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विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी

विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी

Dollar vs Rupees: विदेशी निवेशकों की वापसी का असर, रुपए में आई 29 पैसे की मजबूती

Dollar vs Rupees: आज डॉलर के मुकाबले रुपए में 29 पैसे की मजबूती दर्ज की गई. विदेशी निवेशकों की वापसी से सेंटिमेंट मजबूत हुआ है. बॉन्ड यील्ड में गिरावट से डॉलर कमजोर हो रहा है.

Dollar vs Rupees: विदेशी निवेशकों की वापसी का असर दिखा और आज रुपए में 29 पैसे की मजबूती दर्ज की गई. डॉलर इंडेक्स में गिरावट के कारण डॉलर कमजोर हुआ जिससे भी इंडियन करेंसी को फायदा पहुंचा है. आज डॉलर के मुकाबले रुपया 81.53 के स्तर पर बंद हुआ. वैसे कच्चे तेल की कीमत में तेजी से सेंटिमेंट पर दबाव भी है. स्पॉट मार्केट में डॉलर इंडेक्स इस समय 0.65 फीसदी घटकर 111 पर पहुंच गया है. वहीं इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का भाव इस समय 1.74 फीसदी के उछाल के साथ 90.60 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है.

बॉन्ड यील्ड में कमजोरी से रुपया मजबूत

कोटक सिक्यॉरिटीज के वाइस प्रेसिडें, करेंसी, अनिंद्य बनर्जी ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के कमजोर होने से डॉलर में विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी कमजोरी दिख रही है. इसके अलावा शेयर बाजार में तेजी से भी रुपए को मजबूती मिली है. आज सेंसेक्स में 1276 अंकों का उछाल आया है और यह 58065 के स्तर पर बंद हुआ. आज फॉरन इंस्टीट्यूशन इन्वेस्टर्स ने 1345 करोड़ की खरीदारी की, जबकि डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 946 करोड़ की खरीदारी की. कुल मिलाकर इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 2291 करोड़ की खरीदारी की है.

शॉर्ट टर्म में रुपए में मजबूती

IIFL सिक्यॉरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि शॉर्ट टर्म में रुपए में तेजी दिख सकती है. यह 80-81 के दायरे में ट्रेड कर सकता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की वृद्धि के बाद रुपया अपने सबसे निचले स्तर से उबर गया. अमेरिका के विनिर्माण आंकड़ों के अनुमान से नीचे रहने के चलते डॉलर भी अपने उच्चस्तर से फिसल गया है.’’

FII ने सोमवार को 590 करोड़ का शेयर खरीदा

उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक नीतियों में बदलाव के मद्देनजर निवेशक सतर्क बने हुए हैं जिससे प्रमुख मुद्राओं में अस्थिरता बनी हुई है. डॉलर विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी के मुकाबले रुपया 81.20 से 82.05 के दायरे में कारोबार करता हुआ दिख सकता है.’’शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 590 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर ख़रीदे.

Explainer: रुपये की गिरावट पर नहीं लग रहा ब्रेक, 78.98 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर; कहां-कहां लग सकता है झटका

Dollar vs Rupees: एक्‍सपर्ट का कहना है कि भारतीय बाजारों से विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, महंगे क्रूड से बढ़ते व्‍यापार घाटे का सीधा असर रुपये में कमजोरी के रूप में दिखाई दे रहा विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी है.

एक्‍सपर्ट मान रहे हैं कि रुपये में आगे और गिरावट आ सकती है. (Representational image)

Dollar vs Rupees: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये (Indian Currency) की गिरावट पर ब्रेक लगता नहीं दिख रहा है. बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया लुढ़ककर 78.98 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर तक जा पहुंचा. क्रूड की बढ़ती कीमतें और डॉलर इंडेक्‍स (Dollar Index) में ओवरनाइट तेजी के बीच बीते एक महीने में रुपया करीब 1.6 फीसदी टूट चुका है. एक्‍सपर्ट का कहना है कि भारतीय बाजारों से विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी महंगे क्रूड से बढ़ते व्‍यापार घाटे का सीधा असर रुपये में कमजोरी के रूप में दिखाई दे रहा है. रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 48 पैसे टूटकर 78.85 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था.

जुलाई अंत तक 79.5 का लेवल दिखाएगा रुपया

आनंद राठी शेयर एंड स्‍टॉक ब्रोकर्स के रिसर्च एनॉलिस्‍ट (कमोडिटीज एंड करेंसीज फंडामेंटल) जिगर त्रिवेदी का कहना है कि डॉलर इंडेक्‍स की लगातार मजबूती और क्रूड की ऊंची कीमतों से व्‍यापार घाटा बढ़ रहा है. इससे घरेलू करेंसी कमजोर हो रही है. उन्‍होंने कहा कि जुलाई आखिर तक रुपया स्‍टॉप कमजोर होकर 79.5 का लेवल दिखा सकता है. मौजूदा समय में मैक्रो फंडामेंटल्‍स कमजोर हैं और विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों की ओर से ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी की जा रही है.

जिगर त्रिवेदी का कहना है, जुलाई की मीटिंग में यूएस फेड ब्‍याज दरों में 75 बेसिस प्‍वाइंट का इजाफा कर सकता है. वहीं, अगस्‍त तक फिलहाल RBI की कोई एमपीसी मीटिंग नहीं है. इसका असर यह होगा कि भारत और अमेरिका के बीच यील्‍ड के अंतर को कम कर सकता है. इससे रुपया विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी और कमजोर हो सकता है.ऐसे में रिजर्व बैंक करेंसी के नुकसान को रोकने के लिए फॉरेक्‍स मार्केट में दखल दे सकता है, विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी लेकिन यह भी एक लिमिट तक ही होगा.

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रुपये की गिरावट: कहां-कहां हो सकता है असर


महंगा होगा तेल

डॉलर के मुकाबले रुपये के 79 के करीब पहुंचने का बड़ा असर क्रूड यानी कच्चे तेल के आयात पर हुआ है. भारत की अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है. ऐसे में अगर कच्चे तेल का आयात महंगा होगा, तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अग्रेसिव रूख अपना सकती है. यानी, पेट्रोल-डीजल की महंगाई आने वाले दिनों में बढ़ सकती है.

खाने की थाली भी होगी महंगी

कमजोर रुपये से खाने-पीने के चीजों की कीमतें बढ़ सकती हैं. देश में करीब 90 फीसदी से इससे ज्यादा खाने-पीने की चीजों और दूसरे जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है. ऐसे में डीजल महंगा होता है, तो इसका असर इन सारी जरूरी चीजों पर भी देखने को मिल सकता है. दूसरी ओर, आयात होने वाले एडिबल ऑयल यानी खाद्य तेल भी महंगे हो सकते हैं.

कार, टीवी, फ्रिज के दाम पर भी असर

कमजोर रुपये से कार समेत टीवी, फ्रिज जैसे प्रोडक्‍ट्स के दाम बढ़ सकते हैं. ऐसा इसलिए ये कंपनियां कई इलेक्‍ट्रॉनिक आइटम और कम्‍पोनेंट आयात करती हैं. रुपये की कमजोरी से आयात महंगा होगा. ऐसे में कंपनियां दाम बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं.

विदेश में पढ़ाई, घूमना होगा महंगा

रुपये में लगातार कमजोरी से अगर आप विदेश में पढ़ाई या टूर का प्‍लान कर रहे हैं, तो आपको ज्‍यादा रुपये खर्च करने पड़ेंगे. डॉलर की मजबूती से पहले के मुकाबले विदेशी शिक्षा पर ज्यादा फीस, हॉस्टल बिल्स और करेंसी कन्वर्ट के भी ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. वहीं, ज्यादातर देशों में डॉलर में भुगतान होता है. करेंसी कन्वर्ट कराने के लिए भी आपको डॉलर के मुकाबले ज्यादा भारतीय रुपये खर्च करने होंगे.

आयात बिल बढ़ेगा

रुपये में लगातार कमजोरी से भारत जहां भी डॉलर के मुकाबले पेमेंट करता है, वह महंगा हो जाएगा. सीधे तौर पर समझें को भारत का इंपोर्ट बिल बढ़ जाएगा. क्‍योंकि अब उसे एक डॉलर के मुकाबले ज्‍यादा रुपये देने पड़ेंगे.

विदेशी कर्ज होगा महंगा

रुपये की कमजोरी से कॉरपोरेट हाउसेस के लिए भी विदेशी कर्ज लेना महंगा हो जाएगा. रिटेल से लेकर रीयल्टी सेक्टर काफी विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी हद तक विदेशी कर्ज पर निर्भर है. इसे तकनीकी भाषा में वाणिज्यिक विदेशी कर्ज (ECB) कहते हैं. इसके अंतर्गत भारतीय कंपनियां, सीधे तौर पर कम ब्याज दरों में विदेशी कंपनियों से कर्ज ले सकती हैं. रुपये में गिरावट से कर्ज के बदले कंपनियों को ब्याज का भुगतान डॉलर में देना पड़ता है. जब एक डॉलर खरीदने के लिये कंपनियों को 78 रुपये या इससे ज्यादा देना होगा तो उनको पहले की तुलना में ज्यादा ब्याज चुकाना होगा. कर्ज महंगा होगा तो लागत बढ़ेगी और जब लागत बढ़ेगी तो वस्तुओं की कीमतों में इजाफा होगा.

करेंसी में कमजोरी से निर्यातक खुश

[ सैकत दास | मुंबई ]रुपये को राहत मिलती नहीं दिख रही है। भारतीय करेंसी ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन 70 का साइकोलॉजिकल लेवल पार किया। हालांकि, .

एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के प्रोफेसर अनंत नारायणन ने कहा, 'इस साल रुपये में आई कमजोरी हमारे बैलेंस ऑफ ट्रेड के लिए पॉजिटिव है। जब चालू खाता घाटा बढ़ रहा है, तब रुपये में कमजोरी से निर्यातकों को मदद मिलनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि ट्रेडर्स को रुपये पर दांव लगाना आकर्षक लग रहा है, लेकिन कंपनियां करेंसी में उतार-चढ़ाव से लागत और आमदनी पर असर को लेकर आशंकित हैं। रुपया डॉलर के मुकाबले 70.16 पर बंद हुआ, जो रिकॉर्ड लो क्लोजिंग लेवल है। माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक के दखल देने से दिन के लो लेवल से इसमें रिकवरी आई।

करेंसी पर स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के एम एस गोपीकृष्णन ने कहा कि जो लोग नेट लेवल पर एक्सपोर्ट करते हैं, उन्हें रुपये में कमजोरी से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय कंपनियां विदेशी बाजारों में कॉम्पिटीटिव भी बनी रहेंगी। फिनिश्ड प्रॉडक्ट्स बेचने वाली किसी स्टील कंपनी को रुपये में कमजोरी के चलते विदेशी बाजार से अधिक डॉलर मिलेंगे। हालांकि, यह देखना होगा कि ऐसे प्रॉडक्ट्स को बनाने के लिए वह कितना आयात करती है। अगर इंपोर्ट कंपोनेंट 20-25 पर्सेंट या इससे कम है तो रुपये में कमजोरी से एक्सपोर्टर की प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ेगी। कुछ दिनों पहले आए ट्रेड डेटा के मुताबिक, जुलाई में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 14.3 पर्सेंट बढ़कर 25.77 अरब डॉलर हो गया था।

मुंबई बेस्ड एडवाइजरी आईएफए ग्लोबल के सीईओ अभिषेक गोयनका ने बताया, 'एक्सपोर्टर्स को अपनी पॉलिसी के हिसाब से हेजिंग करनी चाहिए।' ज्यादातर एक्सपोर्टर्स अपने सालाना टर्नओवर के 30 से 80 पर्सेंट की हेजिंग करते हैं। इससे उन्हें इंटरेस्ट कॉस्ट कम रखने में मदद मिलती है। जब रुपया बहुत कमजोर हो जाता है, तब वे फॉरवर्ड बुकिंग कम कर देते हैं। 2013 और 2008 में ऐसा ही हुआ था। नारायणन ने कहा कि अभी मार्केट की घबराहट का यही कारण है।

कमजोर करेंसी ने बढ़ाया एक्सपोर्ट्स का हौसला

रुपये को राहत मिलती नहीं दिख रही है। भारतीय करेंसी ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन 70 का साइकोलॉजिकल लेवल पार किया। हालांकि, इससे निर्यातक खुश हैं क्योंकि रुपये में कमजोरी से उन्हें बिजनेस बढ़ाने का मौका मिलेगा। रुपया गुरुवार को 70.40 के रेकॉर्ड लो लेवल पर पहुंच गया था। ट्रेडर्स इसमें शॉर्ट सेलिंग कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें ट्रेड डेटा के और खराब होने के आसार दिख रहे हैं।

- ट्रेड डेफिसिट पांच साल में सबसे अधिक

एनएसपी ट्रेजरी रिस्क मैनेजमेंट के डायरेक्टर परम शर्मा ने कहा, 'रुपये में गिरावट जारी है। तुर्की की करेंसी लीरा में हाल में मजबूत रिकवरी का इस पर पॉजिटिव असर नहीं हुआ है।' उन्होंने कहा कि भारतीय ट्रेड डेटा का करेंसी पर कहीं अधिक असर दिख रहा है। तुर्की की करेंसी लीरा में मंगलवार के बाद 10 पर्सेंट की रिकवरी हो चुकी है। देश का ट्रेड डेफिसिट यानी व्यापार घाटा पांच साल में सबसे अधिक हो गया है। जुलाई में यह बढ़कर 18 अरब डॉलर हो गया, जबकि जून में व्यापार घाटा 16.6 अरब डॉलर था। कच्चे तेल के आयात पर खर्च बढ़ने से इसमें बढ़ोतरी हो रही है।

एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के प्रोफेसर अनंत नारायणन ने कहा, 'ट्रेडर्स को रुपये पर दांव लगाना आकर्षक लग विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी रहा है, लेकिन कंपनियां करेंसी में उतार-चढ़ाव से लागत और आमदनी पर असर को लेकर आशंकित हैं। रुपया डॉलर के मुकाबले 70.16 पर बंद हुआ, जो रेकॉर्ड लो क्लोजिंग लेवल है। माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक के दखल देने से दिन के लो लेवल से इसमें रिकवरी आई।

रुपये में कमजोरी से लाभ

करेंसी पर स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के एम एस गोपीकृष्णन ने कहा कि जो लोग नेट लेवल पर एक्सपोर्ट करते हैं, उन्हें रुपये में कमजोरी से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय कंपनियां विदेशी बाजारों में कॉम्पिटीटिव भी बनी रहेंगी। फिनिश्ड प्रॉडक्ट्स बेचने वाली किसी स्टील कंपनी को रुपये में कमजोरी के चलते विदेशी बाजार से अधिक डॉलर मिलेंगे। हालांकि, यह देखना होगा कि ऐसे प्रॉडक्ट्स को बनाने के लिए वह कितना आयात करती है।

'इस साल रुपये में आई कमजोरी हमारे बैलेंस ऑफ ट्रेड के लिए पॉजिटिव है। जब चालू खाता घाटा बढ़ रहा है, तब रुपये में कमजोरी से निर्यातकों को मदद मिलनी चाहिए।'

Dollar Vs Rupee : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे टूटा

Dollar Vs Rupee : विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि मजबूत अमेरिकी खुदरा बिक्री के आंकड़ों के बाद अमेरिकी करेंसी मजबूत हुई, जो धीमी अर्थव्यवस्था के बावजूद लचीली खपत की ओर इशारा करती है.

Dollar Vs Rupee : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे टूटा

Dollar Vs Rupee : विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती के बीच भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 37 पैसे टूटकर 81.63 पर आ गया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.62 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ 81.63 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 37 पैसे की कमजोरी दर्शाता है. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि मजबूत अमेरिकी खुदरा बिक्री के आंकड़ों के बाद अमेरिकी करेंसी मजबूत हुई, जो धीमी अर्थव्यवस्था के बावजूद लचीली खपत की ओर इशारा करती है.

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वहीं, भारतीय रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 35 पैसे लुढ़ककर 81.26 पर बंद हुआ था. इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.26 प्रतिशत बढ़कर 106.55 पर पहुंच गया. वहीं, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 1.03 प्रतिशत नुकसान के साथ 91.90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 72.14 अंक या 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,908.58 पर कारोबार कर रहा था. वहीं, व्यापक एनएसई निफ्टी 32.60 अंक या 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,377.05 पर कारोबार कर रहा था. एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) कैपिटल मार्केट में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने बुधवार को 386.06 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर बेचे हैं.

रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट श्रीराम अय्यर ने कहा कि गुरुवार सुबह भारतीय रुपये की शुरुआत कमजोर नोट के साथ हुई, क्योंकि डॉलर स्थिर हो गया. निवेशकों ने उम्मीद से बेहतर खुदरा बिक्री के आंकड़ों के बाद यूएस फेड पॉलिसी के लिए आउटलुक का आकलन करने की कोशिश की.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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