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अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
Key Points

अंतर्राष्ट्रीय संस्थान/संगठन

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 189 सदस्य देशों वाला एक संगठन है जिनमें से प्रत्येक देश का इसके वित्तीय महत्त्व के अनुपात में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड में प्रतिनिधित्व हैं। इस प्रकार वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो देश अधिक शक्तिशाली है उस देश के पास अधिक मताधिकार है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक (अध्यक्ष) की सूची

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) एक अंतरसरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विनिमय दर को स्थिर करने के लिए की गई थी। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य अमेरिका में है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 27 दिसम्बर 1945 को हुई थी।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का उद्देश्य:

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुख्य उद्देश्य आर्थिक स्थिरता सुरक्षित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है। इंटरनेशनल मुद्रा कोष के कुल 186 सदस्य देश हैं। 29 जून 2009 को कोसोवो गणराज्य (Kosovo) 186वें देश के रूप में शामिल हुआ था।

Quick Info about International Monetary Fund (IMF) in Hindi:

मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य अमेरिका
स्थापना 27 दिसम्बर 1945
कुल सदस्य देश 186 (2009 के अनुसार)
वर्तमान प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (यूरोपीय संघ)
प्रथम प्रबंध निदेशक कैमिल गट (बेल्जियम)

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक के कर्तव्य:

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) का नेतृत्व प्रबंध निदेशक द्वारा किया जाता है जिसे कर्मचारियों का सबसे प्रमुख अधिकारी माना जाता है और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। उसके पास IMF के कर्मचारियों की नियुक्ति और बर्खास्तगी के अधिकार होंगे। इसके साथ-साथ प्रबंध निदेशक को IMF के कार्यकारी बोर्ड की देख रेख में काम करना होगा। 24 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड द्वारा इंटरनेशनल मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक का चयन किया जाता है। IMF के प्रबंध निदेशक की सहायता के लिए प्रथम उप अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रबंध निदेशक और 3 उप प्रबंध निदेशक भी नियुक्त होंगे।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के वर्तमान प्रबंध निदेशक:

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के वर्तमान अध्यक्ष (प्रबंध निदेशक) क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) है। उन्होंने अक्टूबर 2019 को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 12वें प्रबंध निदेशक के रूप में पद संभाला था अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पहले प्रबंध निदेशक श्री कैमिल गट थे। यह भी पढ़ें: नवीनतम कौन क्या है 2021:

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशकों की सूची:

नाम कार्यकाल
केमिल गट (बेल्जियम) 06 मई 1946 से 05 मई 1951 तक
आइवर रूथ (स्वीडन) 03 अगस्त 1951 से 03 अक्टूबर 1956 तक
पेर जैकबसन (स्वीडन) 21 नवंबर 1956 से 05 मई 1963 तक
पियरे-पॉल श्वित्ज़र (फ्रांस) 01 सितंबर 1963 से 31 अगस्त 1973 तक
जोहान विट्टवेन (नीदरलैंड) 01 सितंबर 1973 से 18 जून 1978 तक
जैक्स डे लारोसीएर (फ्रांस) 18 जून 1978 से 15 जनवरी 1987 तक
मिशेल कैमडेसस (फ्रांस) 16 जनवरी 1987 से 14 फरवरी 2000 तक
हॉर्स्ट कोहलर (जर्मनी) 01 मई 2000 से 04 मार्च 2004 तक
रॉड्रिगो राटो (स्पेन) 07 जून 2004 से 31 अक्टूबर 2007 तक
डोमिनिक स्ट्रॉस-कान (फ्रांस) 01 नवम्बर 2007 से 18 मई 2011 तक
क्रिस्टीन लेगार्ड (फ्रांस) 05 जुलाई 2011 से 12 सितंबर 2019
क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (यूरोपीय संघ) 1 अक्टूबर 2019 से वर्तमान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की कार्य प्राणली:

IMF एवं विश्व बैंक का एक संगठनात्मक ढांचा (organizational structure) एक समान है। आईएमएफ एक बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स (board of governors), बोर्ड ऑफ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (board of executive directors), अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली (international monetary system) पर एक अंतरिम समिति तथा एक प्रबंध निदेशक व कर्मचारी वर्ग के द्वारा अपना कार्य करता है। कोष की सभी शक्तियां बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में निहित होती हैं। इस बोर्ड में प्रत्येक सदस्य देश का एक गवर्नर एवं एक वैकल्पिक प्रतिनिधि शामिल रहता है। इसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा अपनी अधिकांश शक्तियां 24 सदस्यीय कार्यकारी निदेशक बोर्ड को हस्तांतरित कर दी गयी हैं। इस कार्यकारी निदेशक बोर्ड की नियुक्तियां निर्वाचन सदस्य (election member) देशों या देशों के समूहों द्वारा किया जाता है। प्रत्येक नियुक्त निदेशक को अपनी सरकार के निर्धारित कोटे के अनुपात में मत शक्ति प्राप्त होती है। जबकि प्रत्येक निर्वाचित निदेशक अपने देश समूह से सम्बद्ध सभी वोट डाल सकता है। कार्यकारी निदेशकों (IMF executive directors) द्वारा अपने प्रबंध निदेशक का चयन किया जाता है, जो कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। प्रबंध निदेशक आईएमएफ (Managing Director IMF) के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सम्पन्न करता है। एक संधि समझौते के अनुसार आईएमएफ का प्रबंध निदेशक यूरोपीय होता है जबकि विश्व बैंक का अध्यक्ष अमेरिकी नागरिक होता है।

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और भारत

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और भारत |अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का गठन उद्देश्य | IMF Works and Aim in Hindi

उत्तर- एक अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक संगठन के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 27 दिसम्बर , 1945 को वेटनवुड सम्मेलन निर्णयानुसार की गई थी , लेकिन इसने वास्तविक रूप में 1 मार्च , 1947 से कार्य प्रारम्भ किया था। दिसम्बर 2002 तक अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में 188 सदस्य देश हैं। जुलाई 2002 में पूर्वी तिमोर नया सदस्य बना। रोड्रियो राटो के स्थान पर फ्रांस . के डोमनिकस्ट्रांस काहन क्रिस्टीना लगार्ड (फ्रांस की वित्तमंत्री) को अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रबन्ध निर्देशक चुना गया था।

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के समझौता अनुच्छेदों के अनुसार इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं

1. अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को प्रोत्साहित करना ।

2. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का सन्तुलित विकास करना ।

3. विनिमय दरों में स्थिरता बनाए रखना।

4. बहुपक्षीय भुगतानों की व्यवस्था स्थापित करके विनिमय प्रतिबंधों को समाप्त करना अथवा कम करना ।

5. सदस्य देशों के प्रतिकूल भुगतान सन्तुलन को ठीक करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना ।

6. असन्तुलन की मात्रा एवं अवधि में कमी करना ।

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का गठन

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का नियंत्रण एवं प्रबंध एक बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में निहित है। प्रत्येक सदस्य देश एक गवर्नर को मनोनीत करता है , जिन्हें मिलाकर बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का गठन होता है। प्रत्येक गवर्नर को कितना मताधिकार प्राप्त हो , यह उसके देश के प्राप्त कोटा के आधार पर निर्भर करता है। प्रत्येक गवर्नर के 250 मत सदस्यता का तथा उसके देश को प्राप्त कोटे में प्रत्येक एक लाख एस. डी. आर. पर एक अतिरिक्त मत देने का अधिकार है। इन दोनों के योग से सदस्य राष्ट्र का मताधिकार का मूल्य निर्धारित होता है।

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और भारत

भारत का IMF से घनिष्ठ संबंध रहा है। उसकी नीति निर्माण एवं संचालन में भारत निरन्तर योगदान देता रहा है। वित्त मंत्री अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष का पदेन गवर्नर होता है। 1970 तक भारत अधिकतम अभ्यासों वाले प्रथम पाँच देशों में से था , लेकिन अब भारत का 11 वाँ स्थान है। भारत का मौजूदा कोटा कोष के कुल 212 अरब SDR में से 2.44% शेयर इसे मिले हुए हैं।

इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को प्रोत्साहित तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को सन्तुलित करने वाली यह संस्था विश्व स्तर पर प्रासंगिक है।

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है। इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य में है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: उद्देश्य

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एवं मौद्रिक स्थिरता को बनाये रखने के उपाय करना तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विस्तार एवं पुनरुत्थान हेतु वित्तीय आधार उपलब्ध कराना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है।

इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्यों में एक स्थायी संस्था (जो अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक समस्याओं पर सहयोग व परामर्श हेतु एक तंत्र उपलब्ध कराती है) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विस्तार एवं संतुलित विकास को प्रोत्साहित करना तथा इस प्रकार से सभी सदस्यों के उत्पादक संसाधनों के विकास और रोजगार व वास्तविक आय के उच्च स्तरों को कायम रखना; विनिमय स्थिरता को प्रोत्साहित करना तथा सदस्यों के बीच व्यवस्थित विनिमय प्रबंधन को बनाये रखना; सदस्यों के मध्य चालू लेन-देन के संदर्भ में भुगतानों की एक बहुपक्षीय व्यवस्था की स्थापना में सहायता देना; सदस्यों को अस्थायी कोष उपलब्ध कराकर उन्हें अपने भुगतान संतुलनों के कुप्रबंधन से निबटने का अवसर एवं क्षमता प्रदान करना तथा सदस्यों के अंतरराष्ट्रीय भुगतान संतुलनों में व्याप्त असंतुलन की मात्रा व अवधि को घटाना इत्यादि सम्मिलित हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: संक्षिप्त इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना जुलाई 1944 में सम्पन्न हुए संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में हस्ताक्षरित समझौते के अंतर्गत की गई, जो 27 दिसंबर, 1948 से प्रभावी हुआ। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा 1 मार्च, 1947 को औपचारिक रूप से कार्य करना शुरू कर दिंया गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आर्थिक व सामाजिक परिषद के साथ किये गये एक समझौते (जिसे 15 नवंबर, 1947 को महासभा की मंजूरी प्राप्त हुई) के उपरांत संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बन गया।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: संरचना

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक का एक संगठनात्मक ढांचा एक समान है।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स, बोर्ड ऑफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स, अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली पर एक अंतरिम समिति तथा एक प्रबंध निदेशक व कर्मचारी वर्ग के द्वारा अपना कार्य करता है।
बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की सभी शक्तियां बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में निहित होती हैं। इस बोर्ड में प्रत्येक सदस्य देश का एक गवर्नर एवं एक वैकल्पिक प्रतिनिधि शामिल रहता है। इसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है।

बोर्ड ऑफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स: बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा अपनी अधिकांश शक्तियां 24 सदस्यीय कार्यकारी निदेशक बोर्ड को हस्तांतरित कर दी गयी हैं। इस कार्यकारी निदेशक बोर्ड की नियुक्तियां निर्वाचन सदस्य देशों या देशों के समूहों द्वारा किया जाता है। प्रत्येक नियुक्त निदेशक को अपनी सरकार के निर्धारित कोटे के अनुपात में मत शक्ति प्राप्त होती है। जबकि प्रत्येक निर्वाचित निदेशक अपने देश समूह से सम्बद्ध सभी वोट डाल सकता है।
प्रबंध निदेशक: कार्यकारी निदेशकों द्वारा अपने प्रबंध निदेशक का चयन किया जाता है, जो कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। प्रबंध निदेशक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सम्पन्न करता है। एक संधि समझौते के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रबंध निदेशक यूरोपीय होता है जबकि विश्व बैंक का अध्यक्ष अमेरिकी नागरिक होता है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: कार्य
अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्य इस प्रकार है:
1 आईएमएफ की स्थापना के समय, इसके तीन प्राथमिक कार्य होते थे: देशों के बीच निश्चित विनिमय दर की व्यवस्था की निगरानी करना, इस प्रकार राष्ट्रीय सरकारों ने अपने विनिमय दरों का प्रबंधन करने और इन सरकारों को आर्थिक विकास को प्राथमिकता देने की अनुमति दी, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संकटों को फैलाने से रोकने के लिए सहायता करना था । महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के टुकड़ों को सुधारने में आईएमएफ का भी इरादा था। साथ ही, आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे जैसे परियोजनाओं के लिए पूंजी निवेश प्रदान करना।
2 अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष वैश्विक विकास और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए काम करता है, जिससे वे विकासशील देशों के साथ काम कर, नीतिगत, सलाह और सदस्यों को वित्तपोषण करके व्यापक आर्थिक स्थिरता हासिल करने और गरीबी को कम करने में मदद करते हैं।
3 अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष वित्तपोषण के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं भारत
भारत का अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष से घनिष्ठ संबंध रहा है और उसके नीति-निर्माण एवं कार्य संचालन में भारत निरंतर योगदान देता रहा है। समय-समय पर आर्थिक सहायता और परामर्श द्वारा भारत मुद्रा कोष से लाभान्वित हुआ है।भारत, जो अभी तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से समय-समय पर अपनी आवश्यकतानुसार ऋण लेता रहा है, अब इसके वित्त पोषक राष्ट्रों में शामिल हो गया है। अब भारत इस बहुपक्षीय संस्था को ऋण उपलब्ध कराने लगा है।

'अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष' के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?

Key Points

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) 190 देशों का एक संगठन है, जो वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने, उच्च रोजगार और संधारणीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और दुनिया भर में गरीबी को कम करने के लिए काम कर रहा है।
  • 1945 में बनाया गया, आईएमएफ उन 190 देशों के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह है जो इसकी निकट-वैश्विक सदस्यता बनाते हैं।

Important Points

  • आईएमएफ का प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
  • विनिमय दरों और अंतर्राष्ट्रीय भुगतान की प्रणाली देशों (और उनके नागरिकों) को एक दूसरे के साथ लेन-देन करने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में सक्षम बनाती है।
  • फंड के अधिदेश को 2012 में वैश्विक स्थिरता पर आधारित सभी व्यापक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों को अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष शामिल करने के लिए अद्यतन किया गया था।

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Last updated on Sep 21, 2022

UPPCS Cut Off and Marksheet released for the 2021 examination. Earlier, the final result for the same was released. A total of 627 candidates were selected after the interview. UPPSC PCS 2022 cycle is also ongoing. The Mains exam for the same was held between 27th September to 1st October 2022.

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