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पीपीएफ खाता क्या है

पीपीएफ खाता क्या है
5- एक एनआरआई (NRI) नया पीपीएफ खाता नहीं खोल सकता है. लेकिन एनआरआई अपने पहले से चल रहे पीपीएफ खातों को जारी रख सकते हैं. वे अपने मौजूदा PPF खातों में नया योगदान नहीं दे सकते हैं.

मिलती है टैक्स छूट

पीपीएफ: पब्लिक प्रोविडेंट फंड के बारे में पूरी जानकारी

पब्लिक प्रोविडेंट फंड, जिसे आमतौर पर पीपीएफ के रूप में जाना जाता है, भारत में बचत को निवेश में बदलने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है। 1968 में शुरू किया गया, PPF आपकी बचत पर कर-मुक्त ब्याज अर्जित करने के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है।

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​कितने समय में मैच्योर होती है रकम?

पीपीएफ खाते में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है. यानी इसमें 15 साल से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं. मैच्योरिटी पर निवेशक को दो विकल्प मिलते हैं: 1. खाते से पैसे को निकाल ले और खाता बंद कर दे. 2. पांच साल के ब्लॉक में खाते को चालू रखे.

​अकाउंट बंद करने की प्रक्रिया क्या है?

​अकाउंट बंद करने की प्रक्रिया क्या है?

अगर आप खाते को बंद करने का विकल्प चुनते हैं तो आपको उस बैंक की ब्रांच/पोस्ट ऑफिस जाना पड़ेगा जहां खाता खुला है. खाते में जमा पैसे को निकालने और इसे बंद करने के लिए एक लिखित आवेदन देना होगा. इसके लिए ओरिजनल पासबुक की जरूरत होगी. उस बैंक खाते की डिटेल देनी होगी, जिसमें पैसे को ट्रांसफर कराना है. कैंसल किए हुए चेक के साथ पते और पहचान का प्रूफ अटैच करना होगा. खाते की लॉक-इन अवधि पूरी हो गई है कि नहीं, बैंक/पोस्ट ऑफिस इसे चेक करेगा. अगर ऐसा हो गया है तो खाते को बंद कर दिया जाएगा. मैच्योरिटी की रकम बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

​पांच साल के ब्लॉक में खाते को चालू रखने की प्रक्रिया क्या है?

​पांच पीपीएफ खाता क्या है साल के ब्लॉक में खाते को चालू रखने की प्रक्रिया क्या है?

इस पीपीएफ खाता क्या है मामले में आपको खाते के मैच्योर होने के एक साल के भीतर एक निर्धारित फॉर्म में बैंक/पोस्ट ऑफिस को लिखित में सूचना देने की जरूरत होती है. आप बिना किसी नए कॉन्ट्रिब्यूशन के जमा रकम के साथ खाते को चालू रख सकते हैं. दूसरा विकल्प यह है कि आप निवेश करते हुए पीपीएफ खाता क्या है ऐसे डिपॉजिट पर टैक्स डिडक्शन का फायदा उठाते रहें. मैच्योरिटी के बाद पांच साल का एक ब्लॉक पूरा हो जाने पर खाते को और पांच वर्ष के लिए चालू रखा जा सकता है. इस क्रम को जब तक चाहें चला सकते हैं. अकाउंट जब तक बंद नहीं किया जाता है, तब तक इससे ब्याज आय होती रहेगी.

​किन बातों का रखें ध्यान

​किन बातों का रखें ध्यान

1-कर्ज वसूलने के लिए किसी व्यक्ति का पीपीएफ खाता जब्त नहीं किया जा सकता है. कोर्ट भी पीपीएफ खाते की रकम से कर्ज का भुगतान करने के लिए नहीं कह सकता है. 2-खाते के पहले 15 साल के दौरान 7वें साल से कुछ शर्तों के साथ आंशिक भुगतान संभव है.

(इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.)

Web Title : how does a ppf account work, how do you benefit from it?
Hindi News from Economic Times, TIL Network

PPF खाते की 10 अहम बातें, जिनके बारे में आपको नहीं होगी जानकारी!

प्रोविडेंट फंड एक जरूरी रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है. यह खाता कंपनी की ओर से ही खोला जाता है. कंपनी इसमें हर महीने आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी पैसा काटकर जमा कराती है.

पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है. (Image- Pixabay)

आने वाले समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग सेविंग या इन्वेस्टमेंट (investment) करते हैं. बाजार की उठा-पटक के चलते लोग सुरक्षित निवेश का रास्ता अपनाते हैं, ताकि उनकी मेनहत की कमाई महफूज रहे और जरूरत के समय उनके काम आ सके. इसलिए काफी संख्या में लोग सार्वजनिक भविष्य निधि या पीपीएफ (PPF) में इन्वेस्टमेंट (investment) करना पसंद करते हैं.

पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव हो गया है? दोबारा चालू करने के लिए यह तरीका अपनाएं

क्‍या है पीपीएफ?

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) निवेश का लोकप्रिय विकल्‍प है. पीपीएफ खाते में हर साल कम से कम 500 रुपये डालने पड़ते हैं. तभी पीपीएफ खाता चालू रहता है. 15 साल तक यह काम करना पड़ता है. किसी एक पीपीएफ खाता क्या है वित्त वर्ष में इसमें डेढ़ लाख रुपये तक निवेश करने की सीमा है. इस निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. ब्याज आय पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है. मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी टैक्स के दायरे में नहीं आती है. इतने सारे टैक्स बेनिफिट को देखते हुए लोग अपने बैंक/पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ खाता खुलवाते हैं. इसकी मदद से लोग काफी रकम जोड़ लेते हैं. यह अलग बात है कि कई बार लोग किसी वजह से इसमें न्‍यूनतम निवेश की रकम नहीं डाल पाते हैं. उस पीपीएफ खाता क्या है स्थिति में खाता इनएक्टिव यानी निष्क्रिय हो जाता है. हालांकि, इससे आपको घबराने की बिल्‍कुल जरूरत नहीं है. इसे दोबारा आसानी से चालू कराया जा सकता है. यह काम 3 स्‍टेप्‍स में हो जाएगा.

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पीपीएफ में क्‍लेम सेटलमेंट के नियम.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 17 अक्टूबर 2022, 11:59 AM IST)

नौकरीपेशा लोग अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने के लिए कई तरह के फंड में निवेश करते हैं. इनमें से एक है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF). पीपीएफ में आपकी निवेश की राशि सुरक्षित तो रहती ही है, साथ ही बढ़िया रिटर्न भी मिलता है. ज्यादातर लोग नौकरी के दौरान ही PPF में निवेश करना शुरू कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मैच्योरिटी से पहले ही अगर किसी पीपीएफ अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तो खाते में जमा राशि किसे दी जाती है और इसके लिए क्या नियम तय किए गए हैं.

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मिलता है लोन

पब्लिक प्रोविडेंट फंड लंबा लॉक-इन पीरियड वाला टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट स्कीम है.- इसका लॉक-इन पीरियड पांच साल का है. छह साल के बाद निवेशक इस फंड से पैसे की निकासी कर सकता है. तीसरे साल से इस स्कीम पर लोन लेने की सुविधा मिलती है. यानी तीन साल के निवेश के बाद आप अपनी जमा रकम पर लोन ले सकते हैं.

किसे मिलेगा जमा पैसा?

अब अगर मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने पीपीएफ में निवेश की शुरुआत की और आठ साल के निवेश के बाद उसकी मृत्यु हो जाती है. ऐसे में पीपीएफ खाते में जमा राशि उसके नॉमिनी को मिल जाएगा. ऐसी स्थिति में मैच्योरिटी पूरा होने का कोई नियम नहीं होता है. खाताधारक की मृत्यु के बाद पूरा पैसा नॉमिनी को सौंप दिया जाता और अकाउंट को बंद कर दिया जाता है.

क्लेम सेटलमेंट के नियम

नियम के अनुसार, डेथ क्‍लेम का सेटेलमेंट कई आधार पर किया जा सकता है. अगर क्लेम की राशि पांच लाख रुपये तक है, तो सेटलमेंट नॉमिनेशन, कानूनी सबूत या बिना कानूनी प्रूफ के संबंधित अथॉरिटी के विवेक के आधार पर हो सकता है. वहीं, पांच लाख रुपये से अधिक की रकम के लिए कानूनी प्रूफ की जरूरत पड़ती है. प्रूफ नहीं होने की स्थिति में कोर्ट से सक्‍सेशन सर्टिफिकेट प्रस्‍तुत करना होता है.

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