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तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन

तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन
सितंबर में थोक महँगाई दर घट कर 3.74% हो गयी है। अगस्त में थोक महँगाई दर 3.74% रही थी। वहीं जुलाई की थोक महँगाई दर 3.55% से संशोधित होकर 3.72% हो गयी है। हालाँकि महीने दर महीने आधार पर कोर महंगाई दर 0.5% से बढ़ कर 0.7% हो गयी है। खाने-पीने की चीजों की थोक महँगाई दर 8.23% से घट कर 5.75% हो गई है। सब्जियों की महँगाई दर 0.17% से -10.91% हो गयी है। दालों के कीमत भी 34.55% घट कर 23.99% हो गयी है। जिसके कारण थोक महँगाई दर तीन महीने के निचले स्तर पर आ गयी है। हालाँकि ईंधन और बिजली महँगाई दर 1.62% बढ़ कर 5.58% हो गयी है। सितंबर में मैन्युफैक्चर्ड उत्पादन की थोक तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन महंगाई दर 2.42% से मामूली बढ़कर 2.48% हो गयी है। (शेयर मंथन, 15 अक्टूबर 2016)

Retail Inflation : अक्टूबर में महंगाई दर घटकर 6.77 फीसदी हुई, 3 माह में सबसे निचले स्तर पर पहुंची

Updated: November 15, 2022 9:22 AM IST

Retail Inflation Eased To 6.77% In October 2022.

Retail Inflation : अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर तीन महीने के निचले स्तर 6.77 प्रतिशत पर आ गई, जो सितंबर में पांच महीने के उच्च स्तर 7.41 प्रतिशत से कम है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी और साल-दर-साल आधार पर मजबूती के कारण महंगाई बढ़ी हुई थी. सोमवार को यह सरकारी आंकड़ों में बताया गया.

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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ता मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति, या खुदरा मुद्रास्फीति, भारतीय रिजर्व बैंक के इस वर्ष प्रत्येक महीने के लिए 2-6 प्रतिशत लक्ष्य के ऊपरी बैंड से ऊपर है.

बता दें, भारत का केंद्रीय बैंक मुख्य रूप से मौद्रिक नीति तैयार करने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति को देखता है, और कीमतों के दबाव में कोई भी कमी होना आरबीआई के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो उच्च मुद्रास्फीति से लड़ रहा है और अर्थव्यवस्था को एक साथ प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहा है.

आरबीआई ने इस साल अपनी प्रमुख ब्याज दर को चार बार बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत कर दिया है – जो अप्रैल 2019 के बाद सबसे अधिक है.

यह कम कीमत शनिवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के आकलन के अनुरूप पढ़ने का दबाव है कि खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 7 प्रतिशत से नीचे सितंबर में 7.41 प्रतिशत से नीचे आ सकती है.

WPI Inflation : महंगाई के मोर्चे पर राहत भरी खबर, जून में 3 महीने के निचले स्तर पर रही थोक महंगाई, जानिए किन वस्तुओं की कीमतें घटी

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  • जून महीने में 15.18 फीसदी रही थोक महंगाई
  • खनिजों की कीमतों में तेज गिरावट से आई महंगाई में कमी
  • खाद्य वस्तुओं के दामों में अभी भी बनी हुई है तेजी
  • जून 2022 में 14.39 फीसदी रही खाद्य वस्तुओं की महंगाई

नई दिल्ली : महंगाई के मोर्चे पर राहत भरी खबर है। जून महीने में थोक महंगाई (WPI inflation) तीन महीने के निचले स्तर पर रही। गुरुवार को थोक महंगाई के आंकड़े जारी हो गए हैं। खनिजों की कीमतों में तेज गिरावट के चलते थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई में गिरावट आई है। जून महीने में थोक महंगाई 15.18 फीसदी पर तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन रही है। हालांकि, खाद्य वस्तुओं के दामों में तेजी बनी हुई है। थोक मुद्रास्फीति अप्रैल, 2021 से लगातार 15वें महीने 10 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। इससे पिछले महीने थोक मुद्रास्फीति 15.88 के रेकॉर्ड उच्च स्तर पर थी। वहीं, जून 2021 में यह 12.07 फीसदी थी।

खाने की वस्तुओं के दाम नहीं हो रहे कम

आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 14.39 फीसदी रही। मई में यह 12.34 फीसदी थी। डब्ल्यूपीआई बढ़ने की वजह फल, सब्जियों और आलू के दाम में तेजी से हुई बढ़ोतरी है। इसी तरह जून महीने में सब्जियों की मूल्यवृद्धि 56.75 फीसदी पर पहुंच गई। आलू के दाम जून में 39.38 फीसदी और फलों के 20.33 फीसदी बढ़े।

जानिए किस क्षेत्र में कितनी रही महंगाई

जून महीने में ईंधन और ऊर्जा सेगमेंट में मुद्रास्फीति 40.38 फीसदी रही। विनिर्मित वस्तुओं और तिलहन की मुद्रास्फीति 9.19 फीसदी रही। इसके अलावा कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की महंगाई 77.29 फीसदी रही।
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इस महीने और घटेगी थोक महंगाई

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून में खनिज और मूल धातु के दाम में मासिक आधार पर तीव्र सुधार हुआ है। इसका कारण वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका बढ़ना तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन और कमोडिटीज के दाम में नरमी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि जुलाई 2022 में थोक मुद्रास्फीति कम होकर 13 फीसदी तक आ जाएगी। यह वैश्विक स्तर पर कमोडिटीज और ईंधन की कीमतों तथा घरेलू स्तर पर खाद्य वस्तुओं के दामों में कमी के चलते होगा।’’

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