूप में कमीशन देता है, जबकि डायरेक्ट योजना के मामले में, इस तरह की कोई फीस / कमीशन का भुगतान नहीं किया जाता है।
डायरेक्ट योजना में निवेश
एक डायरेक्ट योजना वह है जो आप आमतौर पर कंपनी की वेबसाइट से या म्यूचुअल फंड कंपनी से खरीदते हैं|
1) डायरेक्ट प्लान उन लोगों के लिए अच्छा है जो बिना किसी बिचौलिए के म्यूचुअल फंड स्कीम के साथ काम करना चाहते हैं। फंड मैनेजर अपने व्यय अनुपात को कम करके बेहतर रिटर्न उत्पन्न कर सकते हैं।
2) डायरेक्ट म्यूचुअल फंड योजनाओं के मामले में, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपना बाजार रिसर्च करें और टॉप प्रदर्शन वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं का चयन करें।
3) निवेशक म्यूचुअल फंड वेबसाइटों और ब्लॉगों तक पहुंचकर विश्लेषण कर सकते हैं ताकि उपयुक्त म्यूचुअल फंड योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।
4) डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार डायरेक्ट प्लान उन लोगों के लिए सबसे अच्छा काम करते हैं जो फंड के माध्यम से सीधे निवेश करके अपने रिटर्न को डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार बढ़ाना चाहते हैं और अपने दम पर दस्तावेज का प्रबंधन कर सकते हैं।
5) डायरेक्ट म्यूचुअल फंड योजना के साथ, आप डिस्ट्रीब्यूटर्स को भारी कमीशन का भुगतान किए बिना सीधे फंड हाउस के साथ निवेश कर सकते हैं।
रेगुलर योजना में निवेश
1) एक रेगुलर डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार योजना वह है जो आप एक सलाहकार, दलाल या एजेंट (मध्यस्थ) के माध्यम से खरीदते हैं। एक रेगुलर योजना में, म्यूचुअल फंड कंपनी बिचौलियों को कमीशन का भुगतान करती है।
2) एक रेगुलर योजना में, म्यूचुअल फंड कंपनी मध्यस्थ को कमीशन का भुगतान करती है। यह तब योजना से खर्च के रूप में वसूल किया जाता है। म्यूचुअल फंड में बोलते हैं, एक रेगुलर योजना के लिए व्यय अनुपात अधिक होता है।
3) यदि आप एक रेगुलर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो सलाहकार आपके निवेश को डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार अधिक प्रभावी ढंग से समझने और प्रबंधित करने में आपकी मदद करता हैं।
4) कॉरपोरेट हाउस के पास एक वित्त टीम होती है, इसलिए उनके लिए सही फंड का चयन करना आसान होता है। क्योंकि, रिटेल निवेशकों को मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, उनकी ये जरूरत डिस्ट्रीब्यूटर्स और सलाहकारों से पूरी होती है।
5 ) जब आप एक रेगुलर योजना के माध्यम से निवेश करते हैं, तो म्यूचुअल फंड हाउस में कमीशन शामिल होता है जो उन्हें ड्रिस्टीब्युटर्स को व्यापार करने के लिए भुगतान करने की आवश्यकता होती है। ये कमीशन आम तौर पर सालाना 0.8 से 1.5% के बीच होता है। ये अपने म्यूचुअल फंड एनएवी को कम करके एजेंट को ट्रांसफर किए जाते हैं।
डायरेक्ट योजना और रेगुलर योजना के बीच अंतर
डायरेक्ट योजना और रेगुलर योजना के बीच मुख्य अंतर व्यय अनुपात है। निवेश के उद्देश्य, इन्हेरेंट पोर्टफोलियो, एसेट एलोकेशन पैटर्न, रिस्क फैक्टर, निवेश रणनीति, जोखिम कारक, एक्ज़िट लोड की संरचना सहित नियम जैसी शर्तें दोनों प्रकार के फंड में समान होती हैं।
डायरेक्ट योजना में
व्यय (एक्सपेंडिचर) अनुपात कम
डायरेक्ट म्यूचुअल फंडों में एजेंटों, दलालों या अन्य मध्यस्थों की कोई भूमिका नहीं होती है। निवेशक कमीशन या डिलीवरी शुल्क से मुक्त होते हैं, जो व्यय अनुपात को कम करता है।
कोई ट्रांसक्शन शुल्क नहीं
यहां तक कि जब आप एक एसआईपी शुरू करते हैं या सीधे निवेश करते हैं, तो कोई ट्रांसक्शन शुल्क नहीं लगता क्योंकि आप सीधे म्यूचुअल फंड कंपनी के साथ काम करते हैं।
अलग नेट एसेट वैल्यू
उनके पास एक अलग नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) है, और निवेशकों को डायरेक्ट प्लान की पहचान करने में मदद करने के लिए प्रॉस्पेक्टस 'डायरेक्ट' को उल्लेखित करता हैं|
फंड सीधे AMC से
डायरेक्ट योजनाएं में म्युचुअल फंड जो सीधे एक परिसंपत्ति प्रबंधन (asset Management) कंपनी (एएमसी) से खरीद सकते हैं|
रेगुलर योजना में
भले ही डायरेक्ट योजनाओं का मतलब कम व्यय अनुपात है, लेकिन इसके लिए निवेशक को अधिक प्रयास की आवश्यकता होती है। निवेशकों को अपने लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के आधार पर फंड को शॉर्टलिस्ट करना होता है, और वही योग्य पेशेवर (एजेंट) आपको सही निवेश पोर्टफोलियो की ओर आपका मार्गदर्शन करवाता है। इसके अलावा, वो आपको बाज़ार के अनुसार विशेषज्ञता प्रदान करता हैं और आपको उन फंडों में निवेश करवाता हैं, जो अच्छे रिटर्न प्रदान कर सकते हैं।
1) विशेषज्ञ मार्गदर्शन
म्युचुअल फंड के परफॉमेन्स की तुलना एनालिसिस ओर एक निवेशक के वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम प्रोफ़ाइल के साथ मिलान करने के लिए गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है। एक योग्य पेशेवर (एजेंट) आपको सही निवेश पोर्टफोलियो की ओर आपका मार्गदर्शन करता है। इसके अलावा, वो आपको बाज़ार के अनुसार विशेषज्ञता प्रदान करता हैं और आपको उन फंडों में निवेश करता हैं, जो बढ़िया रिटर्न प्रदान कर सकते हैं।
2) नियमित निगरानी और एनालसिस
एक व्यक्तिगत निवेशक के पास नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की एनालिसिस करने के लिए समय, धैर्य या ज्ञान नहीं होता है। यहां, वितरक आपके पोर्टफोलियो रिटर्न की समीक्षा करता है और आवश्यकतानुसार आपको परिसंपत्ति आवंटन को फिर से संतुलित करने में मदद करता है। इससे बेहतर आपको रिटर्न भी मिल सकता है। यह एक्स्ट्रा व्यय अनुपात को सही ठहराता है।
3) वैल्यू-एडेड सर्विस
रेगुलर योजनाएं आपको म्यूचुअल फंड बेचने या नियमित रूप से एनालिसिस करने से नहीं रोकती हैं। वे आपके निवेश को सुविधाजनक बनाने और ट्रैक करने में आपकी सहायता करते हैं। इसलिए, यह अधिक निवेशक के अनुकूल है।
निष्कर्ष
म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन अक्सर बदलता रहता है और फंड का चुनाव महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छा सलाहकार आपको एक अच्छे फंड का चयन करने में मदद करता है जो आपकी जोखिम प्रोफ़ाइल से मेल खाता है और आपके पैसे को एक फंड में निवेश करता है जो आपके लक्ष्य के लिए उपयुक्त है जिसमें आप निवेश करते है।
द्विपक्षीय व्यापार बढाने को प्रतिबद्ध भारत व रूस
बेनालिम, गोवा, 15 अक्तूबर :भाषा: भारत व रूस अपने द्विपक्षीय व्यापार व निवेश को बढावा देने के लिए रणनीतियों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही दोनों देशों ने अपने यहां व्यापार सुगमता में सुधार की प्रतिबद्धता जताई है।
इसके अनुसार दोनों नेताओं ने व्यापार सुगमता और बढाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
इसके अनुसार भारत के नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड :एनआईआईएफ: द्वारा रूस डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड :आरडीआईएफ: के साथ मिलकर द्विपक्षीय निवेश कोष की स्थापना से दोनों देशों में उच्च प्रौद्योगिकी निवेश प्रोत्साहित होगा।
इन नेताओं ने दोनों देशों की कंपनियों का आह्वान किया कि वे फार्मास्युटिकल्स, रसायन, खनन, मशीनरी निर्माण, ढांचागत, रेलवे, उर्वरक, आटोमोबाइल व विमानन विनिर्माण के क्षेत्र में नये व महत्वाकांक्षी निवेश प्रस्ताव तैयार करें।
द्विपक्षीय हीरा कारोबार को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया।
कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पदों के लिए साझा बाजार पहुंच के बारे में दोेनों देश अपने अपने नियामकीय प्राधिकारों के बीच मौजूदा बातचीत को जारी रखने पर सहमति हुए हैं।
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
रणवीर सिंह ने शुगर कॉस्मेटिक्स में किया निवेश
बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह ने अपना पहला स्टार्टअप निवेश किया है। यह निवेश उन्होने डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड SUGAR कॉस्मेटिक्स में किया है। इस बात की पुष्टि कंपनी ने शनिवार को दी। हालांकि इस निवेश के आंकड़े का कोई खुलासा नहीं किया है।
बता दें कि शुगर कॉस्मेटिक्स ने 2015 में एक डी2सी ब्रांड के रूप में शुरुआत की और फिर साल 2017 में कंपनी ने ऑफलाइन व्यापार में कदम रखा।
वर्तमान में, इस कंपनी के देश भर में 45,000 से अधिक रिटेल टच पॉइंट्स के साथ भौतिक उपस्थिति के साथ 550 करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक बिक्री है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि रणवीर सिंह ब्रांड प्रचारक होंगे और प्रमुख बाजारों में ब्रांड कनेक्ट बनाएंगे। कंपनी का ऐसा मानना है कि इस साझेदारी से ब्रांड को “ग्राहक अधिग्रहण के लिए नए रास्ते बनाने” में मदद मिलेगी। निवेश के साथ, कंपनी चीनी अथवा अन्य संभावित बाजारों में विस्तार पर ध्यान देगी।
रणवीर सिंह के इस निवेश से कंपनी ने अपनी खुशी जाहिर की है और साथ ही कहा की अभिनेता युवा पीढ़ियों के बीच अधिक लोकप्रिय हैं जिससे कंपनी की लोकप्रियता और बढ़ेगी।
शुगर कॉस्मेटिक्स अपनी कंपनी को एक बड़े और बहुचर्चित मेकअप और सौंदर्य ब्रांड के रूप में बनाने के लिए आक्रामक रूप से तैयार हैं।
बता दें कि जून में, SUGAR कॉस्मेटिक्स ने L Catterton के एशिया फंड के नेतृत्व में सीरीज D फंडिंग में $50 मिलियन जुटाए थे।
यूएई व केन्या आर्थिक सहयोग बढ़ाएंगे
दुबई, 8 जून, 2021 (डब्ल्यूएएम) -- एतिहाद क्रेडिट इंश्योरेंस (ईसीआई) और केन्या नेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केएनसीसीआई) ने यूएई और केन्या डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने के साथ महामारी के बाद डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार के युग के दौरान दोनों देशों में व्यापारिक समुदायों का सहयोग करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी में प्रवेश किया है। यह गठबंधन 'दुबई वीक इन अफ्रीका-केन्या' फोरम के मद्देनजर बनाया गया था, जिसे इस साल की शुरुआत में लॉन्च किया गया था और वैश्विक महामारी के बावजूद यूएई और अफ्रीकी देशों के बीच व्यापार के बढ़ते पैमाने पर प्रकाश डाला गया था। दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में ईसीआई के सीईओ मास्सिमो फैलसोनी और केएनसीसीआई के अध्यक्ष रिचर्ड नगाटिया द्वारा हस्ताक्षरित समझौता दोनों संस्थानों के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए संभावनाओं को बनाने का लक्ष्य रखा है। आपसी सहयोग और एकजुटता के तहत रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य यूएई और केन्या के बीच मौजूदा व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए नए प्रोत्साहन की स्थापना करते हुए व्यापार और निवेश में बड़े अवसरों का पता लगाने के लिए ईसीआई और केएनसीसीआई के बीच सहयोग को बढ़ाना है। इस समझौता के तहत, ईसीआई केएनसीसीआई के सदस्यों को व्यापार सुरक्षा समाधानों के लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन करेगा। यह यूएई निवेश और व्यापार गतिविधियों से जुड़े वाणिज्यिक और राजनीतिक जोखिमों को उजागर करने के लिए बाजार की खुफिया जानकारी और देश जोखिम रिपोर्ट भी प्रदान करेगा। दूसरी ओर केएनसीसीआई संबंधित सदस्यों को कार्यशालाओं, योग्य व्यवसायों और कार्यक्रमों के साथ बी2बी बैठकों की सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही अपने न्यूजलेटर, वेबसाइट, पत्रिका, डायरेक्ट मेलिंग और कार्यक्रमों के माध्यम से ईसीआई की सेवाओं और उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस साल फरवरी में "दुबई वीक इन अफ्रीका-केन्या" मंच के दौरान, विदेश व्यापार राज्य मंत्री, प्रतिभा आकर्षण और प्रतिधारण के प्रभारी मंत्री और ईसीआई निदेशक मंडल के उपाध्यक्ष डॉ. थानी बिन अहमद अल जायोदी ने कहा कि यूएई और केन्या के बीच वाणिज्यिक आदान-प्रदान 2019 में बढ़कर 2.7 अरब डॉलर (एईडी9.9 अरब) हो गया, जो 2015 में 1.5 अरब डॉलर (एईडी5.5 अरब) था। उन्होंने उल्लेख किया कि केन्या में अमीराती निवेश लगभग 2.38 बिलियन डॉलर (एईडी 8.7 बिलियन) के बराबर है, जबकि यूएई में केन्याई निवेश का मूल्य 63 मिलियन डॉलर (एईडी231.4 मिलियन) है। फैलसोनी ने कहा, "पिछले चार दशकों से यूएई और केन्या ने उत्कृष्ट व्यापार और व्यापारिक संबंध बनाए रखा है। यह समझौता केन्या को वैश्विक बाजारों में आपूर्ति श्रृंखलाओं और समुद्री और हवाई शिपिंग आवाजाही की स्थिरता डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार और व्यापार वित्त को बनाए रखने में यूएई की महत्वपूर्ण भूमिका से लाभान्वित करने में सक्षम करेगा।"
नगाटिया ने कहा, "हम ईसीआई के साथ साझेदारी करके प्रसन्न हैं, जो हमें विश्वास है कि केन्या और यूएई के बीच आर्थिक संबंधों में एक नए चरण का संकेत देगा।"
स्टार्टअप में सालाना निवेश बढ़ा, 36 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा
देश के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में निवेशक काफी रुचि दिखा रहे हैं, यही वजह है कि ऐसी इकाइयों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग.
देश के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में निवेशक काफी रुचि दिखा रहे हैं, यही वजह है कि ऐसी इकाइयों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने शनिवार यह बात कही।
जैन ने कहा कि स्टार्टअप इकाइयों में सालाना निवेश 11 अरब डॉलर से बढ़कर 36 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि देश में दुनियाभर से स्टार्टअप में आने वाले निवेश चार प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत हो गया है। इसमें घरेलू निवेश भी शामिल है। जैन ने यहां राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में निवेशक काफी रुचि दिखा रहे हैं। पिछले एक साल के दौरान स्टार्टअप कंपनियों में निवेश 11 अरब डॉलर से बढ़कर 36 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।’’
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्टार्टअप इकाइयों को नियामकीय बोझ को सुगम करने के लिए और अधिक सुझावों के साथ आने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे स्टार्टअप की कहानी को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
गोयल ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकारी मिली है कि 2021 में स्टार्टअप क्षेत्र में 1,000 से अधिक सौदे हुए हैं और डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार पहले नौ माह में इस क्षेत्र में 23 अरब डॉलर का निवेश आया है।’’ उन्होंने कहा कि हमारे कई उद्यमी आगे बढ़ती नई स्टार्टअप इकाइयों के लिए मार्गदर्शक बन सकते हैं। ‘‘हमें विभिन्न जिलों में ‘स्टार्टअप पहुंच केंद्रों’ की स्थापना पर ध्यान देना चाहिए।’’