क्या है ट्रेंड ट्रेडिंग

Bull Market- बुल मार्केट
बुल मार्केट क्या होता है?
बुल मार्केट (Bull Market) किसी फाइनेंशियल मार्केट की वह स्थिति होती है जिसमें किसी एसेट या सिक्योरिटी की कीमतें बढ़ रही होती हैं या बढ़ने की उम्मीद होती है। ‘बुल मार्केट' शब्द का उपयोग अक्सर स्टॉक मार्केट के लिए किया जाता है लेकिन इसे वैसी किसी भी चीज के लिए प्रयोग किया जा सकता है जिसे ट्रेड किया जा सकता है जैसेकि बॉन्ड्स, रियल एस्टेट, करेंसी और कमोडिटीज। चूंकि ट्रेडिंग के दौरान सिक्योरिटीज की कीमत अनिवार्य रूप से घटती और बढ़ती रहती हैं, ‘बुल मार्केट' को विशेष रूप से विस्तारित अवधि के लिए उपयोग में लाया जाता है जिसमें सिक्योरिटी मूल्यों का बड़ा हिस्सा बढ़ रहा होता है।
बुल मार्केट महीनों तक यहां तक कि वर्षों तक बने रह सकते हैं। आम तौर पर बुल मार्केट तब होता है जब स्टॉक की कीमतें 20-20 प्रतिशत की क्या है ट्रेंड ट्रेडिंग दो अवधियों की गिरावट के बाद 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। ट्रेडर बुल मार्केट का लाभ उठाने के लिए खरीद में बढ़ोतरी, होल्ड या रिट्रेसमेंट जैसी कई रणनीतियों का सहारा लेते हैं।
बुल मार्केट के लक्षण
बुल मार्केट आशावादिता, निवेशकों के आत्मविश्वास और उम्मीदें कि लंबे समय तक मजबूत परिणाम आते रहेंगे, से प्रेरित होता है। इसका अनुमान लगाना मुश्किल होता है कि मार्केट में ट्रेंड में कब बदलाव आएगा। इसमें दिक्कत यह होती है कि मनोवैज्ञानिक प्रभावों और स्पेकुलेशन की कभी कभार बाजार में बड़ी भूमिका होती है। हाल के वर्षों में बुल मार्केट 2003 और 2007 की अवधि के दौरान देखा गया था जब एसएंडपी 500 में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई थी। आम तौर पर यह तब होता है जब अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही होती है या पहले से ही मजबूत होती है।
बुल मार्केट का लाभ कैसे उठाएं?
जो निवेशक बुल मार्केट का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें बढ़ती कीमतों का लाभ उठाने के लिए आरंभ में ही खरीद कर लेनी चाहिए और जब वे अपनी पीक पर पहुंच जाएं तो उन्हें बेच डालना चाहिए। हालांकि यह तय करना मुश्किल और कुछ हद तक जोखिम भरा है कि कब गिरावट और कब पीक आएगा, अधिकांश नुकसान कम मात्रा में होते हैं और अस्थायी होते हैं।
Twitter trends : रतन टाटा से विराट कोहली तक करते रहे ट्रेंड, जानिए इस साल क्या रहा सर्वाधिक ट्रेडिंग वाला ट्वीट
Twitter trends दुनिया भर के लोग ट्वीटर पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं। किसी को कोई सूचना देनी हो तो ट्वीटर अच्छा माध्यम है। सेलिब्रिटी फैन से जुड़ने के लिए इसे अच्छा माध्यम मानते हैं। जानिए 2021 में कौन सा ट्वीट टॉप ट्रेडिंग रहा.
जमशेदपुर। हैशटैग का एक साल। यह 2021 को देखने के कई तरीकों में से एक है। कई हैशटैग ने साल के उन बड़े पलों को कैद किया जो अब करीब आ रहे हैं। ट्विटर के अनुसार, 1 जनवरी से 15 नवंबर के बीच #Covid19, #FarmersProtest, #TeamIndia, #Tokyo2020, #IPL2021, #IndVEng, #Diwali, #Master, #Bitcoin और #PermissionToDance भारत में 2021 के सबसे अधिक ट्वीट किए गए हैशटैग थे।
टाटा समूह ने जब 18000 रुपए की बोली लगाकर एयर इंडिया को अपने नाम किया था, तब रतन टाटा का ट्वीट वेलकम बैक एयर इंडिया ने ट्रेडिंग के रिकॉर्ड भी बनाए।
अच्छी-बुरी यादों के बीच घूमता रहा ट्वीटर
सालों भर यह माइक्रोब्लॉगिंग साइट कई घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती रही - कुछ अच्छी, कुछ बुरी और बहुत कुछ दुखद। ट्वीटर लोगों के लिए डिफॉल्ट कोविड -19 हेल्पलाइन बन गई, खासकर भारत में महामारी की दूसरी लहर के दौरान।
पैट कमिंस ने दान दिया तो नेटीजंस ने बरसाया प्यार
क्रिकेटर्स और उनकी कमेंट्री ने साफ तौर पर ट्विटर पर तहलका मचा दिया। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर पैट कमिंस' (@patcummins30) ने भारत में कोविड -19 राहत के लिए उनके दान के बारे में ट्वीट किया, जो सबसे अधिक रीट्वीट किया गया। गुरुवार तक इसे 135,900 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चुका था। लगभग 22,000 पर, यह भारत में शीर्ष "उद्धरण ट्वीट" भी था।
विराट कोहली बिटिया जन्मी, ट्वीटर पर पांच लाख से अधिक ने बधाई दी
11 जनवरी को अपनी बेटी के जन्म की घोषणा करने वाले विराट कोहली (@imVkohli) के ट्वीट को सबसे अधिक पसंद किया गया, जिसमें 538,000 से अधिक "लाइक" थे।
शीर्ष हैशटैग रहा #Covid19
हालाँकि, भारत में शीर्ष हैशटैग #Covid19 था, क्योंकि देश महामारी की दूसरी घातक लहर से जूझ रहा था। लोगों ने जानकारी और मदद दोनों के लिए ट्विटर का रुख किया। कई लोगों ने इस मंच के माध्यम से संसाधनों को खोजने, मदद जुटाने और ऑक्सीजन, अस्पताल के बिस्तर और चिकित्सा आपूर्ति के लिए लोगों को जोड़ने के लिए स्वेच्छा से काम किया। टीकाकरण शुरू होने के बाद हैशटैग चलन में रहा, और लोगों ने उनके ट्वीट को टैग करना जारी रखा क्योंकि उन्हें जैब्स मिलना शुरू हो गया था।
दूसरे नंबर पर रहा किसानों का आंदोलन
ट्विटर पर दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला हैशटैग #FarmersProtest था, जो 2020 से 2021 तक जारी रहा। राजनेताओं, मशहूर हस्तियों, नागरिकों और विरोध करने वाले किसानों ने ट्विटर पर समान रूप से साझा किया और विचारों का आदान-प्रदान किया। इससे यह इस वर्ष भारत में सबसे अधिक ट्वीट किए जाने वाले हैशटैग में से एक बन गया।
भारतीय खेल पर भी नेटीजंस ने लुटाया प्यार
यह भारतीय खेल के लिए एक व्यस्त वर्ष था - और ऐसा ही ट्विटर पर खेल समुदाय के लिए भी था, जिसने इस मंच के माध्यम से #TeamIndia को अपनी राय और प्रतिक्रियाएं भेजीं। पुरुषों की क्रिकेट टीम की गाबा में ऐतिहासिक जीत से लेकर ओलंपिक और पैरालंपिक में अभूतपूर्व दौड़ तक, खेल प्रेमियों ने ट्विटर को एक आभासी स्टेडियम में बदल दिया, जिसमें एथलीटों के लिए उनकी जयकार और समर्थन था।
अगला सबसे लोकप्रिय हैशटैग #Tokyo2020 था, ओलंपिक जहां भारत ने सात पदक जीते, उसके बाद #IPL2021 और #IndVEng, इस साल इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में भारत की रोलरकोस्टर सवारी के नेतृत्व में।
प्रधानमंत्री से लेकर रतन टाटा के ट्वीट भी चर्चा में रहा
सरकार में सबसे अधिक रीट्वीट किया गया ट्वीट प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (@narendramodi) का था, जिसमें उन्होंने अपना पहला कोविड -19 वैक्सीन प्राप्त करने की एक तस्वीर साझा की।
टाटा संस की एयर इंडिया की जीत का जश्न मनाते हुए रतन टाटा का (@RNTata2000) ट्वीट व्यापार की दुनिया में सबसे अधिक रीट्वीट किया गया ट्वीट था। इस अक्टूबर में, टाटा समूह ने एयरलाइनों के राज्य के स्वामित्व में होने के 68 वर्षों के बाद एयर इंडिया का वापस स्वागत किया।
तमिल भाषी ट्वीटर पर भी हो जाते हैं भावुक
इस बीच, तमिल अभिनेता विजय (@actorvijay) ने अपनी नई फिल्म, बीस्ट का अनावरण किया, जो 2021 में मनोरंजन में सबसे अधिक रीट्वीट और पसंद किया जाने वाला ट्वीट था। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कहा कि तमिल भाषी ट्विटर पर कुछ सबसे भावुक दर्शकों के लिए बनाते हैं। डिजिटल संपत्ति के बारे में सबसे अधिक ट्वीट किए गए हैशटैग #Bitcoin, #BSC, #Crypto, #NFT और #DeFi थे।
अगले साल बिटकॉइन रहेगा ट्रेडिंग
जैसा कि इस साल सबसे अधिक ट्वीट किए जाने वाले हैशटैग में # बिटकॉइन के प्रवेश से उल्लेख किया गया है। भारत में ट्विटर पर लोग डिजिटल संपत्ति और क्रिप्टोकरेंसी के आसपास बातचीत में बड़े पैमाने पर लगे हुए हैं। #BSC (बिनेंस स्मार्ट चेन) जैसे ब्लॉकचेन नेटवर्क से लेकर #NFT (नॉन-फंगिबल टोकन) जैसी डिजिटल संपत्ति तक, लोग इस साल विकेंद्रीकृत वित्त और कई नई डिजिटल अवधारणाओं के बारे में जानने के इच्छुक थे।
Swing Trading क्या है? | स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?
दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदने और बेचने में इन्वेस्टमेंट करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है अगर नही, तो आइये आज हम आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी लेते है तो जो कैंडिडेट स्विंग ट्रेडिंग बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.
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स्विंग ट्रेडिंग क्या है (What is Swing Trading in Hindi)
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जहाँ पर ट्रेडर्स शेयर्स को खरीदने के कुछ दिन के बाद बेचते हैं मतलब कि एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर्स खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद दाम बढ़ने पर शेयर्स को बेच देते है जिससे उन्हें कुछ न कुछ फायदा हो जाता है.
एक अच्छी स्विंग ट्रेडर की ओप्पोर्चुनिटी को ढूंढने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का और कभी-कभी फंडामेंटल एनालिसिस का भी उपयोग करता है साथ ही चार्ट के माध्यम से मार्केट ट्रेंड और पैटर्न्स का विश्लेषण करता है. स्विंग ट्रेडिंग को मंथली ट्रेडिंग भी कहा जाता है क्योंकि एक महीने के अंदर ही शेयर्स को खरीदना और बेचना होता है स्विंग ट्रेडिंग से महीने का 5% से 10% तक रिटर्न कमाया जा सकता है स्विंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग किया जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?
स्विंग ट्रेडिंग शुरू करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अमाउंट और डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है क्युकी ट्रेडिंग अकाउंट शेयर को खरीदने के लिए और डीमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए जरूरी है.
Swing Trading काम कैसे करती है?
स्विंग ट्रेडर का काम किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड शेयर्स की कीमत में उतार-चढ़ाव ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करना होता है. सिम्पल तौर पर एक स्विंग ट्रेडर उन शेयर्स पर विश्लेषण करता है जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है. अन्य तरह की ट्रेडिंग की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादा रिस्क होता है क्युकी इसमें गैप रिस्क शामिल होता है, अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक से ही बढ़ जाते हैं लेकिन अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन भी देखने को मिलती हैं इस तरह के रिस्क को ओवरनाईट रिस्क’ कहा जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के निम्नलिखित फायदे है-
- स्विंग ट्रेडिंग में शेयर्स को कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए होल्ड करके रखा जाता है इसलिएइंट्राडे की तुलना में लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है.
- स्विंग ट्रेडिंग मेंट्रेडर्स को बाजार के साइडवेज़ होने पर एक अच्छा रिटर्न मिलता है.
- स्विंग ट्रेडिंग जॉब या बिज़नेस करने वाले लोगो के लिए सबसे अच्छा होता हैं.
- स्विंग ट्रेडिंग में छोटे-छोटे रिटर्न्स साल में एक अच्छा क्या है ट्रेंड ट्रेडिंग रिटर्न भी बन जाता है.
- इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग करना आसान होता हैं क्युकी इसमें सिर्फ आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए.
- इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम कुछ होता है.
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के कुछ नुकसान भी है-
- स्विंग ट्रेडिंग में ओवरनाईट और वीकेंड रिस्क भी रहता है.
- स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क भी शामिल होता है
- अगर किसी तरह से मार्केट का अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी देय भी नुकसान हो सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे?
सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस: स्विंग ट्रेडिंग में सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस बहुत जरूरी होता है तो इसीलिये आप भी यही कोशिश यही करना कि सपोर्ट पर ब्रेकआउट के बाद शेयर्स ख़रीदे और रेजिस्टेंस पर ब्रेकडाउन पर बेच दे.
न्यूज़ बेस्ड स्टॉक: एक स्विंग ट्रेडर ऐसे शेयर्स को चुनता है जिसमें बाजार की किसी खबर का असर हो और उस खबर के कारण वह स्टॉक किसी एक दिशा में ब्रेकआउट देने की तैयारी में हो या ब्रेकआउट दे चुका हो, वह खबर बुरी या अच्छी किसी भी प्रकार की हो सकती है खबर अच्छी हुई तो ऊपर की तरफ ब्रेक आउट होगा, नहीं तो नीचे की तरफ ब्रेडडाउन होगा.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निक्स: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको हमेशा हाई Liquidity शेयर्स को चुनना होता है इसके अलावा शेयर में एंट्री और एग्जिट के लिए MACD, ADX और Fast Moving Average का यूज किया जा सकता है.
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आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (swing trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया क्या है ट्रेंड ट्रेडिंग होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
हमारी ये (swing trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.
शेयर मार्केट से कितना अलग है कमोडिटी मार्केट, जानिए कैसे होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?
शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है.
कोरोना महामारी के बाद शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है. इसी साल अगस्त में डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई. हालांकि, शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है. ऐसे में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी की मांग तेजी देखने को मिली है. क्या आपको पता है कि कमोडिटी मार्केट क्या है और यह इक्विटी यानी शेयर मार्केट से कितना अलग है.
कमोडिटी मार्केट क्या है?
कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) यह एक ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स, बेस मेटल्स, एनर्जी, कच्चे तेल जैसी कई कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं.
भारत में दो तरह की कमोडिटीज में ट्रेडिंग होती है…
- एग्री या सॉफ्ट कमोडिटीज में मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च हैं. इसके अलावा सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना भी इसी का हिस्सा हैं.
- नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं.
इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में क्या अंतर है?
- इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल को बेचा और खरीदा जाता है.
- इक्विटी के होल्डर को शेयरहोल्डर कहा जाता है, जबकि कमोडिटी के होल्डर को ऑप्शन कहा जाता है.
- शेयरहोल्डर को पार्शियल कंपनी का मालिक माना जाता है, लेकिन कमोडिटी मालिकों को नहीं.
- इक्विटी शेयरों की समाप्ति तिथि नहीं होती है. जबकि कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है.
- इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य माना जाता है. वहीं कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड का प्रावधान नहीं होता.
भारत में प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए प्रमुख एक्सचेंज हैं. इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के साथ-साथ यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड शामिल हैं.
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग कैसे होती है?
कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होगी. डीमैट अकाउंट आपके सभी ट्रेड और होल्डिंग के सिक्योर करेगा, लेकिन एक्सचेंज पर ऑर्डर देने के लिए आपको ब्रोकर के माध्यम से जाना होगा.