सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण

मारुति में 4.17 फीसदी तो ओएनजीसी में 4 फीसदी की गिरावट देखी गई. टाटा स्टील का स्टॉक 3.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1126 रुपये पर हिचकोले खा रहा था.
Goods Barometer: वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमा पड़ने के संकेत, क्या कहते हैं WTO के आंकड़े?
वैश्विक व्यापार वृद्धि 2022 के आखिरी महीनों और 2023 में धीमी पड़ने की संभावना है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था मजबूत विपरीत परिस्थितियों से घिरी हुई है। विश्व व्यापार संगठन के माल व्यापार बैरोमीटर के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। वर्तमानद में गुड्स ट्रेड बैरोमीटर इंडेक्स रीडिंग 96.2 है।
गुड्स ट्रेड बैरोमीटर विश्व व्यापार के लिए एक समग्र प्रमुख संकेतक है, जो हाल के रुझानों के सापेक्ष व्यापार की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। 100 से अधिक मान अपट्रेंड यानी विस्तार का संकेत देते हैं जबकि 100 से कम मूल्य डाउनट्रेंड सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण यानी कटौती का संकेत देते हैं।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सोमवार को कहा कि सूचकांक में गिरावट का श्रेय यूक्रेन में युद्ध, उच्च ऊर्जा कीमतों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक तंगी को दिया जा सकता है। निर्यात ऑर्डर (91.7), एयर फ्रेट (93.3) और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (91.0) का प्रतिनिधित्व करने वाले उप-सूचकांकों में नकारात्मक रीडिंग दिख रही है। साथ ही ये आंकड़े व्यापार जगत में सुस्ती और वैश्विक आयात में कमजोरी दर्शाते हैं।
विस्तार
वैश्विक व्यापार वृद्धि 2022 के आखिरी महीनों और 2023 में धीमी पड़ने की संभावना है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था मजबूत विपरीत परिस्थितियों से घिरी हुई है। विश्व व्यापार संगठन के माल व्यापार बैरोमीटर के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। वर्तमानद में गुड्स ट्रेड बैरोमीटर इंडेक्स रीडिंग 96.2 है।
गुड्स ट्रेड बैरोमीटर विश्व व्यापार के लिए एक समग्र प्रमुख संकेतक है, जो हाल के रुझानों के सापेक्ष व्यापार की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। 100 से अधिक मान अपट्रेंड यानी विस्तार का संकेत देते हैं जबकि 100 से कम मूल्य डाउनट्रेंड यानी कटौती का संकेत देते हैं।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सोमवार को कहा कि सूचकांक में गिरावट का श्रेय यूक्रेन में युद्ध, उच्च ऊर्जा कीमतों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक तंगी को दिया जा सकता है। निर्यात ऑर्डर (91.7), एयर फ्रेट (93.3) और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (91.0) का प्रतिनिधित्व करने वाले उप-सूचकांकों सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण में नकारात्मक रीडिंग दिख रही है। साथ ही ये आंकड़े व्यापार जगत में सुस्ती और वैश्विक आयात में कमजोरी दर्शाते हैं।
Stock Market Crash: इन 4 प्रमुख कारणों से शेयर बाजार में हाहाकार मचा, डिटेल में समझें सबकुछ
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी (NIFTY 50) भी करीब 300 अंकों की गिरावट के साथ 17,238.60 पर ट्रेड कर रहा था.
Stock Market Update: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट का असर भारतीय बाजार पर स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है. . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 26, 2021, 12:29 IST
नई दिल्ली. भारत का स्टॉक मार्केट (Indian stock markets) में आज बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. बाजार खुलते ही धड़ाम हो गया. इसके बाद तो शेयर बाजार में हाहाकार (Share Market Crash) मच गया. हर मिनट पर तेज उठापटक होने लगी. मुंबई शेयर बाजार संवेदी सूचकांक सेंसेक्स (BSE SENSEX) लगभग 1,300 अंकों की गिरावट के साथ 57,814 के स्तर पर ट्रेड करता दिखाई दिया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी (NIFTY 50) भी करीब 300 अंकों की गिरावट के साथ 17,145 पर ट्रेड कर रहा था. मार्केट एक्सपर्ट बता रहे हैं कि दुनियाभर में कोरोना के नए वेरिएंट के एक्टिव होने से मची खलबली का असर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है.
जानिए वे पांच कारण, जिसने बाजार को आज नीचे खींचा
आईटीसी ने बेंचमार्क इंडेक्स को ठगा: आईटीसी के शेयरों में 14 फीसदी की गिरावट आई, यह दिन के कारोबार में 20 साल की सबसे ज्यादा कमजोरी सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण है. इस तरह की कमजोरी की बेंचमार्क सूचकांकों को कोई उम्मीद नहीं थी. आईटीसी ने अकेले सेंसेक्स के 400 अंकों के गिरावट में योगदान किया.जीएसटी परिषद ने सोमवार को सिगरेट पर लगाए सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण गए उपकर को बढ़ा दिया है. इससे सिगरेट बनाने वाली कंपनियों को अनुमानित रूप से 5000 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान उठाना पड़ेगा. अब तक टैक्स की कम दरों की वजह से उन्हें यह फायदा हो रहा था. आज शेयर बाजार में कमजोरी की वजह से कंपनी का मार्केट कैप 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा गिर गया.
शेयर बाजार में कोहराम, 1189 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ सेंसेक्स; निफ्टी का भी बुरा हाल
Share Market Live Update: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सूचकांक सेंसेक्स 1189.73 अंक या 2.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,822.01 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (NSE) का सूचकांक निफ्टी 466 अंक टूटकर 16,518.70 पर बंद हुआ। BSE में सोमवार को इंडेक्स के 28 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। केवल HUL और डॉक्टर रेड्डीज के शेयरों में तेजी आई। BSE में HUL के शेयर 1.70 फीसदी के उछाल के साथ 2268.30 रुपये बंद हुए। वहीं, टाटा स्टील सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण के शेयर सबसे ज्यादा 5.20 फीसदी की गिरावट के साथ 1,072.95 रुपये पर बंद हुए। इंडसइंड बैंक के शेयरों में 4.23 फीसदी की गिरावट आई और वह 845.85 रुपये पर बंद हुए।
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आईटी-बैंकिंग शेयरों का हुआ बुरा हाल
घरेलू बाजार पूरे दिन रेड जोन में ही रहा. सेंसेक्स की बात करें तो इसने बंद होने से पहले ठीक-ठाक रिकवरी तो की, लेकिन बड़ी गिरावट से पीछा नहीं छुड़ा पाया. यह सूचकांक कारोबार समाप्त होने के बाद 861.25 अंक (1.46 फीसदी) गिरकर 57,972.62 अंक पर बंद हुआ. यह 29 जुलाई यानी ठीक एक महीने बाद सेंसेक्स का सबसे निचला स्तर है. निफ्टी 246 अंक (1.40 फीसदी) लुढ़ककर 17,312.90 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में आईटी और बैंकिंग समूह का सबसे बुरा हाल रहा. टेक महिंद्रा का शेयर सबसे ज्यादा 4.57 फीसदी टूटा. इसके सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण अलावा इंफोसिस में 3.93 फीसदी, विप्रो में 3.06 फीसदी, एचसीएल टेक में 2.98 फीसदी और टीसीएस में 2.सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण 73 फीसदी की गिरावट आई.
पिछले सप्ताह से ही प्रेशर में बाजार
इससे पहले शुक्रवार को सेंसेक्स 59.15 अंक (0.10 फीसदी) की मामूली तेजी के साथ 58,833.87 अंक पर बंद हुआ था. वहीं निफ्टी 36.45 अंक (0.21 फीसदी) की बढ़त के साथ 17,558.90 अंक पर बंद हुआ था. पिछला सप्ताह भी घरेलू बाजार के लिए ठीक नहीं रहा था. गुरुवार को सेंसेक्स 310.71 अंक (0.53 फीसदी) के नुकसान के साथ 58,774.72 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी भी 82.50 अंक (0.47 फीसदी) के घाटे के साथ 17,522.45 अंक पर आ गया था. पिछले सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 812 अंक से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी.