ग्राफ प्रकार

चर राशियों दो चर राशियों के बीच दो चर राशियों के बीच का संबंध संबंध एक बार कागज के ऊपर छोटे-छोटे पर बने होते हैं कागज पर दर्शाया जाता है दर्शाया जाता है क्या कहलाता है आपका ग्राफ के नाता है या अली कहलाता के लाता
ग्राफ किसे कहते हैं | ग्राफ कैसे बनाते हैं अर्थ का उपयोग क्या हैं ? graph definition in graph theory
graph definition in graph theory in hindi meaning ग्राफ किसे कहते हैं | ग्राफ कैसे बनाते हैं अर्थ का उपयोग क्या हैं ?
ग्राफ तथा उसका प्रयोग (Graph and its use)
प्रयोगशाला में विद्यार्थियों को बहुत से नियमों का सत्यापन करना होता है। ग्राफ हमेशा किन्हीं दो चर राशियों (Variable Quantities) में सम्बन्ध प्रदर्शित करने के लिए खींचा जाता है। इसमें एक राशि स्वतंत्र रूप से परिवर्तित होती है। यह राशि स्वतंत्र चर राशि (Independent Variable) कहलाती है। दूसरी राशि जो स्वतंत्र चर राशि के बदलने से बदलती है आश्रित चर राशि (Dependent Variable) कहलाती है। ग्राफ खींचते समय स्वतंत्र चर राशि को ग्-अक्ष पर तथा आश्रित ग्राफ प्रकार चर राशि को ल्-अक्ष पर प्रदर्शित करते हैं। उदाहरण के लिए हक ग्राफ प्रकार के नियम का सत्यापन करने के लिए भार को बदलने से लम्बाई में होने वाली वृद्धि भी बदल जाती है तथा भार को इच्छानुसार बदला जा सकता है इसलिए भार स्वतंत्र चर राशि है तथा लम्बाई में वृद्धि आश्रित चर राशि है। इसलिए भार को X-अक्ष पर तथा लम्बाई में होने वाली वृद्धि को Y-अक्ष पर लेते हैं।
ग्राफ (Graphs) के प्रकार
(Graphs) ग्राफ प्रकार ग्राफ से तात्पर्य उस चित्रात्मक दृश्य साधन से है जिसके माध्यम से संख्यात्मक या गुणात्मक आंकड़ों या सूचनाओं को इस से तरह से प्रदर्शित किया जा सकता है कि उनमें निहित तथ्यों, अंतरों तथा विकास की दिषा को ठीक तरह से समझा जा सके।
इस प्रकार के ग्राफों में विभिन्न तथ्यों एवं सूचनाओं को क्षैतिज और शीर्ष आधारों पर सरल रेखाओं के रूप में व्यक्त किया जाता है और फिर उनसे वांछित तुलनात्मक निष्कर्ष निकालने का प्रयत्न किया जाता है। उदाहरण के लिये विश्व की संपूर्ण जनसंख्या की दृष्टि से हमारी जनसंख्या कितनी है, किस तरह प्रति वर्ष बढ़ रही है, हमारे प्राकृतिक साधनों की क्या स्थिति है, देष के प्रांतों में ग्राफ प्रकार प्रति व्यक्ति किस प्रकार की आय है, किस प्रकार की शिक्षा है, विकास की दर या स्थिति क्या है इत्यादि विभिन्न तथ्यों को स्पष्ट करने तथा तुलनात्मक अध्ययन में ये ग्राफ काफी सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
दंड ग्राफ
इस प्रकार से ग्राफों में सरल रेखाओं के स्थान पर आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन के लिए दंडों या छड़ों की मोटाई या चौड़ाई एक जैसी रखी जाती है और लंबाई को तुलनात्मक अध्ययन का आधार बनाया जाता है। रंगों तथा शैडों के उपयोग द्वारा विभिन्न तथ्यों या सूचनाओं ग्राफ प्रकार से संबंधित दंडों में अंतर दिखाने का काम लिया जाता है
इन ग्राफों को ग्राफ प्रकार बनाने के लिए वृत्त खींचकर उन्हें विभिन्न वृत्त खण्डों में इस प्रकार बांट दिया जाता है कि प्रत्येक वृत्त खण्ड संपूर्ण वृत्त के एक निश्चित भाग, अंष या परिणाम को प्रदर्शित कर सके। एक वृत्त खण्ड किस विशेष सूचना या तथ्य का प्रतिनिधित्व करता है इस बात को लिखकर पूरी तरह स्पष्ट कर दिया जाता है। ऐसे ग्राफों से किस तरह का प्रदर्शन होता है यह बात चित्र द्वारा अच्छी तरह समझी जा सकती है।
ग्राफ का अर्थ | ग्राफ के प्रकार | ग्राफ की शैक्षिक उपयोगिता | Graphs in Hindi
ग्राफ का अर्थ
ग्राफ से तात्पर्य चित्रात्मक और ग्राफिक दृश्य साधन से है। जिसके द्वारा संख्यात्मक व सांख्यिकी आंकड़ो को प्रदर्शित किया जाता है। इनकी सहायता से किसी भी वास्तविकता को सूक्ष्म प्रतिकारत्मक और सामान्यीकृत रूप में विद्यार्थियों के सामने इस प्रकार प्रस्तुत किया जाता है कि ग्राफ को देखने से ही वास्तविक अनुभवों की जानकारी मिल सके। ग्राफ संख्या ग्राफ प्रकार सम्बन्धित आंकड़ो को शीघ्र और प्रभाशाली ढंग से प्रस्तुत करने का एक से ग्राफ प्रकार साधन है। यह सांख्यिकी आंकड़ो की तुलना तथा सम्बन्ध दर्शाता है। ग्राफों का प्रयोग प्रायः सभी विषयो के अध्ययन में किया जाता है।
ग्राफों के प्रकार (Types of Graph)
ग्राफ मुख्यतः चार प्रकार के होते है-
(i) रेखा ग्राफ ( Line graph):- रेखा ग्राफ में पाठ्य सामग्री से सम्बन्धित विभिन्न तथ्यों को सरल रेखा के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इतिहास विषय में समय रेखा ग्राफ इसी तरह के ग्राफों का प्रतिनिधित्व करता है। रेखा ग्राफ को एक बार देखने से ही घटना को समझा जा सकता है।
(ii) बार ग्राफ (Bar graph) :- बार ग्राफ में आंकडों के तुलनात्मक अध्ययन को छड़ों के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। इन ग्राफों का निर्माण बड़ी आसानी से किया जाता है और ये समझने में आसान होते है। इनमें छड़ो की मोटाई एक जैसी रखी जाती ग्राफ प्रकार है और लम्बाई के द्वारा तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है।
(iii) वृत्ताकार ग्राफ (Pie graph ) :- किसी वस्तु का विस्तृत वर्णन करने के लिए इन ग्राफों का प्रयोग किया जाता है। इन्हें पाई ग्राफ भी कहा जाता है। इन ग्राफो को बनाने के लिए वृत्त खींचकर उन्हें विभिन्न खण्डों में इस प्रकार विभाजित किया जाता है कि प्रत्येक खण्ड सम्पूर्ण वृत्त के एक निश्चित भाग को व्यक्त कर सके। इसमें एक खण्ड किसी विशेष सूचना का प्रतिनिधित्व करता है।
ग्राफ की शैक्षिक उपयोगिता (Educational use of graph)
ग्राफो की शैक्षिक उपयोगिता को निम्नलिखित प्रकार से स्पष्ट किया गया है-
(1) ग्राफ पाठ को विस्तार पूर्वक वर्णन करने में सहायता करते है। इनकी सहायता से पाठ को रूचिकर बनाया जा सकता है।
(2) ग्राफ मन्दबुद्धि बच्चों के अधिगम मे सहायता करते है।
(3) ग्राफ तुलनात्मक अध्ययन करने में सहायता करते है।
(4) ग्राफ में सभी बातों को विस्तृत रूप से बताया जाता है।
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ग्राफ प्रकार
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ग्राफ किसे कहते हैं? प्रचलित ग .
Updated On: 27-06-2022
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Solution : ग्राफ-दो विभिन्न राशियों के बीच संबंध को चित्रित करना ग्राफ कहलाता है। ग्राफ द्वारा विभिन्न सूचनाओं को रोचक ढंग से विभिन्न प्रकार के ग्राफों द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है। प्रचलित ग्राफ निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं-
(A) स्तंभ ग्राफ,
(B) वृत्तारेख ग्राफ,
(C) रेखा ग्राफ।
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नॉनस्टॉप श्री पसंद करते हैं प्रश्न कहता है जरा इसे कहते हैं प्रसिद्ध लाखों के प्रकारों के नाम इस प्रकार है कि यहां पर कागज का उपयोग है हम किस लिए करते हैं कि दो चार आश्रम के बीच संबंध होता है उसको दर्शाने के लिए हम क्या कहते हैं इस वजह से कागज की परिभाषा में किसके द्वारा किसके द्वारा दो चर राशियों दो
ग्राफ प्रकार
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संख्यिकीय आंकड़ों का आलेखीय निरूपण
से कम ' प्रकार के संचयी बारम .
से कम ' प्रकार के संचयी बारम्बारता ग्राफ में , संचयी बारम्बारता के साथ निम्न में से कौन - सी राशि को ग्राफ में लिया जाता है ?
उस वर्ग की निम्न सीमा उस वर्ग का मध्यमान उस वर्ग की उच्च सीमा उस कक्षा का कोई भी मान