ARP क्या है और यह कैसे काम करता है?

Protocol क्या है और ये कितने प्रकार होते है?
Protocol Kya Hai:- क्या आपको Protocol के बारे मे जानना चाहते हैं क्या आपको protocol meaning in hindi के बारे मे जानना हैं तो आप सही जगह पर आए हैं क्यूकी मैं इस पोस्ट मे आज what is protocol in hindi के बारे मे बताने वाला हूँ।
प्रोटोकॉल क्या होता हैं प्रोटोकॉल के क्या क्या फायदे हैं और प्रोटोकॉल के क्या क्या हानी हैं इसके साथ साथ Protocol के types के बारे मे जानेंगे तो चलिये इस पोस्ट को शुरू किया जाए और आपको प्रोटोकॉल की पूरी जानकारी ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? दिया जाए।
Protocol Kya Hai
what is Protocol in hindi- दोस्तो सबसे पहले Protocol Kya Hai हैं इसको जानना बेहद जरूरी हैं क्यूकी ये हमारा मुख्य topic हैं। प्रोटोकॉल का संबंध इंटरनेट से हैं इंटरनेट पर हमारी सूचनाओ का आदान प्रदान के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।
दुनिया मे इंटरनेट फैला हुआ हैं उसके साथ साथ कम्प्युटर भी दुनिया के विभिन्न विभिन्न क्षेत्रों मे फैला हुआ हैं इन computer के बीच मे सूचना, डाटा, फाइल्स का आदान प्रदान करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं इसी नियम को प्रोटोकॉल कहा जाता हैं।
अगर प्रोटोकॉल नही रहेगा तब दुनिया मे कोई भी सूचनाओ का आदान प्रदान करना इतना कठिन होगा की हम समझ भी नहीं सकते हैं।
जैसे आपने बहुत प्रोटोकॉल का नाम सुना होगा जैसे DNS, FTH, HTTPS, RTS, RTSP, NFS, PAP इत्यादि जैसे प्रोटोकॉल हैं। दोस्तो ये था Protocol Kya Hai, उम्मीद हैं आपको समझ आ गया होगा।
Protocol meaning in hindi
दोस्तो आपने तो प्रोटोकॉल क्या हैं ये जाना लेकिन Protocol meaning के बारे मे नहीं जान मैं आपको बताता हूँ की protocol meaning in hindi क्या होता हैं।
Meanings of protocol in Hindi:- Protocol एक english शब्द हैं जिसका हिन्दी मे अर्थ होता हैं मसविदा बनाना ।
प्रोटोकॉल के प्रकार
प्रोटोकॉल के प्रकार क्या क्या होते हैं वैसे तो प्रोटोकॉल बहुत प्रकार के होते हैं लेकिन मैं अपने इस पोस्ट मे आपको 10 types of protocols के बारे मे बताऊंगा।
1.Transmission Control Protocol (TCP)
इसका काम इंटरनेट पर डाटा को एक जगह से दूसरे जगह send करना और recieve करना होता है।
2.इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP)
1970 मे बिकसित किया गाय इस प्रोटोकॉल का काम ये होता है की ये IP adress को रूट करके उसको send करता है।
3.User Datagram Protocol (UDP)
UDP प्रोटोकॉल का काम होता है की ये अलग अलग प्रकार के डिवाइस के साथ कनैक्ट करके उनके साथ एक समन्वय बैठाता है।
4.पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल (POP)
इस प्रोटोकॉल को ईमेल कार्यों के लिए बनाया गया हैं।
5.Simple mail transport Protocol (SMTP)
इसको अलग अलग सबनधित ईमेल को भेजने मे ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? बनाया गया है।
6.फाइल्स ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (FTP)
फाइल्स ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (FTP) की मदद से हम एक मशीन से दूसरे मशीन मे data को भेज सकते हैं।
7.Hyper Text Transfer Protocol (HTTP)
Hyper Text Transfer Protocol (HTTP) प्रोटोकॉल को वेब browser के url के साथ http रहता हैं इसका संबंध URl से हैं। अगर http किसी url मे लगा हुआ हैंतब वो url safe नहीं हैं।
8.HyperText Transfer Protocol Secure (HTTPS)
HyperText Transfer Protocol Secure (HTTPS) प्रोटोकॉल का संबंध भी URL से हैं आप URL मे देखते होंगे की https हैं इसका मतलब url safe हैं।
9.Telnet
रिमोट लोगिंग के हेल्प से एक कम्प्युटर को दूसरे कम्प्युटर को जोड़ा जाता हैं।
10.Gopher
इस प्रोटोकॉल की मदद से हमे server से डाटा ग्रहण करते हैं।
प्रोटोकॉल के कुछ अन्य प्रकार
ARP- Address Resolution Protocol
DHCP- Dynamic Host Configuration Protocol
IMAP4- Internet Message Access Protocol
SIP- Session Initiation Protocol
RTP- Real-Time Transport Protocol
RLP- Resource Location Protocol
RAP- Route Access Protocol
L2TP- Layer Two Tunnelling Protocol
PPTP- Point To Point Tunnelling Protocol
SNMP- Simple Network Management Protocol
TFTP- Trivial File Transfer Protocol
प्रोटोकॉल के फायदे
- इनसे सबसे बड़ा लाभ हुआ हुआ की दुनिया भर मे एक Connecting information को समझा गया और उसी एक प्रोटोकॉल को पूरी दुनिया follow करती है।
- प्रोटोकॉल से हमारी data transfer और share बहुत आसान हो गया हैं।
- इनकी वजह से आज पूरी दुनिया के computer एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
- प्रोटोकॉल के वजह से आज पूरी दुनिया मे communication करना आसान हो गया हैं।
प्रोटोकॉल के नुकसान
वैसे इनसे उतने अधिक नुकसान नहीं हैं जीतने की इसके लाभ हैं लेकिन फिर भी मैं आपको कुछ हानियाँ बताता हूँ।
- आज प्रोटोकॉल के वजह से पूरी दुनिया मे computer और communication की एक standard नियम हैं इसको सभी को follow करना पड़ता हैं।
- कभी कभी इन प्रोटोकॉल को को hacker hack करके डाटा लीक कर देते हैं जिससे user और public को बहुत नुकसान होता हैं।
हमने क्या सीखा
इस पोस्ट मे हमने Protocol Kya Hai और protocol meaning in hindi के बारे मे जाना। अगर आपको ये मेरा पोस्ट अच्छा लगे तो share करना और कुछ भी स्वला होतो नीचे comment मे जरूर पूछे।
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दो आकाशगंगाएं धरती से 200 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर करीब आईं, हबल स्पेस टेलीस्कोप ने कैप्चर किया ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? नज़ारा
नासा (NASA) के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पृथ्वी से लगभग 200 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक-दूसरे से इंटरेक्ट करने वालीं दो आकाशगंगाओं को कैमरे में कैद किया है। यह 'पेगासस तारामंडल' में स्थित हैं। अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर की गई इमेज में नासा ने एक बड़ी चक्राकार आकाशगंगा (NGC 7469) और इसके छोटे साथी (IC 5283) को दिखाया है। 'NGC 7469' आकाशगंगा काफी बड़ी है। यह एक विशाल ब्लैक होल और तारों के समूह की चमकदार रिंग को भी रिप्रजेंट करती है।
वैसे एकसाथ इन आकाशगंगाओं को 'Arp 298' कहा जाता है। यह नाम इन्हें खगोलविद् 'हाल्टन Arp' के नाम से मिला है। उन्होंने अजीबोगरीब आकाशगंगाओं की एक लिस्ट बनाई है, जिसमें 'Arp 298' भी शामिल है। इसे एटलस कहा जाता है। एटलस में अजीबोगरीब और अद्भुत आकाशगंगाओं की एक गैलरी है। इन सभी की संरचनाएं काफी अलग हैं। नासा ने बताया है कि Arp 298 में जो दो आकाशगंगाएं आपस में इंटरेक्ट कर रही हैं, उनमें से NGC 7469 आकाशगंगा बड़ी है। इसके पास ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? विशाल ब्लैक होल और चमकदार रिंग वाले तारों का एक समूह भी है।
इस तरह की आकाशगंगाओं का अध्ययन वैज्ञानिक यह समझने के लिए करते हैं कि उनके केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे तारे बना सकता है। इस इमेज को कैप्चर करने के लिए हबल स्पेस टेलीस्कोप ने अपने दो इंस्ट्रूमेंट्स- वाइड फील्ड कैमरा 3 और एडवांस्ड कैमरा फॉर सर्वे के 7 फिल्टर्स का इस्तेमाल किया। नासा का कहना है कि यह पहला सिस्टम होगा, जिसे जेम्स वेब टेलिस्कोप द्वारा देखा जाएगा।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का यह प्रोजेक्ट NASA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी ने मिलकर शुरू किया है। इस टेलीस्कोप को 25 दिसंबर को एरियन-5 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष में छोड़े जाने के बाद इस टेलीस्कोप ने धीरे-धीरे खुद को खोलना शुरू किया। अब यह ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? अपने अंतिम चरण में है। हालांकि इस टेलीस्कोप को पूरी तरह स्टार्ट होने में अभी कुछ समय लगेगा। तब तक हबल टेलीस्कोप अपना काम करता रहेगा। गौरतलब है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्षत में हबल टेलीस्कोप की जगह लेगा।
Router क्या है और इसके प्रकार
Router एक तरह का डिवाइस है जिसका नाम सुनते ही लगभग आधे से ज्यादा लोगों को पता लग जाता है कि यह किसी इंटरनेट कनेक्टिविटी या नेटवर्किंग से संबंधित है. इसका इस्तेमाल एक से अधिक कंप्यूटरों को आपस जोड़ने के लिए किया जा सकता है. आज इस आर्टिकल में में हम आपको बताएंगे कि Router क्या है और इसके प्रकार और यह कैसे काम करता है?, Router in hindi
Router क्या है और इसके प्रकार
Router क्या है?
Router एक तरह का कंप्यूटर जिसका इस्तेमाल नेटवर्किंग के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल करके हम दो या दो से अधिक कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ सकते हैं. इसके अलावा हम इसके माध्यम से इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
Router कैसे काम करता है?
Router का इस्तेमाल जैसे कि हमने आपको बताया नेटवर्किंग या इंटरनेट एक्सेस के लिए किया जाता है. हमारा कंप्यूटर है या हमारा कोई भी डिवाइस जब इससे कनेक्ट होता है तो इसके द्वारा हम डाटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक भेज सकते है और वहां से डाटा प्राप्त भी कर सकते हैं. अब आपको पता लग गया होगा कि Router एक मीडियम है जो कि एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क या एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस पर पैकेज डाटा फॉरवर्ड करने और रिसीव करने में हेल्प करता है.
Router में कौन-कौन से पार्ट होते हैं?
ऊपर हमने बात कर ली है कि Router क्या है और Router कैसे काम करता है. अब हम बात करते हैं कि Router के अंदर कौन-कौन से कॉम्पोनेंट हो या पार्ट इस्तेमाल किए गए हैं जिसके यह किसी डिवाइस से कनेक्ट होकर डाटा का आदान प्रदान कर सकता है.
Router में सीपीयू, Flash Memory, Non-Volatile RAM, रेम, नेटवर्क इंटरफेस और कंसोल जैसी चीजें इस्तेमाल की जाती हैं.
यह सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होती है जो कि किसी भी स्पेशल ऑपरेटिंग सिस्टम को इस्तेमाल करने के लिए बनाया जाता है. Router में इस्तेमाल होने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे Junos, Juniper Routers को शुरू करते हैं और और इसके बाद में Cisco OS इसके आगे के फंक्शन को run करने में मदद करता है.
फ्लैश मेमोरी
यह एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस होता है जो भी ऑपरेटिंग सिस्टम की मेमोरी को स्टोर करने में मदद करता है. यह एक तरह की electronic (solid-state) non-volatile storage medium है जिसको इलेक्ट्रिकली मिटाया जा सकता और rewrite भी किया जा सकता है . Routing algorithm, routing protocol और routing table को store करने में हेल्प मिलती है. जब भी आप Router को अपडेट करते हैं तो उसका अपडेटेड डाटा भी इसी मेमोरी के अंदर जाता है.
Non-Volatile RAM
यह एक परमानेंट मेमोरी होती है जिसमें की ऑपरेटिंग सिस्टम बैकअप रखा जाता है. इसमें Router के boot होने के दौरान कौन सा प्रोग्राम लोड होना है इस तरह की जानकारी और प्रोग्राम रखे जाते हैं.
रैम का इस्तेमाल यहां पर ऑपरेटिंग सिस्टम के लोड होने के बाद में जितने भी Router से ARP tables, routing tables, routing metrics या acket Forwarding Process Speed और इस तरह के डाटा रैम के द्वारा ही संचालित किया जाता है.
नेटवर्क इंटरफ़ेसेज
Router के अंदर बहुत से नेटवर्क इंटरफेस इस्तेमाल किए जाते हैं इसी वजह से आप इसमें Driver की मदद से Connected Port का लगा सकते हैं कि कौन से पोर्ट पर Wire Connection और Wifi कनेक्टेड है.
Console
Router के अंदर Configuring और मैनेजिंग का काम होता है जो कि Consoleके द्वारा किया जाता है. कॉन्फ़िगरेशन और Troubleshooting Command कंसोल के द्वारा भेजे जा सकते हैं. यह कुछ एक Router के अंदर देखने को मिलता है.
Router के प्रकार
आपको मार्केट में अलग-अलग Router देखने को मिल जाएंगे. यहां पर कुछ तरह के Router Network कनेक्टिविटी और कुछ तरह के Router एक्सटेंड करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. नीचे हम आपको Router के लिस्ट दे रहे हैं जिसकी मदद से आप को Router के प्रकार को समझने में मदद मिलेगी.
वायरलेस Router
Wireless Router यानी वाईफाई Router का इस्तेमाल घर, ऑफिस, कॉलेज में इंटरनेट एक्सेस के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल नेटवर्किंग कंप्यूटर पर डाटा पैकेज ट्रांसफर करने के लिए भी किया जा सकता है. इसमें आपको सिक्योरिटी के लिए पासवर्ड सिस्टम भी रहता है जिससे कि आप कनेक्शन के दौरान डालकर उस वाईफाई Router से कनेक्ट हो सकते हैं.
ब्रॉडबैंड Router
इस तरह के Router VOIP टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं इसमें आपको ऐसे Network Port और Phone Line Port दिए जाते है जिसकी मदद से आप घर में ब्रॉडबैंड कनेक्शन को इस्तेमाल कर सकते हैं.
इसके अलावा भी कुछ Router हैं जिनके नाम की लिस्ट हम आपको नीचे दे रहे हैं
- Core Router
- Inter Provider Border Router
- Edge Router
- Subscriber Edge Router
Final Word
आज इस आर्टिकल में हमने आपको बताया की Router क्या है और Router कैसे काम करता है और उसके इस्तेमाल कहां कहां पर किए जाते हैं और कितने प्रकार के Router होते हैं, Router in hindi, router configuration in hindi, wifi router kya hai, best wifi router hindi, router types in hindi. अगर आपको इसके बारे में कुछ और जानना है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में भी कमेंट करके पूछ सकते हैं.
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हाइलाइट्स
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- 1000 रुपये से कम में 3 शानदार प्लान
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यूजर्स के लिए बेहतरीन हैं ये ब्रॉडबैंड प्लान्स
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कई ब्रॉडबैंड प्रोवाइडर को कड़ी टक्कर
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एयरटेल के ब्रॉडबैंड प्लान हाई स्पीड वाले
Airtel Xstream Fiber Rs 999 Plan Benefits
एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर के 999 रुपये वाले प्लान में यूजर्स को एक महीने के लिए लोकल और नैशनल फ्री कॉलिंग की सुविधा के साथ ही 200Mbps वाली हाई स्पीड इंटरनेट का लाभ मिलता है चूंकि डेटा भी अनलिमिटेड है, तो आप जितना मन करे इस्तेमाल करें। आपके घर और छोटे ऑफिस के लिए यह प्लान सटीक साबित हो सकता है। इस प्लान की खास बात ये भी है कि इसमें आपको Amazon Prime, Disney+Hotstar VIP जैसे धांसू ओटीटी ऐप्स और Airtel Xstream, Wync Music का भी फ्री सब्सक्रिप्शन मिलता है। एयरटेल थैंक्स ऐप का भी तो फायदा है ही।
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Chromecast सेटअप | Chromecast सेटअप और उपयोग कैसे करें?
Google Chromecast एक सस्ता डिजिटल मीडिया हैस्ट्रीमिंग प्लेयर। यह उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जो पारंपरिक केबल टीवी सब्सक्रिप्शन से स्विच कर रहे हैं। Chromecast डोंगल के साथ, कोई भी मूवी, टीवी शो, फोटो, वेबसाइट आदि कास्ट कर सकता है। इसे एंड्रॉइड स्मार्टफोन और टैबलेट, आईफोन और आईपैड, क्रोमबुक, क्रोम ब्राउज़र के साथ विंडोज या मैक पीसी जैसे उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला से एक्सेस किया जा सकता है। दूसरी ओर, प्राथमिक चीज़ जिस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वह है क्रोमकास्ट की स्थापना। तभी, आप Chromecast के संगत उपकरणों से किसी भी सामग्री को डालने में सक्षम होंगे। Google Chromecast सेटअप मुश्किल नहीं है और उन नए उपयोगकर्ताओं, साथ ही जो लोग Chromecast को एक नया डिवाइस सेट करना चाहते हैं, वे नीचे दिए गए चरणों पर एक नज़र डाल सकते हैं।
↑ Google Chromecast सेटअप दिशानिर्देश
किसी को भी Chromecast सेटअप ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? प्रक्रिया निष्पादित करने के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण है कि वह अपनी सभी सुविधाओं का उपयोग कर सके। Google होम एप्लिकेशन का उपयोग करके अपना Chromecast सेट करने के लिए नीचे दिए गए अनुभाग का पालन करें।
- क्रोमकास्ट या क्रोमकास्ट अल्ट्रा
- Google होम ऐप
- गूगल अकॉउंट
- एचडीएमआई इनपुट के साथ एचडीटीवी
- इंटरनेट कनेक्शन
- सुरक्षित वायरलेस नेटवर्क
- एंड्रॉइड या आईओएस फोन / टैबलेट
संबंधित: बिना वाईफाई के क्रोमकास्ट का उपयोग कैसे करें?
↑ Chromecast को टीवी पर सेट करने के चरण
चरण 1: प्रारंभ में, आपको क्रोमकास्ट को अपने स्मार्ट टीवी के एचडीएमआई पोर्ट में कनेक्ट करना चाहिए। फिर USB पॉवर केबल को Chromecast के एक छोर से कनेक्ट करें और दूसरे छोर में बिजली की आपूर्ति के लिए प्लग करें।
चरण 2: अब, Google Play ऐप को Google Play Store या ऐप स्टोर से क्रमशः ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? Android या iOS डिवाइस पर डाउनलोड करें।
नोट: यदि आपने अपना Chromecast डिवाइस पहले ही सेट कर लिया है, तो Step 6 पर जाएं
स्टेप 3: अपने फोन में वाईफाई सेट अप पर जाएं और वाईफाई नेटवर्क क्रोमकास्टएक्सएक्सएक्स.बी से कनेक्ट करें।
स्टेप 4: उसके बाद, अपने मोबाइल पर Google होम ऐप खोलें और Started विकल्प पर टैप करें। वैकल्पिक रूप से, आप सेट अप का चयन करने के लिए डिवाइस कार्ड चुन सकते हैं।
चरण 5: अगला, Google खाता चुनें जिसे आप क्रोमकास्ट से लिंक करना चाहते हैं और ठीक विकल्प पर टैप करें।
नोट: अपने फ़ोन पर स्थान सेवा चालू करें ताकि Google होम ऐप पास के उपकरण से जुड़ सके।
चरण 6: टीवी में प्लग किए गए पास के Chromecast डिवाइस के स्कैन के लिए Google होम एप्लिकेशन की प्रतीक्षा करें। एक डिवाइस चुनें और नेक्स्ट पर टैप करें।
चरण 7:Google होम के लिए इंतजार करें कि कॉन्फ़िगरेशन के साथ आगे बढ़ने के लिए फोन को Chromecast से कनेक्ट करें। डिवाइस से सफलतापूर्वक कनेक्ट होने पर, आपको अपने टीवी पर एक कोड मिलेगा। यदि आपको कोई कोड मिला है, तो हां पर टैप करें।
चरण 8: अगली स्क्रीन पर, अपने डिवाइस आँकड़े और क्रैश रिपोर्ट Google के साथ साझा करने के लिए Yes पर क्लिक करें। और कोई नहीं, धन्यवाद विकल्प चुनें।
चरण 9: जब अपना क्षेत्र सेट करने के लिए कहा जाए, तो क्षेत्र सूची पर क्लिक करें> अपना क्षेत्र चुनें> जारी रखें विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 10: अब, आपको या तो कमरा चुनना चाहिए या फिर कस्टम रूम जोड़ें पर क्लिक करके कस्टम रूम बनाना होगा> कमरे का नाम> अगला पर टैप करें।
चरण 11: बस वाईफाई नेटवर्क से कनेक्ट करें या ईथरनेट कनेक्शन का उपयोग करें।
चरण 12: उसके बाद, Chrome विकल्प को अपने Google खाते का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए जारी रखें विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 13: इसके साथ, एक सारांश स्क्रीन दिखाई जाएगी। अंत में, Next ऑप्शन पर टैप करें और फिर Continue चुनें।
चरण 14: (वैकल्पिक) अगली स्क्रीन पर, स्किप ट्यूटोरियल विकल्प पर कास्ट या टैप करने का तरीका जानने के लिए एक नमूना क्लिप पर क्लिक करें।
इतना ही। Chromecast सेट किया गया है और आप स्मार्टफ़ोन से स्मार्ट टीवी तक सामग्री डाल सकते हैं।
संबंधित: Chromecast पर पॉपकॉर्न समय का उपयोग ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? कैसे करें?
↑ क्या डेस्कटॉप का उपयोग करके Chromecast को सेटअप करना संभव है?
नहीं।डेस्कटॉप प्लेटफ़ॉर्म अब Chromecast की स्थापना का समर्थन नहीं करता है। इसलिए किसी को भी केवल Chromecast को सेट करने के लिए Android या iPhone / iPad उपकरणों का उपयोग करने की आवश्यकता है। हालाँकि, Chromecast पीसी से Chromecast समर्थित टीवी के लिए कास्टिंग सामग्री का समर्थन करता है। हालांकि, डेस्कटॉप उपयोगकर्ता के पास कास्ट फीचर तक पहुंचने के लिए Google Chrome ब्राउज़र का नवीनतम संस्करण होना चाहिए।
संबंधित: क्रोमकास्ट पर स्लिंग टीवी का उपयोग कैसे करें?
↑ सारांश में
Chromecast सेटअप को किसी विशेष ज्ञान की आवश्यकता नहीं है याकौशल। अपने Android या iOS डिवाइस से Chromecast सेट करने के लिए सही क्रम में इस लेख में दिए गए चरणों का पालन करें। यह वास्तव में किसी के लिए भी है कि क्रोमहेड को उसी वाईफाई से कनेक्ट किया जाए जो हैंडहेल्ड से कास्टिंग सामग्री शुरू कर सके।
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