शुरुआती लोगों की मुख्य गलतियाँ

फाइनेंस कितने प्रकार का होता है

फाइनेंस कितने प्रकार का होता है
इस होम लोन पात्रता कैलकुलेटर से अभी 5 फाइनेंस कितने प्रकार का होता है सेकंड से भी कम समय में ऑनलाइन जांच करें।

img

Finance क्या होता है


Finance का अर्थ होता है वित्त प्रबंधन या पैसे का प्रबंधन। फाइनेंस एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें आप किसी बिजनेस या काम को करने के लिए धन प्रबंधन करते हो। धन प्रबंधन का अर्थ है की आपको पैसे का पूरा मैनेजमेंट रखना होता है, जिसमें आपको पता होना चाहिये की आपको अपने काम के लिए पैसे कहां से उठाने हैं और उसे कैसे इन्वेस्ट करना है।

इसे और आसान भाषा में समझ सकते हैं की finance में किसी भी काम या व्यवसाय को करने के लिए धन जुटाकर उसका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाता है।

फाइनेंस कितने प्रकार के होते है

फाइनेंस मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं :

  • व्यक्तिगत वित्त ( Personal finance )
  • लोक वित्त ( Public finance )
  • निगम वित्त ( Corporate finance)

व्यक्तिगत वित्त ( Personal finance )


पर्सनल फाइनेंस में कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तिगत कामों को पूरा करने के लिए पैसों का प्रबंधन करता है। जिसमें वह धन फाइनेंस कितने प्रकार का होता है का सही प्रकार से इस्तेमाल कर उसे अपने निजी कामों की पूर्ति के लिए निवेश करता है।

लोक वित्त ( Public finance )


लोक वित्त का उपयोग सरकार अपने देश और शासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए करती है। जिसमें उन्हें अपने देश के हर तरह के विकास के लिए धन प्रबंधन की अवश्यकता होती है। इसमें जनता से लिए गए टैक्स और पब्लिक रेवेन्यू के अनुसार बजट बनाया जाता है जो पब्लिक एक्सपेंडिचर के काम आता है।

फाइनेंस की जानकारी होना क्यों आवश्यक है


अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर व्यवसाई कामों के लिए वित्तीय प्रबंधन का होना बहुत जरूरी है। फाइनेंस की जानकारी के अभाव में लोग लाखों का नुकसान तक उठा लेते हैं ।

क्योंकि उन्हें पता नहीं होता है कि धन का नियंत्रण कैसे रखना है और उसे किस प्रकार से और कहां निवेश करना है। फाइनेंस की जानकारी प्राप्त कर आप लाखों कमा सकते हैं वहीं इसके अभाव में आप अपने करोड़ों रुपए और संपत्ति गंवा भी सकते हैं। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने मनी मैनेजमेंट करके अपना बिजनेस खड़ा कर लिया और वो आज लाखों में खेल रह हैं।

Finance education का मतलब ये नहीं की आप इसकी डिग्री ही प्राप्त करें केवल इसकी जानकारी होना और इसे समझकर उपयोग में लाना ही पर्याप्त है।

कब लोन बन जाता है NPA और कर्ज लेने वाले पर इसका क्‍या होता है असर, लोन लिया है तो आपको ये सब जरूर पता होना चाहिए

अगर किसी बैंक लोन की किस्त 90 दिनों तक यानी तीन महीने तक नहीं चुकाई जाती है, तो उस लोन को एनपीए घोषित कर दिया जाता है. एनपीए बढ़ना किसी बैंक की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता. साथ ही एनपीए कर्ज लेने वाले के लिए भी मुश्किलें खड़ी करता है.

कब लोन बन जाता है NPA और कर्ज लेने वाले पर इसका क्‍या होता है असर, लोन लिया है तो आपको ये सब जरूर पता होना चाहिए (Zee Biz)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक अगर किसी बैंक लोन की किस्त 90 दिनों तक यानी तीन महीने तक नहीं चुकाई जाती है, तो उस लोन को एनपीए घोषित कर दिया जाता है. अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले में यह सीमा 120 दिन की होती है. बैंक उसे फंसा हुआ कर्ज मान लेते हैं. एनपीए बढ़ना किसी बैंक की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता. साथ ही एनपीए कर्ज लेने वाले के लिए भी मुश्किलें खड़ी करता है. जानिए किस तरह एनपीए लोन लेने वाले पर डालता है असर !

सिबिल रेटिंग होती है खराब

अगर कोई कर्जधारक लगातार तीन महीने तक बैंक की किस्‍त नहीं चुका पाता है और उस कर्जधारक के लोन को एनपीए घोषित कर दिया जाता है, तो इससे कर्जधारकों की सिबिल रेटिंग खराब हो जाती है. कर्ज लेने के लिए सिबिल रेटिंग का अच्‍छा होना बहुत जरूरी है. अगर सिबिल रेटिंग खराब हो जाए तो कस्टमर्स को आगे किसी भी बैंक से लोन लेने में मुश्किलें होती हैं. अगर किसी तरह लोन मिल फाइनेंस कितने प्रकार का होता है भी जाए, तो आपको उस लोन के लिए बहुत ज्‍यादा ब्‍याज दरें चुकानी पड़ सकती हैं.

जब भी हम एनपीए के बारे में पढ़ते या सुनते हैं, तो लोगों को लगता है कि बैंक की रकम डूब गयी है. लेकिन ऐसा नहीं है. खाते को एनपीए घोषित करने पर बैंक को तीन श्रेणियों में विभाजित करना होता है. सबस्टैंडर्ड असेट्स, डाउटफुल असेट्स और लॉस असेट्स. जब कोई लोन खाता एक साल तक सबस्टैंडर्ड असेट्स खाते की श्रेणी में रहता है तो उसे डाउटफुल असेट्स कहा जाता है. लोन वसूली की उम्मीद न होने पर उसे ‘लॉस असेट्स’ मान लिया जाता है.

हमारे ग्राहकों के अनुभव

family

arrow

मैं सवाई मानसिंह चिकित्सालय में काम करता हूँ। मुझे काफी समय से संपत्ति खरीदनी थी। दादी का फाटक पर मैंने मकान देखा मुझे यह मकान पसंद आया। मुझे थोड़ा संपत्ति की जानकारी न होने के कारण मैंने आवास फाईनेंसियर्स से सम्पर्क किया। इन्होने मुझे संपत्ति खरीदने से लेकर अधिकार तक लोन दिलाने में हर तरह से इन्होने मेरी मदद की जिसके लिए मैं इनका जीवन भर आभारी रहूँगा।

सुरेन्द्र कुमार शर्मा ,जयपुर

family

arrow

यहाँ जयपुर में कमा के खाने के लिए आया हूँ। मैं रंग-पेंट का कार्य करता हूँ। जयपुर में जो पेपर में विज्ञापन निकला था जेडीए की तरफ से उसमें हमारा जेडीए की तरफ से फ्लैट आवंटन हो गया। हमारे पास रुपयों की व्यवस्था बिल्कुल नहीं थी। हम गरीब आदमी हैं तो हमने आवास फाईनेंसियर्स से लोन लिया था, हमारा लोन पास भी हो गया, पास होने के बाद में हमें सब्सिडी भी मिल गई, तो हम इसलिए आवास फाईनेंसियर्स के आभारी है।

रेटिंग: 4.29
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 625
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *