क्रिप्टो बैन

क्रिप्टाकरेंसी बिल का मसौदा तैयार
गौरतलब है कि भारत सरकार ने शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी बिल का मसौदा तैयार कर लिया है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने वाली है। केंद्र सरकार इस शीतकालीन सत्र में 26 नए बिल को पेश करेगी, जिसमें तीन अध्यादेश भी शामिल है। मंगलवार शाम को शीतकालीन सत्र के लिए जारी लेजिस्लेटिव एजेंडा से यह जानकारी मिली है। इसमें सबसे ज्यादा नजरें क्रिप्टोकरेंसी बिल पर टिकी हुई हैं। हालांकि, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से प्रतिबंधित करेगी या फिर कुछ शर्तों के साथ इसकी ट्रेडिंग की इजाजत मिलती है ये तो बिल बाने के बाद ही साफ हो सकेगा।
क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल
भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?
भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा क्रिप्टो बैन सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली क्रिप्टो बैन सहेजता है.
अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका क्रिप्टो बैन मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.
नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया
सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.
प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa
हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, क्रिप्टो बैन ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.
ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं
एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि क्रिप्टो बैन भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.
हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.
Cryptocurrency को नहीं किया जा सकता है पूरी तरह से बैन, जानें क्या है वजह
- नई दिल्ली,
- 24 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 24 नवंबर 2021, 1:39 PM IST)
- भारत में क्रिप्टो बैन होने के बाद इनवेस्टर्स के पास दो प्राइमरी ऑप्शन्स बचेंगे
- डिजिटल करेंसी को पूरी तरह से बैन नहीं किया जा सकता है
भारत सरकार जल्द Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency बिल लाने वाली है. इस बिल को इसबार शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. रिपोर्ट्स के अनुसार इस बिल के जरिए ऑफिशियल डिजिटल करेंसी जारी करने का फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा. ये भी बताया जा रहा है कि सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया जाएगा.
क्या भारत सरकार क्रिप्टो क्रिप्टो बैन को करेगी बैन? निर्मला सीतारमण ने संसद में दिया जवाब
- नई दिल्ली,
- 12 फरवरी 2022,
- (अपडेटेड 12 फरवरी 2022, 10:52 AM IST)
- वित्त मंत्री ने क्रिप्टो बैन राज्यसभा में बजट पर चर्चा में लिया हिस्सा
- बजट 2022 में क्रिप्टो पर टैक्स का किया गया है प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 (Budget 2022) में डिजिटल एसेट्स से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स (Income Tax on Income from Digital Assets) का प्रस्ताव दिया है. इसके बाद से सभी हलकों में इस बात को लेकर अटकलों का दौर जारी है कि टैक्स लगाए जाने के बाद क्या सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को Legalize कर देगी या फिर इस पर बैन (Ban on Cryptocurrency in India) लगाया जाएगा.
Cryptocurrency Bill: भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन, तो देश की आठ फीसदी आबादी को लगेगा तगड़ा झटका
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीय निवेशकों में मंगलवार को क्रिप्टो बिल की खबर ने चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि अगर भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया गया, तो उन लोगों का क्या होगा, जो इसमें भारी-भरकम निवेश कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबकि, देश की लगभग आठ फीसदी आबाद ने कई तरह की डिजिटल मुद्राओं में निवेश किया हुआ है।
70 हजार करोड़ रुपये दांव पर लगे
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जितने लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है, वो भारत की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत हैं। इन निवेशकों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये वर्तमान में दुनियाभर में प्रचलित कई तरह की डिजिटल करेंसी में लगाए हुए है। ऐसे में अगर सरकार भारत में क्रिप्टो पर बैन लगाने का फैसला करती है तो दांव 70 हजार करोड़ रुपये लगा चुके भारतीय निवेशकों के लिए तगड़ा झटका होगा। बता दें कि 2009 में लॉन्च किए जाने के बाद साल 2013 तक सिर्फ बिटक्वाइन ही एकमात्र डिजिटल करेंसी चलन में थी। लेकिन अब दुनियाभर में सात हजार से ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। हालांकि दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा अभी भी बिटक्वाइन बनी हुई है और इसके बाद इथेरियम का नंबर आता है।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीय निवेशकों में मंगलवार को क्रिप्टो बिल की खबर ने चिंता बढ़ा क्रिप्टो बैन दी है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि अगर भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया गया, तो उन लोगों का क्या होगा, जो इसमें भारी-भरकम निवेश कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबकि, देश की लगभग आठ फीसदी आबाद ने कई तरह की डिजिटल मुद्राओं में निवेश किया हुआ है।
70 हजार करोड़ रुपये दांव पर लगे
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जितने लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है, वो भारत की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत हैं। इन निवेशकों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये वर्तमान में दुनियाभर में प्रचलित कई तरह की डिजिटल करेंसी में लगाए हुए है। ऐसे में अगर सरकार भारत में क्रिप्टो पर बैन लगाने का फैसला करती है तो दांव 70 हजार करोड़ रुपये लगा चुके भारतीय निवेशकों के लिए तगड़ा झटका होगा। बता दें क्रिप्टो बैन कि 2009 में लॉन्च किए जाने के बाद साल 2013 तक सिर्फ बिटक्वाइन ही एकमात्र डिजिटल करेंसी चलन में थी। लेकिन अब दुनियाभर में सात हजार से ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। हालांकि दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा अभी भी बिटक्वाइन बनी हुई है और इसके बाद इथेरियम का नंबर आता है।
हाइलाइट्स
- सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर संसद के शीत सत्र में बिल पेश करने वाली है
- भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है
- देश में करीब डेढ़ करोड़ लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी होने का अनुमान है
- बैन लगने से लोग इंटरनैशनल एक्सचेंज पर क्रिप्टो में ट्रेड नहीं कर सकेंगे
एजेंडे में कहा गया कि यह बिल आरबीआई की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करंसी की रूपरेखा बनाने में मदद करेगा। प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की बात भी इसमें की गई। इस बारे में ज़ेब पे के पूर्व सीईओ अजीत खुराना ने कहा, 'क्रिप्टो बैन सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने की जो शब्दावली इस्तेमाल की गई है, उसका मतलब यह है कि बिटकॉइन सहित वे सभी क्रिप्टो इसके दायरे में आएंगी, जिन्हें किसी सरकार ने जारी नहीं किया है। बैन लगने पर भारत में इनकी खरीद-फरोख्त नहीं हो सकेगी।'