विदेशी मुद्रा खाता ढूंढना

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साइप्रस में द्विआधारी विदेशी मुद्रा व्यापार की समीक्षा
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चालू खाते के घाटे पर चिंता की कोई बात नहीं : जेटली
सरकार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ने के बावजूद चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति बेहतर है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा ‘शुरूआती छह माह में चालू खाते का घाटा कमोबेश नियंत्रण में है।
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नई दिल्ली : सरकार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ने के बावजूद चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति बेहतर है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा ‘शुरूआती छह माह में चालू खाते का घाटा कमोबेश नियंत्रण में है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2012-13 में देश का चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 47 फीसदी से घट कर वर्ष 2013-14 में। 0.7 फीसदी रह गया। इसके मुख्य कारण धीमा सुधार, आयात खास कर सोने के आयात में तेजी से गिरावट थे। जेटली ने बताया कि सरकार ने सोने के आयात पर रोक लगा दी जिसके बाद वर्ष 2013-14 में चालू खाते का घाटा नियंत्रण में रहा। इसके बाद वर्ष 2014 में कुछ प्रतिबंध हटा दिए गए।
वित्त मंत्री ने बताया कि जुलाई से सितंबर की तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ कर जीडीपी का 2.1 फीसदी हो गया जो कि पहली तिमाही में 1.7 फीसदी था। उन्होंने बताया कि आयात में वृद्धि और निर्यात वृद्धि में कमी की वजह से व्यापार घाटा बढ़ा और इसके कारण चालू खाते के घाटे में भी वृद्धि हुई।
जेटली ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार बेहतर स्थिति में है और भुगतान संतुलन भी नियंत्रण में है जिसके कारण चिंता की कोई बात नहीं है। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में जेटली ने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक चालू खाते के घाटे के विशिष्ट स्तर का लक्ष्य तय नहीं करते बल्कि वहनीय स्तर पर चालू खाते का घाटा कम करने के मुख्य लक्ष्यों को पूरा करने के विदेशी मुद्रा खाता ढूंढना लिए नीतियां बनाने और भुगतान संतुलन संबंधी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखते हैं।
जेटली ने बताया कि भुगतान संतुलन के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 1.7 फीसदी रहा। उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष में चालू खाते के घाटे के परिणाम और दृष्टिकोण में देखे गए सतत सुधार और पेट्रोल तथा कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें नरम होने से, सरकार ने 19 अक्तूबर 2014 को फैसला किया कि डीजल की कीमतें बाजार तय करें।
जेटली ने यह भी बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 28 नवंबर 2014 से सोने के आयात पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। उन्होंने कहा ‘अगर आप बहुत ज्यादा प्रतिबंध लगाएंगे तो आधिकारिक रूप से सोने का आयात कम होगा और अनधिकृत रूप से आयात बढ़ जाएगा।
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 27 नवंबर तक विदेशी संस्थागत निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने देश में कुल 184,757 करोड़ रूपये का निवल निवेश किया। उन्होंने बताया कि शुरूआती छह माह में विदेशी संस्थागत निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 144,053 करोड़ रूपये का निवेश किया जिसमें से 82,810 करोड़ रूपये कर्ज के रूप में और शेष इक्विटी के रूप में आए।
"रुपया पस्त नहीं हुआ है, दूसरी मुद्राओं के मुकाबले बेहतर कर रहा": भारतीय करेंसी पर बोलीं वित्तमंत्री; 5 बातें
मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में रुपये को लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि रुपया पस्त नहीं हुआ है, और इसमें उतार-चढ़ाव डॉलर के मूवमेंट की वजह से आ रहा है.
रुपये के उतार-चढ़ाव को लेकर संसद में बोलीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: भारतीय रुपये ने पिछले महीने 80 रुपये प्रति डॉलर के साथ अपना सर्वकालिक निचला स्तर देखा था. पिछले दिनों में इसने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तेजी दिखाई है, मंदी के आसार के बीच बाजार में निवेशक सतर्क हैं, जिससे डॉलर कमजोर हुआ है. हालांकि, 80 डॉलर तक गिरने विदेशी मुद्रा खाता ढूंढना के बाद विश्लेषकों ने आशंका जताई थी कि रुपया 82 प्रति डॉलर के पार जा सकता है. मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में रुपये को लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि रुपया पस्त नहीं हुआ है, और इसमें उतार-चढ़ाव डॉलर के मूवमेंट की वजह से आ रहा है.
अहम बातें
रुपये के हालिया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच जाने को लेकर राज्यसभा में वित्तमंत्री ने कहा कि भारत की करेंसी में आ रहा उतार-चढ़ाव डॉलर के मूवमेंट के चलते दर्ज हो रहा है. रुपये की दिशा डॉलर की रफ्तार पर तय हो रही है. उन्होंने कहा कि रुपया पस्त नहीं हुआ है और यह अपने स्वाभाविक रास्ते पर चल रहा है.
उन्होंने दूसरे उभरते बाजारों से तुलना करते हुए कहा कि भारतीय रुपया अपने समकक्ष दूसरी मुद्राओं से काफी बेहतर कर रहा है.
यूएस फेडरल रिजर्व बैंक के बेंचमार्क रेट में बढ़ोतरी को लेकर उन्होंने कहा कि "हम फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से रेट हाइक करने के प्रभाव से दूसरी मुद्राओं की तुलना में साफ बचे हुए हैं." फेडरल बैंक की ओर से रेट हाइक की वजह से डॉलर कई दशकों की ऊंचाई पर पहुंच गया है
आरबीआई की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक लगातार नजर बनाए हुए हैं और तभी हस्तक्षेप कर रहा है, जब मूल्य में ज्यादा अस्थिरता है. उन्होंने कहा कि आरबीआई का हस्तक्षेप इस उद्देश्य के साथ नहीं हो रहा कि रुपये के मूल्य को ठीक करना है, बल्कि इसका लक्ष्य रुपये को इसका स्वाभाविक राह ढूंढने में मदद करना है. आरबीआई ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए रुपये का मूल्य उठाने के उद्देश्य से डॉलर को हाजिर और वायदा बाजार में बेचा है.
अगर रुपये के ताजा मूल्य की बात करें तो विदेशी कोषों के प्रवाह और प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने से मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 12 पैसे की बढ़त के साथ 78.94 प्रति डॉलर पर पहुंच गया था. यह रुपये का एक महीने का सबसे ऊंचा स्तर है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 78.96 प्रति डॉलर पर मजबूती के साथ खुला। बाद में यह 12 पैसे की बढ़त के साथ 78.94 प्रति डॉलर पर पहुंच गया.