कैसे पैटर्न काम करते हैं

Railway Exam : आखिरी 45 दिनों में कैसे करें तैयारी? ये 5 Tips आएंगी काम
RRB Exam : रेलवे में निकली 90 हजार वैकेंसी के लिए जल्दी ही एग्जाम होने वाली है। ये रेलवे एग्जाम (Railway Exam) दो वर्गों यानी ग्रुप C और ग्रुप D के लिए अलग-अलग होंगी। एग्जाम की फाइनल तारीखों का अनाउंसमेंट होना बाकी है, लेकिन संभावना है कि ये 15 जून के आसपास हो सकती है। यानी अब कैंडिडेट्स के लिए केवल 45 दिन ही बाकी हैं। ये 45 दिन बहुत नहीं तो कम भी नहीं हैं। अगर आपने अभी भी तैयारी शुरू नहीं की है तो इन बचे हुए दिनों में भी प्लान्ड तरीके से तैयारी करके एग्जाम क्रैक करने की कोशिश कर सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं वे 5 टिप्स जो आपके काम आएंगी :
1. पिछले सालों के पेपर सॉल्व कीजिए :
सबसे पहला काम तो आप यही कीजिए कि पिछले साल के जो भी पेपर्स आपके पास अवेलेबल हैं, वे जुटाकर उन्हें सॉल्व कर लीजिए। इससे आपको एग्जाम के पैटर्न का पता चलेगा। पैटर्न को समझने के बाद एग्जाम में बैठने का कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है।
2. मॉक टेस्ट में भाग लीजिए :
पिछले साल के पेपर सॉल्व करने के साथ-साथ अधिक से अधिक मॉक टेस्ट में भी भाग लेने की कोशिश कीजिए। मॉक टेस्ट विषयों के एक्पर्ट्स द्वारा इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि उन्हें अटैम्प्ट करते समय आपको ऐसा फील होगा मानो आप असली एग्जाम दे रहे हैं। इससे भी आपको पैटर्न का पता चल सकेगा और साथ ही आपकी स्पीड का भी टेस्ट हो जाएगा।
3. खूब प्रैक्टिस कीजिए :
अब जबकि रेलवे की एग्जाम में करीब 45 दिन ही बचे हैं, तो इनका भरपूर यूज कीजिए। दिन-दिनभर प्रैक्टिस कीजिए। रेलवे की इस एग्जाम में मैथ्स और रिजिनंग के करीब 50 फीसदी सवाल आएंगे। आप भले ही कितने भी इंटेलीजेंट क्यों न हों, इन सवालों की प्रैक्टिस किए बगैर एग्जाम क्रैक करना संभव नहीं है।
4. कम से कम दो अखबार पढ़ें :
रेलवे की इस एग्जाम में जनरल नॉलेज और करेंट अफेयर्स से संबंधित भी काफी सवाल होंगे। करेंट अफेयर्स यानी मौजूदा समय में क्या घटित हो रहा है। इसकी जानकारी रोजाना अखबार पढ़ने से हो सकती है। आपको कम से कम दो अखबार जरूर पढ़ने चाहिए ताकि देश-दुनिया में क्या घटित हो रहा है, उसमें से कुछ भी आपकी नजरों से छूटे नहीं। अगर आप टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हैं तो मोबाइल पर न्यूज साइट्स से भी कनेक्ट रह सकते हैं।
5. तनावमुक्त रहिए…
किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम में सफलता के लिए यह एक बहुत ही जरूरी टिप है। इस तरह की एग्जाम में पूरा खेल ही इस बात पर डिपेंड करता है कि एग्जाम देते समय आपका मेंटल बैलेंस कैसे रहता है। आप अपने दिमाग को तब बैलेंस कर पाएंगे, जब तनाव को हावी नहीं होने देंगे।
Android Mobile के पैटर्न को खोलने के 2 आसान तरीके ।
जरा सोचिये अगर आप आपने मोबाइल का पासवर्ड/पैटर्न भूल जाये तो क्या होगा ? हो जायेगी ना बहुत बड़ी समस्या खड़ी, तब आप बस यही सोचेंगे कि अब इस पैटर्न को कैसे खोले । सामान्यत् इसके बारे में हमे पता नही होता हैँ, इस लिए हमे पैटर्न को तुड़वाने के लिए उसे सर्विस सेंटर ले जाना पड़ता हैं और पैसे देने पड़ते है ।
पर अब इसकी जरूरत नही पड़ेगी । क्यूंकि आज हम आपको पैटर्न को अनलॉक करने के 2 आसान तरीके बताएंगे जिनकी मदद से आप आसानी से अपने मोबइल के पैटर्न को खोल/तोड़ सकते हैं ।
पैटर्न लॉक को खोलने के 2 तरीके हैं ।
2. Mobile को Restore करके
पैटर्न लॉक को खोलने का ये सबसे आसान और सेफ तरीका हैं, इससे पैटर्न खोलने पर आपका सारा डेटा सेफ रहता है । लेकिन इसके लिए आपकी Gmail ID पहले से मोबाइल में Log In होनी चाहिए और उसका Username और Password आपको याद होना चाहिए । क्यूंकि तभी आप Gmail से पैटर्न खोल पाओगे । तो अब बात करते है Gmail से पैटर्न को खोलने की ।
Gmail से पैटर्न खोलने के लिए स्टेप फॉलो करे ।
स्टेप-1> सबसे पहले आप अपना मोबाइल ले जिस का पैटर्न खोलना है, फिर उसमें 10,15 बार गलत पैटर्न लगाइये । अब आपके सामने 2 आप्शन आएंगे Next का और Try Again का, आपको Next पर क्लिक करना है ।
स्टेप-2> Next पर क्लिक करने के बाद फिर से आपको 2 ऑप्शन मिलेंगे । पहला Security Questions का Answer देकर पैटर्न खोलने का और दूसरा Gmail से खोलने का । यदि आपने पहले से Security Questions सेट कर रखे हो तो आप पहले ऑप्शन से भी लॉक खोल सकते है । नही तो इसे रहने दे और Gmail वाले ऑप्शन पर क्लिक करे ।
स्टेप-3> अब आपको अपनी कैसे पैटर्न काम करते हैं Gmail ID का Username और Password डालना है, Password डालने के बाद आपका पैटर्न खुल जायेगा और अब आपको नया पैटर्न लगाना है । उसके बाद आप अपने नये पैटर्न से लॉक खोल कर अपने मोबाइल को पहले की तरह इस्तेमाल कर सकते हो ।
2. Mobile Restore करके
आप अपने एंड्राइड मोबाइल को रिस्टोर करके के भी पैटर्न को तोड़ सकते हो । ये तरीका तभी इस्तेमाल करे जब पहला तरीका काम ना करे, मतलब आपके पास Gmail ID ना हो या उसका username और पासवर्ड याद ना हो । क्यूंकि मोबाइल Restore करके लॉक को तोड़ने से आपके फ़ोन स्टोरेज का सारा डेटा डिलीट हो जायेगा, सिर्फ वही Apps रहेंगे हो जो आपके न्यू मोबाइल ( जब आपने नया खरीदा था ) के साथ आये थे, आपका SD Card सेफ रहेगा उसकी चिंता ना करे, उस में से कुछ भी डिलीट नही होगा ।
इसमे एक अच्छी बात भी है वो ये कि इस से कैसे पैटर्न काम करते हैं आपका मोबाइल चलने में पहले से ज्यादा सरल हो जायेगा, बिलकुल वैसा जैसा तब था जब आपने नया मोबाइल खरीदा था । तो अब बात करते है मोबाइल रिस्टोर करके पैटर्न को तोड़ने की ।
मोबाइल रेस्टोर करके पैटर्न को तोड़ने के लिए स्टेप फॉलो करे ।
स्टेप-1> सबसे पहले अपने मोबाइल की बैटरी निकालकर उसे वापस मोबाइल में डाले, अभी स्विच ऑन नही करना है ।
स्टेप-2> उसके बाद मोबाइल के Power On/Off वाले बटन और Volume Up वाले बटन को ( जिस से आवाज बढ़ाते है ) एक साथ दबाकर रखना है कुछ सेकेण्ड तक ।
अगर आपके मोबाइल में Home Key है जो कि नोरमली SAMSUNG के मोबाइल में होती है, तो आपको Home+Power On+Volume Up तीनो बटन एक साथ कुछ सेकैंड तक दबाकर रखने है
फिर आपके सामने कैसे पैटर्न काम करते हैं मोबाइल का Recovery Mode Show होगा ।
स्टेप-3> अब Recovery Mode में आप के सामने बहुत से ऑप्शन आएंगे आपको Restore/Factory Data Reset/Delete All Data या आपकी मोबाइल कंपनी के हिसाब से जो भी मोबाइल Restore करने का ऑप्शन आये उस पर OK करना है ।
मोबाइल की स्क्रीन काम नही करेगी इस लिए आपको ऊपर जाने के लिए Volume Up वाला बटन और निचे जाने के लिए Volume Down वाला बटन दबाना है, OK करने के लिए Power On वाला बटन दबाना है । इनकी मदद से आपको मोबाइल Restore करना है, मोबाइल Restore होने में थोडा टाइम लगेगा इस लिए आपको थोडा इन्तजार करना है जब तक आपका मोबाइल पूरी तरह से Restore ना हो जाये ।
Restore होने के बाद आपके मोबाइल का पैटर्न टूट जायेगा कैसे पैटर्न काम करते हैं और आप अपने मोबाइल को फिर से पहले की तरह यूज़ कर सकते हो ।
अगर अब भी आपको पैटर्न खोलने में कोई दिक्कत आ रही हो तो आप कमेंट कर के पूछ सकते हो ।
10वीं-12वीं की परीक्षा: पैटर्न बदला, सैंपल पेपर मिले नहीं छात्र असमंजस में, आखिर कैसे करें तैयारी
माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा क्रमश: 30 अप्रैल और 1 मई से शुरू हाेगी। परीक्षा की तैयारी करने के लिए छात्रों के पास मात्र 3 महीने बाकी हैं, लेकिन बोर्ड द्वारा परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किए जाने के बाद सैंपल पेपर अब तक नहीं बनाए गए हैं, जिससे छात्रों के साथ शिक्षक भी असमंजस में हैं।
शिक्षकों का भी कहना है कि आखिर वे छात्रों की तैयारी किस प्रकार से कराएं जबकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) ने छात्रों की सहूलियत के लिए काफी पहले ही मॉडल पेपर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं।
यहां बता दें कि कोरोना काल के चलते इस बार स्कूलों में कक्षाएं पहले ही नहीं लग पाई। ऐसे में ज्यादातर छात्र ऑनलाइन तैयारी कर रहे है। वहीं कुछ छात्र कोचिंग के माध्यम से अपना सिलेबस पूरा कर रहे हैं। इधर बोर्ड ने भी विद्यालय बंद रहने की वजह से परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया है, जिसके तहत इस बार दीर्घ उत्तरीय प्रश्न नहीं पूछे जाने की बात कही गई है। साथ ही 30 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्न कैसे पैटर्न काम करते हैं पूछे जाने का ब्लू प्रिंट भी जारी कर दिया है। लेकिन इससे छात्र व शिक्षक यह नहीं समझ पा रहे हैं आखिर यह प्रश्न पूछे किस प्रकार से जाएंगे।
सीबीएसई 3 महीने पहले ही पोर्टल पर अपलोड कर चुका है सैंपल पेपर
10वीं एवं 12वीं की परीक्षा का कार्यक्रम जारी करने के बाद भी माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड अब तक बदले हुए पैटर्न के सैंपल पेपर अब तक नहीं दे पाया है। वहीं सीबीएसई ने करीब 3 महीने पहले रिजल्ट सुधारने की दृष्टि से सभी विषयों के सैंपल पेपर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं, जिससे छात्रों को तैयारी में काफी सहूलियत कैसे पैटर्न काम करते हैं मिल गई है।
अब तक सैंपल पेपर नहीं मिले
सीबीएसई ने सिलेबस कम करने के बाद करीब तीन महीने पहले ही 10वीं और 12वीं परीक्षा के सैंपल पेपर बनाकर पोर्टल पर डाल दिए थे जबकि एमपी बोर्ड ने परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करने के बाद भी सैंपल पेपर नहीं डाले हैं, जिससे छात्र तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। इससे रिजल्ट बिगड़ सकता है।
-संजीव सेंगर, व्याख्याता, रसायन शास्त्र
पैटर्न बदलने से पुराने पेपर काम के नहीं, शिक्षक गैस पेपर भी नहीं बना पा रहे
बोर्ड परीक्षा में ज्यादातर छात्र बीते वर्षों की परीक्षा में आए पेपरों के आधार पर तैयारी करते हैं लेकिन इस बार पैटर्न बदल जाने से पुराने वर्षों के पेपर किसी काम के नहीं हैं। शिक्षकों द्वारा भी तैयारी के लिए जो गैस पेपर बनाए जाते हैं, वह भी सैंपल पेपर न होने से नहीं बन पा रहे हैं, जिससे शिक्षकों को 10वीं-12वीं का परिणाम बिगड़ने का डर सता रहा है।
सैंपल पेपर बोर्ड जारी ही नहीं करता
हमने परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने के बाद ब्लू प्रिंट जारी कर दिया है। इसलिए कोई असमंजस नहीं होना चाहिए। सैंपल पेपर बोर्ड जारी नहीं करता है। हमें परीक्षा नकल रहित कराना है। इसी के लिए सारी तैयारियां की जा रही हैं। परीक्षा पैटर्न में बदलाव से कई समस्याओं का निराकरण हो गया है।
-राधेश्याम जुलानिया, चेयरमैन, माशिमं, भोपाल
9वीं से 12वीं तक की अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू, अकोड़ा में उपस्थिति कम
सोमवार से 9वीं से 12वीं तक की अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो गई। इसमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अकोड़ा में छात्रों की उपस्थिति काफी कम रही। यहां कक्षा 9 में 115 में से 85 और 11वीं में 92 में से 65 परीक्षार्थी ही उपस्थित हुए।
हालांकि 10वीं में 80 में से 75 और 12वीं में 74 में से 66 परीक्षार्थी शामिल हुए। इसी प्रकार से शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक में कक्षा 9 से 12वीं तक के 1388 में से 1369 परीक्षार्थी शामिल हुए। इसके अलावा इस केंद्र पर सुपर 100 श्रमोदय ज्ञानोदय विद्यालय इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के 40 अन्य छात्रों ने परीक्षा दी। जो कि कोरोनाकाल के चलते इस समय इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के आवासीय विद्यालयों में नहीं पहुंच पाए।
परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षकों ने पूरी नजर रखी। कोराना काल में हो रही परीक्षा के दौरान पूरी सावधानी बरती जा रही है। परीक्षा देने वाले छात्रों के पहले सेनेटाइजर से हाथ धुलाए जा रहे हैं, इसके बाद मास्क पहनकर परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया जा रहा है, इसके साथ सोशल डिस्टेंस का भी ध्यान रखा जा रहा है, ताकि कैसे पैटर्न काम करते हैं संक्रमण की आशंका नहीं रहे।
UK की 100 कंपनियां सिर्फ 4 दिन कराएंगी काम, दुनिया भर में कर्मचारियों से सबसे अधिक काम कराता है भारत
चार दिन काम कराने के मामले में कंपनियों का मानना है कि इससे कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और कर्मचारी मानसिक रूप से मजबूत होते हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई कैसे पैटर्न काम करते हैं दिल्ली: यूनाइटेड किंगडम में 100 से अधिक कंपनियों ने चार दिन काम करने वाली संस्कृति पर अपनी सहमति जताई है. यानि हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी.
अभी तक दुनिया के अधिकतर देशों में फाइव डे वर्क कल्चर है. लेकिन लोगों को इसमें भी अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में सामंजस्य बैठाने में मुश्किल हो रहा है. उसके बाद से ही पूरी दुनिया में ‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर पर बात हो रही है. अब जाकर यूके की 100 कंपनियों ने इसे लागू करने पर सहमति जताई है. साथ ही कंपनियों ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि इस दौरान कर्मचारियों के वेतन में भी कोई कटौती नहीं की जाएगी. यानि कर्मचारियों को चार दिन काम करने पर भी उतना ही कैसे पैटर्न काम करते हैं वेतन मिलेगा.
कर्मचारियों की बढ़ेगी प्रोडक्टिविटी
इन सौ कंपनियों में लगभग 2500 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. कंपनियों का मानना है कि हफ्ते में चार कैसे पैटर्न काम करते हैं दिन वर्किंग कल्चर से देश में परिवर्तनकारी बदलाव होंगे. इससे कर्मचारी मानसिक रूप से मजबूत रहेंगे और काम में अपना शत-प्रतिशत देंगे. इन सौ कंपनियों में दो बड़ी कंपनी एटम बैंक और ग्लोबल मार्केटिंग कंपनी एविन भी शामिल हैं. दोनों कंपनियों में 450 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं.
मीडिया से बात करते हुए एविन के सीईओ एडम रॉस ने कहा, ‘नए पैटर्न को हम इतिहास के सबसे क्रांतिकारी पहले के रूप में देख रहे हैं. इससे कंज्यूमर सर्विस बेहतर होगी और कर्मचारियों पर कम बोझ डाले बिना उनके प्रतिभा को निखारा जा सकता है.’
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही कैसे पैटर्न काम करते हैं हैं
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साल 2019 में मशहुर टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भी ‘फोर डे वर्किंग कल्चर’ को जापान में अपनाया था. बाद में कंपनी ने इसे सफल बताया था और कहा था कि ‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर से कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी और कर्मचारियों के छुट्टी लेने की दर में भी एक चौथाई गिरावट आई थी. इसके अलावा फ्रांस, न्यूजीलैंड की कई कंपनियों ने भी ‘फोर डे वर्किंग कल्चर’ को अपनाया था.
दुनिया की कई और कंपनियां भी ‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर पर विचार कर रही है. इन कंपनियों में 3000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं. सितंबर में इन कंपनियों द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि ‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर कंपनी के लिए फायदेमंद है और कर्मचारी अच्छा काम कर रहे हैं.
‘फोर डे वर्किंग’ कल्चर पर काम ब्रिटेन में 6 महीने पहले ही लगभग 60 कंपनियों द्वारा शुरू किया गया था. यह वर्किंग कल्चर को लेकर अब तक दुनिया के सबसे बड़े पायलट प्रोजेक्ट में से एक था. इसमें ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता भी शामिल हुए थे.
भारत में सबसे अधिक काम लेती हैं कंपनियां
पूरी दुनिया में अपने कर्मचारियों से काम करवाने में भारत दूसरे स्थान पर है. गाम्बिया पहले स्थान पर है. भारत में एक कर्मचारी औसतन हफ्ते में 50 घंटे अपनी कंपनी के लिए काम करता है. पाकिस्तान और बांग्लादेश की स्थिति भारत से थोड़ी बेहतर है. यहां हफ्तें में कर्मचारियों को औसतन 47 घंटे काम करवाया कैसे पैटर्न काम करते हैं जाता है.
हालांकि, भारत में भी फोर डे वर्किंग कल्चर पर बात हो रही है. लेकिन भारत में वर्किंग शिफ्ट को बढ़ाने की बात चल रही है. भारत में फोर डे वर्किंग कल्चर आने के बाद कर्मचारियों को एक दिन में कम से कम 12 घंटे काम करने पर सकते हैं.