Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है?

Investment Tips: यूएस शेयर बाजार में लगाना चाहते हैं पैसा, जानें क्या है निवेश प्रक्रिया
Finance Tips: विदेशी बाजार में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है.
By: ABP Live | Updated at : 27 Nov 2021 10:57 PM (IST)
US Stocks Market: विदेशों में निवेश करने की चाहत रखने वाले भारतीय निवेशकों की खासी चर्चा हो रही है. मौजूदा विदेशी फंडों के अलावा, हाल ही में कई इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड स्कीम्स शुरू की गई हैं. इस प्रकार उनके घरेलू पोर्टफोलियो में विविधता लाने का उन्हें दिया गया है. इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय फंड, ‘फंड ऑफ फंड्स’ हैं जबकि कुछ फीडर फंड हो सकते हैं, विशेष रूप से कई निष्क्रिय इंडेक्स फंड हैं जो अधिकांश प्रमुख वैश्विक सूचकांकों पर नज़र रखते हैं.
विदेशी स्टॉक खरीदना जटिल मामला नहीं
वैकल्पिक रूप से, विदेशी स्टॉक खरीदना कोई जटिल मामला नहीं है जैसा कि यह लगता है. सेल्सफोर्स, वीज़ा, अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, कॉस्टको होलसेल कॉर्प, एक्सपीडिया ग्रुप, ज़िवो बायोसाइंस, पल्टॉक जैसे हालिया टॉप मूवर्स सहित फेसबुक, ऐप्पल या अमेज़ॅन जैसे कुछ टॉप अमेरिकी शेयर्स का मालिक होना, भारतीय निवेशकों के लिए संभव है. यह ठीक वैसे ही जैसे आप भारतीय शेयर बाजार में जौमेटो, रिलायंस, टाटा Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? मोटर्स आदि के शेयर्स के मालिक बन सकते हैं.
यूएस शेयरों में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है. केवाईसी और आरबीआई के एलआरएस नियमों सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने पर, जिसे पूरा करने में ब्रोकरेज फर्म मदद करती है, आप यूएस शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
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कीमत नहीं है बाधा
अब, अगर आप सोच रहे हैं कि क्या डॉलर में अमेरिकी शेयर्स को खरीदना एक किफायती सौदा होगा, तो यहां आपके लिए एक अच्छी खबर है. अमेरिकी शेयर्स में आंशिक स्वामित्व की अनुमति है और कोई भी अमेरिकी शेयरों को 100 रुपये से कम राशि के साथ जमा करना शुरू कर सकता है. भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों के विपरीत, कीमत अमेरिकी शेयर बाजार में बाधा नहीं है. बस तय करें कि आपको कितना निवेश करना है और शेयरों की संख्या की गणना स्वचालित रूप से आपके लिए की जाएगी.
बेहतर तरीका यह हो सकता है कि कुछ टॉप अमेरिकी शेयरों को नियमित अंतराल पर 5000 रुपये या 1 लाख रुपये की निश्चित राशि के साथ खरीदा जाए. अमेरिकी शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ प्रमुख ग्लोबल ब्लू-चिप्स के मालिक होने और लंबी अवधि में लाभ प्राप्त करने के अवसर प्रस्तुत करता है. शुरुआत करने के लिए, प्रमुख शेयरों पर नज़र रखें और किसी भी सुधार या गिरावट का उपयोग लंबी अवधि के लिए उन्हें जमा करने के अवसर के रूप में करें.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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Published at : 27 Nov 2021 10:57 PM (IST) Tags: US stock market How to Invest in US Stock Market हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? Hindi
जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा
शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर पारंपरिक निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश का जोखिम भी होता है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा
Updated on: Jul 22, 2021 | 10:32 AM
अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा पैसा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहली जरूरत डीमैट अकाउंट की होती है. इसी अकाउंट में शेयर्स, ईटीएफ, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जाता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज एनसडीएल और सीडीएसल के साथ खोला जा सकता है. देश में कई स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां हैं, जो लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करती हैं. स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां ही इस सुविधा को आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इस सुविधा के बदले ये ब्रोकरेज फर्म्स छोटी फीस वसूलते हैं.
इस बात की भी संभावना है कि आप ये ब्रोकरेज फर्म्स ही किन्हीं कारणों से बंद हो जाए. ऐसी स्थिति में क्या आपका निवेश पूरी तरह से डूब जाएगा? कहीं स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी आपका पूरा पैसा लेकर तो नहीं भाग जाएगी? एक निवेशक के तौर पर आपके मन में जरूर इस तरह के सवाल उठ रहे होंगे. लेकिन अब आपको इसकी चिंता नहीं करनी हैं. क्योंकि हम आपको इस तरह के सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.
ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्या होगा?
आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्तेमाल करने के लिए आप इन्हें निर्देश दे सकते हैं.
स्टॉक्स और शेयरों का क्या होगा?
आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.
किसी भी समय पर एक निवेशक का स्टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.
इसी प्रकार आपका म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? तो आपका म्यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.
Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है
जब भी नए लोग शेयर मार्केट में आते है। उसके मन में ये सवाल जरूर आता ही हैं। Trading और Investing क्या है इन दोनों में क्या अंतर होते हैं। ये सवाल मन में आना जायज भी हैं। जब तब नए लोगो को ये समझ नहीं आते उसे कैसे पता लगेगा उसका जोखिम क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से, Trading और Investing में उसके लिए किया बेहतर होगा। आज हम जानेंगे Trading और Investing होता क्या है, दोनों में क्या अंतर हैं, Trading कितने तरह की होते हैं। साथ ही साथ जानेंगे कि ट्रेडिंग से हर रोज कमाई कर सकते है या नहीं।
Table of Contents
Trading क्या होता है:-
जब भी आप शेयर को खरीदते हो और उस दिन ही बेच देते हो। तब इसे Trading कहते हैं। मतलब आप Stock Trading Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? में ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास नहीं रख सकते हो। मान लीजिए आप एक शेयर खरीदा 200 रुपये में प्रॉफिट होने पर आपने उस दिन ही 220 रुपये में बेच दिया। इसी प्रोसेस को कहते है ट्रेडिंग। Trading करते वक्त Trader हमेशा Technical Analysis के साथ चलते हैं। जिससे उस कंपनी के शेयर प्राइस को कुछ समय आगे का शेयर प्राइस अंदाजा हो जाता हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी क्या काम करती है, भविष्य की योजना क्या हैं। सिर्फ ये देखा जाएगा शेयर प्राइस किस Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? तरफ जा रही है। Trading करते समय न्यूज़ पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. क्युकी कोई अच्छी खबर किसी भी शेयर को ऊपर ले जा सकती हैं। और बुरी खबर एकदम से नीचे भी ला सकती हैं।
Trading के प्रकार (Types of Trading):-
बहुत सारे Types of Trading होते है मुख्य रूप से 5 तरह का होता है। जिससे ट्रेडर ट्रेडिंग करके पैसा कमाई कर सके।
- Day Trading:- इसमें ट्रेडर को जिस दिन खरीदा उस दिन ही शेयर को बेचना पड़ता हैं। उस स्टॉक को कुछ समय के लिए होल्ड कर सकता है। मार्केट बंद होने से पहले ही ट्रेडर को शेयर बेचना ही पड़ता हैं। इसमें छोटे छोटे पल स्टॉक में होने वाले ऊपर नीचे से Traders अपना प्रॉफिट कर सकते हैं।
- Scalping Trading:- Day Trading और Scalping दोनों एक ही तरह का होता हैं। इस ट्रेडिंग में खरीद बेच होते है लेकिन दिन में कही बार ये ट्रेंड किया जा सकता हैं। आपको प्रॉफिट भी हो सकता है और नुकसान भी, इस पर निर्भर करता है कि आपने किस प्रकार का ट्रेंड किया हैं।
- Swing Trading:- इस ट्रेडिंग में आप खरीद और बेच तो सकते हो। अगर आपको खरीदा हुआ दिन नुकसान हो रहा है तो आप उस दिन शेयर को ना बेचकर कुछ दिनों तक होल्ड भी कर सकते हो। फिर जब प्रॉफिट आ जाता है तब बेचकर मुनाफा कमाई कर सकते हैं।
- Momentum Trading:- इस Trading को ट्रेंडर तब प्रयोग करता है जब कोई शेयर ऊपर जाता दिखता हैं। तब खरीदारी कर लेता है जैसे ही कोई उस शेयर का खराब न्यूज़ आता है तब तुरंत बेच देते हैं। जिससे Trader कुछ समय में ही अच्छी मुनाफा कमाई कर लेते हैं। लेकिन इसके लिए न्यूज़ के साथ अपडेट रहना बहुत जरुरी हैं। अगर सही समय पर शेयर को नहीं बेचा तो बहुत ज्यादा नुकसान भी हो सकता हैं।
- Position Trading:- इस तरह का ट्रेडिंग में आप कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग कर सकते हैं। ये Trading उन लोगों के लिए है जो लोग नियमित रूप से मार्केट में नहीं आते। खरीद कर कुछ दिनों के बाद मुनाफा आते ही बेच कर निकल जाते। इसी तरह का ट्रेडर को कहते हैं Position Trading।
Investing क्या होता है:-
जब कोई शेयर आज खरीद के बहुत साल बाद बेच देते है तब इसे Investing कहते हैं। इन्वेस्टिंग में आप बहुत लंबे समय के शेयर को अपने Demat Account में रखते हो। कंपनी के वित्तीय विवरण, पिछले प्रदर्शन, भविष्य में होने वाले ग्रोथ को देखते हुए ही किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करता हैं। Investing में Fundamental Analysis करना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको कंपनी के बारे अच्छी नॉलेज होगा और भविष्य में अच्छा रितर्न कमाके देगा।
Investing के प्रकार (Types of Investing):-
मुख्य रूप से इन्वेस्टिंग दो तरह का होता हैं। जिससे आपको लंबे समय में जबरदस्त मुनाफा कमाई करके देगा।
- Value Investing:- इस तरह का इन्वेस्टिंग में आप अच्छी कंपनी का शेयर प्राइस जब नीचे आता है। तब आपको उसमे इन्वेस्ट करना चाहिए। Value Investing में इन्वेस्टर शेयर का विश्लेषण करके देखता है कि कौन सा शेयर कम दाम में मिल रहा हैं। फिर उसमे लंबे समय तक निवेश करता हैं।
- Growth Investment:- जो कंपनी भविष्य में ग्रोथ की संभावना देखता है उसी Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? शेयर में इन्वेस्टर लंबे समय के लिए निवेश करता है। इसी को Growth Investment कहते हैं। इससे Investor उस कंपनी में ज्यादा इन्वेस्ट करता है जो कंपनी Fundamentally बहुत मजबूत हैं।
Trading और Investing में अंतर क्या है (Difference between Trading and Investing):-
- Trading कम समय के लिए होता हैं।
- Investing लंबे समय के लिए होता हैं।
- इसमें Technical Analysis का इस्तेमाल करते हैं।
- Investing में Fundamental Analysis का इस्तेमाल करते हैं।
- Trading में कम समय में बहुत ज्यादा पैसा कमाई कर सकते हैं।
- इसमें आपका कमाई करने के लिए बहुत ज्यादा समय लगता हैं।
- ट्रेडिंग करने से ब्रोकर का शुल्क बहुत ज्यादा होता हैं।
- इन्वेस्टिंग में ब्रोकर का शुल्क ना के बराबर होता हैं।
- Trading जुआ की तरह होता हैं सोचने समझने के लिए समय नहीं मिलता।
- Investing में आप सोच समझकर निवेश कर सकते हैं।
क्या Trading से रोज पैसा कमाई कर सकते है:-
जी बिल्कुल Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? आप ट्रेडिंग से हर रोज पैसा कमाई कर सकते हो। लेकिन जैसा कि हम जानते है Share Market रिस्क भी होता हैं। जिस तरह आप रेगुलर कमाई कर सकते है ठीक उसी तरह नुकसान भी हो सकता हैं। लाभ और नुकसान निर्भर करता है आपके ट्रेडिंग रणनीति के ऊपर। कब आप कौन सा ट्रेड ले रहे हो और आप कितना सही हो। जहा लोग बहुत कम समय में लाखो रूपया कमा लेते है वही कुछ लोग कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी कर लेते हैं।
अगर आप नए निवेशक हो तो आपको सबसे पहले Investing की तरफ जाना चाहिए। क्युकी अच्छा शेयर कम समय में नीचे भी आ सकता हैं। लेकिन लंबे समय में वो शेयर जरूर ऊपर जाएगा ही। आपको एसी शेयर में निवेश करना चाहिए जो शेयर भबिस्य में बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं।
आशा करता हु आपको Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है, कितने Types के होते है आपको अच्छी तरह से समझमे आ गया होगा । इससे जुड़ी कोई सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट के बारे में बिस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
Stock Market में कितने तरह के Sector होते हैं? ऐसे समझें
Stock Market Investment नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1900 से अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं। शेयर बाजार में इन कंपनियों को 11 प्रमुख सेक्टर में बांटा गया है। तो आइए जानते है शेयर बाजार में विभिन्न सेक्टर्स कौन-कौन से हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आपके शहर को अलग-अलग सेक्टर में रखा जाता है, किसी सेक्टर में आवासीय घर होते हैं, तो किसी में इंडस्ट्रीज। इसी तरह शेयर मार्केट में भी विभिन्न सेक्टर होते हैं जिनमें उस क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियां होती हैं। जैसे कि FMCG सेक्टर में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, ITC आदि कंपनियां हैं तो वहीं IT सेक्टर में TCS, विप्रो जैसी कई कंपनियां होती हैं। उन्हें अलग-अलग सेक्टर में रखने का आधार होता है कि, वे किस सेक्टर से संबध रखते हैं। निवेशकों के मन में यह सवाल अक्सर होता है कि स्टॉक मार्केट में कितने सेक्टर होते है?
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शेयर बाजार (Stock Market) में सेक्टर और उनकी जरूरतों का अंदाजा लगाने के लिए आइए एक उदाहरण देखते हैं। कोई व्यक्ति एक खास सोसायटी में एक फ्लैट में रहता है और वह चाहता है कि अन्य लोग उसके घर तक आसानी से पहुंच सके। अब उस सोसाइटी में कई सौ फ्लैट है, जो एक ही तरह के है तो वह व्यक्ति अपने फ्लैट को बाकी फ्लैटों से कैसे अलग करेगा? इस समस्या को हल करने के लिए फ्लैटों के आकार के आधार पर पूरी सोसाइटी को अलग-अलग ब्लॉकों में बांटा जाता है। अब बस उसे अपना फ्लैट और ब्लॉक नंबर बताना होगा और जिससे लोगों को उसका घर खोजने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसी तरह, स्टॉक मार्केट में ट्रेडर्स और इंवेस्टर्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करें और इंवेस्टमेंट के लिए स्टॉक कैसे चुनें। क्योंकि हजारों कंपनियां हैं जो नियमित रूप से पब्लिक ट्रेडिंग करती है। इतनी सारी कंपनियों के बीच कौन सी कंपनी किस सेक्टर में है, इसकी पहचान करना एक आसान काम नहीं होता है। यही वजह है कि इन कंपनियों को अर्थव्यवस्था के क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग सेक्टर में विभाजित किया गया है।
स्टॉक मार्केट में सेक्टर के प्रकार
अब बात आती है स्टॉक मार्केट में कितने सेक्टर होते है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1900 से अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं। शेयर बाजार में इन कंपनियों को 11 प्रमुख सेक्टर में बांटा गया है। तो आइए जानते है शेयर बाजार में विभिन्न सेक्टर्स कौन-कौन से हैं?
●कृषि और कमोडिटी (Agriculture and Commodity)
●बैंक और वित्तीय सेवाएं (Banks and Financial Services)
●इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स (Electricals & Electronics)
●फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG)
●गैस और पेट्रोलियम (Gas and Petroleum)
●सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology infrastructure)
●रियल एस्टेट (Real Estate)
सेक्टर को छोटे हिस्सों में बांटना
शेयर बाजार (Stock Market) में कई सेक्टर होते हैं और ये सेक्टर भी कई और छोटे हिस्सों में विभाजित होते हैं। सेक्टर समान व्यवसाय मॉडल के आधार पर कई शेयरों का समूह होता है। इससे निवेशकों को विशेष स्टॉक की पहचान करने में आसानी होती है। जरूरत से ज्यादा जानकारी लेने के फेर में कई बार निवेशकों का समय बर्बाद होता है। ऐसे में ये सेक्टर्स निवेशकों को सही स्टॉक चुनने में काफी मदद करते हैं। कई बार उस सेक्टर में छिपे हुए ऐसे क्षेत्रे के बारे में भी पता चलता है, जिसे अब तक हम नहीं जानते है।
स्टॉक मार्केट एक्सचेंजों में लिस्टेड सभी कंपनियों को अलग-अलग सेक्टर में बांटना भी उन्हें एक अलग पहचान देता है और इंवेस्टर्स के लिए इसे पहचानना आसान होता है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि मार्केट में आने वाले उतार चढ़ाव पूरे सेक्टर को प्रभावित करते हैं। इस वजह से उस सेक्टर के अंतर्गत आने वाली लगभग सभी कंपनियों पर भी मार्केट के उतार चढ़ाव का असर दिखता है। इसीलिए निवेश के पहले एवरग्रीन सेक्टर व विभिन्न सेक्टर में निवेश करने की सलाह दी जाती है, जिससे मार्केट के उतार चढ़ाव का आपके पोर्टफोलियो पर बुरा असर न पड़े। शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए सही सेक्टर का चुनाव बेहद जरूरी होता है।