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और वाणिज्य दूतावास
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तृतीय पक्ष (थर्ड पार्टी) की वेबसाइट और अनुप्रयोग
हम सोशल नेटवर्किंग और अन्य प्रकार के थर्ड पार्टी (तृतीय पक्ष) वेबसाइटों से जुड़े हैं। हम विदेशी दर्शकों के साथ बातचीत करने और दुनिया भर में सार्वजनिक कूटनीति से संबद्ध होने के लिए सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों का उपयोग करते हैं। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों का उपयोग दूतावास के कार्यक्रमों का प्रचार करने, और जनता के साथ जुड़ने के लिए किया जाता है। हम वेबसाइट विजिटर के लिए अधिक उपयोगी बनाने में सहायता हेतु वेबसाइट और उनके विभिन्न भागों के देखने वालों की गिनती करने के लिए वेब मेज़रमेंट और कस्टमाइज़ेशन तकनीकों का उपयोग करते हैं। कुछ मामलों में खाता पंजीकरण प्रयोजन के लिए थर्ड पार्टी एप्लिकेशन (तृतीय पक्ष आवेदन), एक ईमेल पता, यूजर नाम, पासवर्ड, और भौगोलिक स्थान बताने का अनुरोध कर सकते हैं। हम व्यक्तियों से पीआईआई मांगने या एकत्रित करने के लिए थर्ड पार्टी (तृतीय पक्ष) वेबसाइटों का उपयोग नहीं करते। हम किसी थर्ड पार्टी (तृतीय पक्ष) वेबसाइट द्वारा एकत्रित किए गए किसी भी पीआईआई को एकत्रित या संग्रहीत नहीं करते, और डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के बाहर कानून प्रवर्तन या अधिनियम द्वारा मांगे जाने अलावा किसी अन्य संस्था को पीआईआई का खुलासा नहीं किया जाएगा और न ही उसे बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जाएगा।
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ट्रैकिंग और कस्टमाइज़ेशन (कुकीज) के लिए संग्रहीत जानकारी
कुकी एक छोटी सी टेक्स्ट फाइल है जो एक वेबसाइट आपके कंप्यूटर में हस्तांतरित करती है ताकि वह आपके कनेक्ट रहने के दौरान आपके सत्र के बारे में विशेष जानकारी याद रख सके। आपका कंप्यूटर कुकी की जानकारी को केवल उसे प्रदान करने वाली वेबसाइट के साथ ही साझा करता है, और अन्य कोई वेबसाइट उसे साझा करने का अनुरोध नहीं कर सकती। कुकीज दो प्रकार की होती हैः
सेशन (सत्र): सेशन कुकीज केवल उस समय तक रहती हैं जब तक आपका वेब ब्राउजर चालू है। जैसे ही आप अपना ब्राउजर बंद करते हैं, कुकी हटा दी जाती है। वेबसाइट्स तकनीकी प्रयोजनों के लिए सेशन कुकीज का उपयोग करती हैं जैसे साइट में बेहतर नेवीगेशन के लिए, या साइट से पारस्परिक क्रिया के लिए आपको अपनी वरीयताओं को कस्टमाइज करने में सक्षम बनाने के लिए।
पर्सिसटेंट(स्थायी): पर्सिसटेंट कुकीज उपयोगकर्ताओं के हार्ड ड्राइव पर सेव की जाती हैं ताकि यह पता लगा सकें कि साइट के लिए कौन से उपयोगकर्ता नए हैं या कौन से वापस लौट रहे हैं, और दुबारा आने वाले विजिटर के लिए, ForeSee सेटिस्फेक्शन सर्वे में भाग लेने के लिए मिलने वाले आवर्ती निमंत्रणों को रोकने के लिए किया जाता है।
यदि आपको अपनी मशीन में सेशन या पर्सिसटेंट (स्थायी) कुकीज को संग्रहीत करने की इच्छा नहीं है, तो आप अपने ब्राउजर में कुकीज बंद कर सकते हैं। फिर भी आपको हमारी वेबसाइट पर सभी जानकारी और संसाधन उपलब्ध होंगे। हालांकि कुकीज बंद करने से कुछ वेबसाइटों का कामकाज प्रभावित हो सकता है। ध्यान रहे कि अपने ब्राउजर में कुकीज बंद करने से आपके द्वारा देखी गई अन्य वेबसाइटों में भी कुकी उपयोग पर प्रभाव पड़ेगा।
बाहरी वेबसाइटों से लिंक
हमारी वेबसाइट के अमेरिका और अन्य देशों में अन्य अमेरिकी एजेंसियों, दूतावासों, बहुपक्षीय संगठनों, और निजी संगठनों से कई लिंक्स हैं। जब आप एक लिंक का अनुसरण करते हुए एक अन्य साइट पर जाते हैं, तो आप हमारी साइट पर नहीं रहते और आप पर उस नई साइट की गोपनीयता नीति लागू होती है।
पूरी और सही जानकारी प्रदान करने का हर संभव प्रयास किया जाता है। हालांकि, हम कोई भी त्रुटि न रहने की गारंटी नहीं दे सकते। इस वेबसाइट पर उपलब्ध दस्तावेजों और जानकारी के लिए, न तो दूतावास न ही उसके कर्मचारी या ठेकेदार प्रकटित या अंकित वारंटी देते हैं जिसमें एक विशेष उद्देश्य के लिए इस वेबसाइट से उपलब्ध दस्तावेजों से संबंधित मर्चन्टेबिलिटी और फिटनेस की वारंटी शामिल है। इसके अतिरिक्त, दूतावास यहां बताई गई किसी भी जानकारी, उत्पाद, या प्रक्रिया की सटीकता, पूर्णता, या उपयोगिता की कानूनी जिम्मेदारी नहीं लेता है और दूतावास इस बात का भी प्रतिनिधित्व नहीं करता कि ऐसी जानकारी, उत्पाद, या प्रक्रिया के उपयोग से किसी निजी स्वामित्व अधिकार का उल्लंघन नहीं होगा।
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अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार कॉनक्लेव
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने अपने रजत जयंती समारोह के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के एक भाग के रूप में 1 अक्तूबर, 2018 को अशोक होटल, नई दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार कॉनक्लेव का आयोजन किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन महात्मा गांधी के कार्य एवं सोच को दर्शाने वाले गीत वैष्णव जन के साथ किया गया। तत्पश्चात्, मुख्य अतिथि माननीय उपराष्ट्रपति, श्री एम. वैंकेया नायडू के साथ-साथ आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री एच. एल. दत्तू, सदस्य न्यायमूर्ति श्री पी. सी. घोष एवं श्रीमती ज्योतिका कालरा, महासचिव श्री अम्बुज शर्मा एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
इस कॉनक्लेव का उद्देश्य विभिन्न देशों के राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों, एन.एच.आर.आई. के वैश्विक नेटवर्क, सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों तथा अन्य पक्षकारों को उनकी राय व्यक्त करने तथा विचार-विमर्श करने हेतु एक मंच उपलब्ध कराना था।
आयोग के महासचिव, श्री अम्बुज शर्मा ने आयोग द्वारा पिछले 25 वर्षों के दौरान आयोग को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत दिए गए अधिदेश के आधार पर राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों एवं सभी पणधारियों को साथ लाने को सुनिश्चित करने एवं सुरक्षा कार्यों के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने आयोग द्वारा किए गए महत्त्वपूर्ण पहलों पर भी प्रकाश डाला, जैसे-ऑनलाइन मानव अधिकार शपथ, ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण प्रणाली, टोल फ्री राष्ट्रीय हैल्पलाइन, इसे सुगम बनाने हेतु द्विभाषीय वेबसाइट, महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध यौन हिंसा के मुद्दों पर ओपन हाउस चर्चा, जेल सुधार आदि। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी के लिए मानव अधिकारों को सुनिश्चित करने की व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम दिशा में यह कॉनक्लेव एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा।
श्री राजीव गाबा, केन्द्रीय गृह सचिव ने कहा कि भारत ने हमेशा से ही विधिक नियामक ढांचे, विधि के नियम की स्थापना एवं लोगों के सिविल राजनैतिक एवं मौलिक अधिकारों के संरक्षण के माध्यम से समाज के कमज़ोर वर्गों के समाज-आर्थिक अधिकारों के संरक्षण की दिशा में कार्य किया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय जनजाति आयोग एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के साथ मिलकर केन्द्र की सरकार को 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहायता कर रहा है।
आयोग के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री एच. एल. दत्तू ने भारत में मानव अधिकारों के संरक्षण में एन.एच.आर.सी. के कार्य के 25 वर्षों को मनाने हेतु आयोजित अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार कॉन्क्लेव में सभी उपस्थितों का स्वागत किया। अध्यक्ष महोदय ने पिछले वर्षों में आयोग की विभिन्न महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों तथा देश में मानव अधिकार संस्कृति को मुख्य धारा में लाने के क्षेत्र में आयोग के महत्त्वपूर्ण सहयोग को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न पणधारियों को जागरुकता के प्रसार, लोगों को संवेदनशील करने एवं विधिक एवं संवैधानिक प्रावधानों को सदृढ़ करने की आवश्यकता है जिससे नियंत्रण एवं संतुलन की प्रणाली को विस्तार दिया जा सके। आयोग शिविर बैठकों, जन सुनवाइयों, बंधुआ मज़दूरी प्रकोष्ठ स्थापित कर, विशेष संपर्ककर्त्ताओं की नियुक्ति, कोर एवं विशेषज्ञ समूहों का गठन, मानव अधिकार समर्थकों के लिए फोकल प्वाइंट के रूप में कार्य करने के माध्यम से मानव अधिकार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहा है।
न्यायमूर्ति श्री दत्तू ने कहा कि गरीबी, लिंग भेद-भाव, बंधुआ मज़दूरी, मानव तस्करी शरणार्थियों का विस्थापन आदि मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग गनहरी का सदस्य है तथा इसको गनहरी द्वारा निरन्तर ’ए’ श्रेणी दी गई है। उन्होंने कहा कि मानव विकास का अर्थ बिना किसी अपेक्षा के सभी लोगों को स्वतंत्रता की गुंजाइश को विस्तृत एवं प्रसारित करना है।
मानव अधिकारों के प्रति एक सच्ची प्रतिबद्धता सभी लोगों की विविधता को ध्यान में रखते हुए प्रगतिशील आर्थिक एवं सामाजिक नीतियों के माध्यम से आपसी संबंध विकसित करना है।
भारत के उपराष्ट्रपति, श्री एम. वैंकैया नायडु ने कहा कि राज्य का प्राथमिक दायित्व अहस्तांतरणिय अधिकारों का संरक्षण करना है। मानव अधिकारों को 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनिवार्य माना गया है। उन्होंने कहा कि भारत में वैश्विक स्तर पर मानव अधिकारों के लिए दृढ़ता से आवाज़ उठाई है तथा विभिन्न मानव अधिकार सम्मेलनों के लिए हस्ताक्षर किए हैं। यह ’शेयर एण्ड केयर’ के दर्शन का अनुसरण करता है। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों में अन्य बातों के साथ-साथ स्वास्थ्य देख-रेख, भोजन, शिक्षा, व्यापार, किशोरों एवं वृद्धजनों के मुद्दे भी शामिल हैं। उन्होंने मानव अधिकारों के उल्लंघन के निपटान एवं अधिकारों के संरक्षण के प्रति एक वॉचडॉग के रूप में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों के संरक्षण के सामने भ्रष्टाचार, गरीबी, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जो इस समय देश एवं विश्व झेल रहा है, गम्भीर चुनौतियां हैं।
भारत एक विशाल एवं विविधतापूर्ण देश है तथा इसीलिए यहां पर शिकायतों की संख्या भी अत्यधिक है उन्होंने इन शिकायतों के निपटान में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ज़ोर दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए केवल कानून द्वारा गारंटी सुनिश्चित नहीं की जा सकती। समय की मांग है कि प्रभावी कार्यान्वयन पर विचार करते हुए बदलती पारिस्थितिक सच्चाइयों पर भी विचार किया जाए। आर्थिक अपराधियों एवं अन्य देशों में आतंकी, शरण की बढ़ती समस्याओं का संदर्भ देते हुए श्री नायडु ने कहा कि इस विषय पर कार्य करने के लिए संयुक्त राष्ट्र एवं सदस्य देशों को एकजुट होना चाहिए। भगोड़ों का आदान-प्रदान एवं उनके विषय में सूचना साझा करने से लम्बे समय तक सहायता होगी तथा उन पर निगरानी रखी जा सकेगी।
उन्होंने भारत में स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की प्रशंसा की, जिसके कारण महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ-साथ इन संस्थानों की कार्यप्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं।
कॉनक्लेव में उद्घाटन सत्र के अलावा तीन विषयगत सत्र (1) तस्करी/प्रवासी/जबरन मज़दूरी तथा समाज के हाशिए के लोगों के अधिकारों के उभरते आयाम पर केन्द्रितः बेहतर प्रथाएं साझा करना (2) व्यापार एवं मानव अधिकारों के संरक्षण आदर एवं उपचारी संरचना (3) सतत् विकास लक्ष्य पर केन्द्रित महिलाओं का सशक्तीकरण एवं बच्चों का संरक्षणः चुनौतियां एवं संभावनाएं।
इस समारोह से समाज के विभिन्न वर्गों में अधिकारों पर आधारित उपरोक्त विषयों पर सर्वोत्तम प्रथा साझा करने तथा विचार-विमर्श करने में सहायता मिलेगी। सत्रों से नीतियों, कार्यक्रमों एवं प्रथाओं को विकसित करने की प्रक्रिया का प्रभावी ढांचा तैयार करने में सहायता होगी, जिससे सभी अधिकारों एवं अवसरों को विकसित करने, संरक्षित करने, सहभागिता देने एवं सशक्तिकरण सुनिश्चित हो पाएगा।
कॉन्क्लेव में यू.के., अफगानिस्तान, बांग्लादेश, क्रोएशिया, मॉरिशस, नेपाल, राज्य मानव अधिकार आयोग, गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज के प्रतिनिधिमंडल तथा राजदूतों ने भी कॉनक्लेव में भाग लिया।
विधानसभा: तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र को लेकर अधिसूचना जारी, ये होंगे कार्यक्रम
भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र (Assembly Winter Session) को लेकर अधिसूचना (notification) जारी कर दी गई है। 28 दिसंबर से तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र की शुरुआत होगी। इन्हीं तीन दिवस में शिवराज सरकार (shivraj government) विधानसभा में कई नए विधेयक (Bill) और बजट पेश करेगी।
दरअसल विधानसभा सचिवालय (Assembly Secretariat) ने शुक्रवार को 28 दिसंबर से होने वाले तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। तीन दिवसीय बैठक में प्रश्नकाल सहित नवीन एवं संशोधित विधेयक सहित बजट (Budget) अनुमान पेश किया जाएगा। वहीं सत्र को लेकर विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रसाद सिंह (Vidhan Sabha Principal Secretary, Awadhesh Prasad Singh) ने बताया कि 28 दिसंबर सुबह 11:00 बजे से सत्र की शुरुआत की जाएगी।
सत्र के पहले दिवस प्रश्नकाल सहित उपचुनाव (By-election) में जीते नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के साथ-साथ अन्य शासकीय एवं विधायी कार्य संपन्न होंगे। वहीं 29 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा जबकि 30 नवंबर को शिवराज सरकार सदन में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 (Freedom of Religion Act 2020 including) सहित अनुपूरक बजट पेश करेगी।
बता दें कि तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है। उनका कहना है कि इतने छोटे क्षेत्र में प्रश्नकाल सहित विधि के गुण एवं दोष पर चर्चा के मुद्दे अधूरे ही रह जाएंगे। माना जा रहा है कि कोणों संक्रमण को देखते हुए सरकार ने शीतकालीन सत्र को छोटा ही रखा है।
इससे पहले 21 सितंबर को 1 दिन का विधानसभा सत्र आयोजित किया गया था। जिसमें सरकार ने अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक, मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक सहित, मध्य प्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक पारित कराया था। अब शीतकालीन सत्र में शपथ ग्रहण समारोह, नवीन विधेयक और अनुपूरक बजट पेश करने के बीच प्रश्नकाल में विधानसभा में कितने हंगामे होते हैं। वही जनता के कितने मुद्दे विपक्ष द्वारा उठाए जाते हैं। यह देखना दिलचस्प है।
सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा फिल्म आधारित 'शरारत से सफलता तक' पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित
उद्यमियों को अपनी ताकत की पहचान करनी चाहिए और नैतिक रूप से व्यवसाय करना चाहिएः चिराग देसाई
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने सोमवार को फिल्म-आधारित प्रशिक्षण सत्र के हिस्से के रूप में इसे और अधिक रोचक बनाने के लिए उद्यमियों के लिए एक ज्ञान आधार सत्र का आयोजन किया। 'शरारत से सफल तक' पर एक प्रशिक्षण सत्र 14 नवंबर, 2022को शाम 6:00 बजे समृद्धि, नानपुरा, सूरत में आयोजित किया गया था। जिसमें सूरत के एक प्रशिक्षक और प्रबंधन सलाहकार चिराग देसाई ने फिल्म बदमाश कंपनी से आवश्यक सामग्री और प्रस्तुति के माध्यम से व्यवसायियों को उनकी ताकत की पहचान करने और व्यवसाय में नैतिक रूप से अभ्यास करने के लिए निर्देशित किया।
फिल्में मनोरंजन के साथ व्यवसाय में सफलता के लिए प्रोत्साहीत भी करती हैः बोडावाला
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वर्षों से फिल्में बहुत महत्वपूर्ण रही हैं। फिल्में न केवल लोगों को मनोरंजन का मंच प्रदान करती हैं बल्कि उन्हें जीवन और व्यवसाय में सफलता की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करती हैं।
उद्यमियों को अपनी ताकत की पहचान करनी चाहिए
प्रवक्ता चिराग देसाई ने कहा कि फिल्म के अभिनेता शाहिद कपूर को अपने पिता अनुपम खेर की तरह इस फिल्म में काम करना पसंद नहीं है लेकिन वह बिजनेस में सफल होना चाहते हैं। इससे पता चलता है कि आज की युवा पीढ़ी विभिन्न व्यवसायों में उद्यम करना चाहती है। वह अपने जुनून में करियर बनाना चाहता है और स्टार्ट-अप करना चाहता है लेकिन उसे घर से आर्थिक मदद नहीं मिलती है। लेकिन एक व्यवसाय केवल पैसे से ही नहीं बल्कि एक अच्छे विचार से भी शुरू किया जा सकता है, इसलिए उद्यमियों को अपनी ताकत की पहचान करनी चाहिए और व्यवसाय में उनका सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। उन्हें व्यवसाय की व्यावसायिक संस्कृति में धीरे-धीरे अपना विकास करना चाहिए।
चार दोस्त गलत तरीके से बिजनेस में जाते हैं और मुश्किल में पड़ जाते हैं
फिल्म में दिखाया गया है कि जब चार दोस्त एक साथ बिजनेस शुरू करते हैं और बिजनेस डील करने के लिए विदेश जाते हैं, तो उन्हें भाषा की बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है। इससे हमें पता चलता है कि कोई भी चीज हमें बिजनेस करने से नहीं रोक सकती। फिल्म की शुरुआत में चार दोस्त गलत तरीके से बिजनेस में चले जाते हैं और वे मुश्किल में पड़ जाते हैं। तब वे सफल होते हैं जब वे अपनी प्रतिभा व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम का उपयोग करते हैं और सिद्धांतों और कानूनों के अनुसार व्यवसाय करते हैं। इसलिए व्यापार हमेशा सरकार की गाइड लाइन और कानूनों का पालन करते हुए करना चाहिए। व्यापार नैतिक रूप से करना चाहिए।
व्यवसाय में सफल होने के लिए गणनात्मक जोखिम उठाना पड़ता है
उन्होंने आगे कहा कि व्यापार में सम्मान के साथ सफलता जरूरी है। व्यवसाय में आपके साथ जुड़े भागीदारों या कर्मचारियों को निकाल नहीं दिया जाना चाहिए। क्योंकि उनका सहयोग और सहयोग मिलने से व्यवसाय में सफलता मिल सकती है, इसलिए अतीत में की गई गलतियों को सुधार कर नए विचारों पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यवसाय में उचित प्रस्तुतिकरण भी आवश्यक है। व्यवसाय में सफल होने के लिए गणनात्मक जोखिम उठाना पड़ता है। किसी व्यवसाय को विकसित करने के लिए ब्रांडिंग, मार्केटिंग और रणनीति बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी क्षेत्र का ज्ञान और अनुभव जीवन में हमेशा उपयोगी होता है।
मृणाल शुकल ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर पूरे कार्यक्रम का संचालन किया
चैंबर के ग्रुप चेयरमैन मृणाल शुकल ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। चैंबर की सॉफ्ट स्किल्स डेवलपमेंट कमेटी के सदस्य शैलेश खवानी ने स्पीकर का परिचय दिया। चेंबर के मानद कोषाध्यक्ष भावेश गढ़िया ने सर्वेक्षण का धन्यवाद करते हुए सत्र का समापन किया।
उप्र में सरकारी स्कूलों के 8वीं तक के छात्रों की नहीं होंगी परीक्षाएं
महामारी के कारण राज्य सरकार ने कक्षा 8वीं तक के छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षाओं में दाखिला देने का निर्णय लिया है। इसके लिए उनका मूल्यांकन पूरे शैक्षणिक सत्र में उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले साल 2020 में भी 8वीं तक के विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही अगली कक्षाओं में प्रवेश दे दिया गया था।
लगभग पूरे शैक्षणिक सत्र में पढ़ाई प्रभावित रही और फिर पिछले साल जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई थीं। लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र ऑनलाइन कक्षाएं लेने में सक्षम नहीं थे। 10 फरवरी से कक्षा 6वीं से 8वीं तक की और 1 मार्च से पहली से 5वीं तक की कक्षाएं शुरू हुई हैं।
शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने कहा, हम कक्षा 8वीं तक के बच्चों के लिए 100 दिवसीय प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम चला रहे हैं। इसके आधार पर ही छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
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