डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने

इस पर कोई TDS नहीं लगता
डेब्ट फंड इन्वेस्टर्स की रिस्क उठाने की चाहत अक्सर कम होती है लेकिन वे बैंक FD से बेहतर रिटर्न चाहते हैं। इसलिए, FD और डेब्ट फंड्स की तुलना करने पर सब साफ़ हो जाएगा। एक फाइनेंसियल इयर में FD पर 40,000 से ज्यादा इंटरेस्ट मिलने पर, बैंक उस पर 10% TDS काट लेता है। लेकिन यदि आपकी टैक्स देनदारी कम है, तो आप TDS अमाउंट का रिफंड क्लेम कर सकते हैं। दूसरी तरफ, डेब्ट फंड्स पर TDS नहीं लगता है। डेब्ट फंड्स को रेडीम करने पर इन्वेस्टर की टैक्स देनदारी बढ़ जाती है। FD की तुलना में इंटरेस्ट रेट ट्रेंड डाउनवार्ड होने पर डेब्ट फंड्स ज्यादा रिटर्न देते हैं लेकिन इंटरेस्ट रेट ट्रेंड अपवार्ड होने पर FD ज्यादा रिटर्न देता है। लेकिन, प्रीमैच्योर FD विथड्रॉल पर पेनाल्टी लगती है जबकि डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने इंटरेस्ट रेट गिरने पर FD में भी इन्वेस्टमेंट रिस्क होता है।
Zerodha Paathshala (Hindi) Zerodha
पिछले ३ सालों से डेब्ट फंड्स में कुछ निवेशकों को बहुत तकलीफ सहनी पड़ी है। इससे एक बात साफ़ है, डेब्ट एलोकेशन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। इस एपिसोड में हम IDFC म्यूच्यूअल फण्ड के सिबेष कुमार जी से जानेगें की अपना डेब्ट पोस्टफोलिओ हम कैसे बना सकते हैं।
इस चर्चा में सिबेष जी हमें बताते हैं की -
शेयर बाजार में उनका करियर कैसे चालू हुआ
अपने करियर की शुरुवात से आज तक उन्होंने फाइनेंसियल मार्केट्स में क्या बदलाव देखे हैं
अपने पोर्टफोलियो में डेब्ट क्यों रखना चाहिए
डेब्ट में निवेश करने का कोर और सैटेलाइट एप्रोच
निवेश करने के थंब रूल्स कितने सही होते हैं
आज कल के लो इंटरेस्ट दुनिया में रेटियरी और इंटरेस्ट पे निर्भर निवेशक क्या करें?
निझी इन्वेस्मेंट फिलोसोफी और कुछ अपने जीवन में मिली सीख
डेब्ट फंड्स क्या है?
डेब्ट फंड ऐसा म्यूच्यूअल फंड स्कीम है जो निश्चित आय उपकरणों में निवेश करता है, जैसे कॉर्पोरेट और सरकारी बांड, कॉर्पोरेट डेब्ट सिक्योरिटीज और मुद्रा बाज़ार उपकरण आदि जो पूँजी में मूल्य वृद्धि प्रस्तावित करते हैं|
डेब्ट फंड्स, आय फंड और बांड फंड के नाम से भी जाने जाते हैं|
डेब्ट फंड्स में निवेश के कुछ प्रमुख लाभ उसका कम लागत वाला स्वरुप, अपेक्षाकृत स्थिर मुनाफे, अपेक्षाकृत उच्च तरलता और वाजिब सुरक्षा हैं|
डेब्ट फंड्स उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो नियमित आय का लक्ष्य लिए चलते हैं और जोखिम नहीं उठाना चाहते| डेब्ट फंड्स चूंकि कम अस्थिर होते हैं, इक्विटी फंड्स की तुलना में कम जोखिम भी लिए होते हैं| अगर आप पारंपरिक नियत आय उत्पादों जैसे बैंक जमा में बचत करते आये हैं, और आप स्थिर मुनाफे की तलाश में है जो कम अस्थिरता लिये है, डेब्ट म्यूच्यूअल फंड आपके लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है, इसलिए कि ये आपको आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्रभावकारी कर कौशल के साथ हासिल करने में मदद करते हैं जिससे आप बेहतर लाभ प्राप्त कर पाते हैं|
क्या होता है हाइब्रिड फंड, जानिए इसमें निवेश के फायदे?
- नई दिल्ली,
- 10 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 10 नवंबर 2021, 10:36 PM IST)
- हाइब्रिड फंड के जरिये इक्विटी और डेट दोनों में निवेश
- कई बार फंड का पैसा सोना में भी लगाया जाता है
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने सबसे सही और सुरक्षित विकल्प माना जाता है. कई तरह के अच्छे म्यूचुअल फंड बाजार में मौजूद डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने हैं, जिनके जरिए हम अपना पैसा निवेश कर सकते हैं. उनमें से एक है हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds). जब से शेयर बाजार में तेजी का रुख लौटा है तो ऐसे में हाइब्रिड फंड्स में लोगों का निवेश भी दोबारा से लौट आया है. निवेशकों के बीच हमेशा से पसंदीदा रहने वाला फंड माना जाता है, तो हम आपको बताएंगे कि क्या होता है हाइब्रिड फंड्स और कैसे इसे बाकी म्यूचुअल फंड्स से अलग माना जाता है? साथ ही डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने किसे हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए?
Investment plan: रिस्क-फ्री न होने पर भी ये इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स आपके लिए हो सकते हैं बेहतर
क्या कोई इन्वेस्टमेंट टूल पूरी तरह रिस्क-फ्री हो सकता है, या क्या ऐसा डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने मानना गलत है? प्रत्येक इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में एक या कई तरह के रिस्क होते हैं। इससे इन्वेस्टमेंट डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने प्रोडक्ट के रिटर्न का पता लगाने में काफी मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, अधिकांश इन्वेस्टर्स को पता है कि इक्विटी इन्वेस्टमेंट्स में अधिक मार्केट-लिंक्ड रिस्क होने पर भी वे लम्बे-समय में मनचाहा रिटर्न के लिए सबसे अच्छे और सबसे बुरे मामले के परिदृश्यों का मूल्यांकन करने के बाद उनमें इन्वेस्ट करते हैं। इसी तरह, फिक्स्ड डिपोजिट, डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स, रियल एस्टेट, और अन्य इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स में भी रिस्क होता है, लेकिन अलग-अलग प्रोडक्ट में रिस्क सीमा और रिटर्न क्षमता अलग-अलग होती है।
Investment plan: रिस्क-फ्री न होने पर भी ये इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स आपके लिए हो सकते हैं बेहतर
क्या कोई इन्वेस्टमेंट टूल पूरी तरह रिस्क-फ्री हो सकता है, या क्या ऐसा मानना गलत है? प्रत्येक इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में एक या कई तरह के रिस्क होते हैं। इससे इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट के रिटर्न का पता लगाने में काफी मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, अधिकांश इन्वेस्टर्स को पता है कि इक्विटी इन्वेस्टमेंट्स में अधिक मार्केट-लिंक्ड रिस्क होने पर भी वे लम्बे-समय में मनचाहा रिटर्न के लिए सबसे अच्छे और सबसे बुरे मामले के परिदृश्यों का मूल्यांकन करने के बाद उनमें इन्वेस्ट करते हैं। इसी तरह, फिक्स्ड डिपोजिट, डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स, रियल एस्टेट, और अन्य इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स में भी रिस्क होता है, लेकिन अलग-अलग प्रोडक्ट में रिस्क सीमा और रिटर्न क्षमता अलग-अलग होती है।