ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश

Updated Fri, 12 Nov 2021 12:02 AM IST
बाजार में गिरावट थामेगा सेबी!
शेयर बाजार में अचानक चौतरफा बिकवाली से भौचक बाजार नियामक उतार-चढ़ाव को रोकने के उपाय तैयार कर रहा है। कोरोनावायरस के प्रसार से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का रुख बना हुआ है। मामले के जानकार लोगों ने बताया कि बाजार नियामक ने शॉर्ट सेलिंग पर रोक, आपूर्ति आधारित ट्रेडिंग की अनिवार्यता और ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले शेयरों के लिए अतिरिक्त निगरानी प्रणाली जैसे कुछ उपाय किए गए हैं।
अगर बाजार में गिरावट बनी रहती है तो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इनमें से कुछ उपायों की घोषणा कर सकता है ताकि अटकलों पर रोक और गिरावट पर लगाम लग सके। सूत्रों ने कहा कि पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय ने बाजार नियामक की खिंचाई करते हुए बाजार में आ रही तेज गिरावट को थामने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया था।
बीते शुक्रवार को निफ्टी 10 फीसदी तक फिसल गया, जिसकी वजह से 2008 के बाद पहली बार कारोबार रोकना पड़ा। दोबारा कारोबार शुरू होने के बाद निफ्टी ने शानदार वापसी की और निचले स्तर से 16 फीसदी की बढ़त पर बंद हुआ। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा प्रोत्साहनों की घोषणा से बाजार में सुधार हुआ और कोरोना संकट से हुए नुकसान की भरपाई करने में बाजार सफल रहा। अगर भारत शॉर्ट सेलिंग पर रोक लगाने के उपाय करता है तो वह दक्षिण कोरिया, स्पेन और इटली जैसे देशों में शामिल हो जाएगा, जिसने बाजार में स्थिरता लाने के लिए इस पर रोक लगाई है। शॉर्ट सेलिंग ट्रेडिंग रणनीति होती है जिसमें शेयर भाव में गिरावट पर दांव लगाया जाता है। इसमें ट्रेडर्स शॉर्ट करने के लिए शेयर उधार लेता है या फिर डेरिवेटिव बाजार का इस्तेमाल करता है जो उक्त शेयर के नहीं रहने पर भी शॉर्ट सेलिंग की इजाजत देता है।
एक्सचेंज के एक अधिकारी ने कहा, 'अन्य देशों ने बाजार में गिरावट को थामने के लिए उपायों की घोषणा की है, ऐसे में सेबी पर भी दबाव बना हुआ है। घरेलू बाजार के ढांचे के आधार पर सेबी ऐसे उपायों को अपना सकता है जिससे निवेशकों के बीच घबराहट न बढ़े।'
हालांकि कुछ का कहना है कि ऐसे उपायों से बाजार का भला होने से ज्यादा नुकसान होने का जोखिम है। उद्योग के एक विशेषज्ञ ने कहा, 'शॉर्ट सेलिंग पर पाबंदी एकदम विषम परिस्थिति में करना चाहिए। इसका लाभ अल्पावधि में होता है और बाजार में व्यापक तौर पर लाभ नहीं होता है।'
विशेषज्ञों ने कहा कि शार्ट सेलिंग पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की जगह सेबी डेरिवेटिव्स खंड में शॉर्ट करने पर रोक लगा सकता है। इसका ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश मतलब है कि निवेशकों को केवल अपने नकद पोजिशन को हेज करने के लिए शॉर्ट करने की अनुमति होगी। पार्टिसिपेटरी नोट के जरिये निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों के लिए भी इस तरह के उपाय किए जा सकते हैं।
सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों से ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले कारोबार (एचएफटी) और अल्गोरिद्मिक पर निगरानी बढ़ाने को कहा है। कई लोगों का मानना है कि शुक्रवार को आई 10 फीसदी की गिरावट अल्गो और एचएफटी की वजह से आई है क्योंकि काफी कम वॉल्यूम के बावजूद शेयर भाव में तेज गिरावट दर्ज की गई थी।
वित्त मंत्रालय ने सेबी को वित्तीय बाजार से जुड़ी सभी घटनाओं के बारे में नियमित जानकारी देने तथा बाजार में उतार-चढ़ाव को काबू में करने के उपाय करने को कहा है। इस बारे में पक्ष जानने के लिए सेबी कोई ईमेल किया गया किया उसका जवाब नहीं आया।
स्टॉक लिमिट की रिपोर्ट्स से चीनी की कीमतों में आई नरमी
[ जयश्री भोसले | पुणे ]हाजिर और वायदा बाजार में बुधवार को चीनी की कीमतों में गिरावट आई। शुगर प्राइसेज में यह कमजोरी उन रिपोर्ट्स से आई है, ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश जिनमें .
[ जयश्री भोसले | पुणे ]
हाजिर और वायदा बाजार में बुधवार को चीनी की कीमतों में गिरावट आई। शुगर प्राइसेज में यह कमजोरी उन रिपोर्ट्स से आई है, जिनमें कहा गया कि केंद्र सरकार ने बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए राज्यों को इस कमोडिटी पर स्टॉक लिमिट लगाने का निर्देश दिया है। पिछले दो दिनों में चीनी की होलसेल कीमतों में करीब 3 फीसदी की तेजी आई थी, लेकिन बुधवार को इसके दाम सोमवार सुबह के स्तर पर पहुंच गए।
बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक जैन का कहना है, 'अगर सरकार स्टॉक लिमिट लगाती है तो शॉर्ट टर्म में चीनी की कीमतों में दबाव देखने को मिलेगा।' ट्रेडर्स का मानना है कि लॉन्ग टर्म में दालों की कीमतों की तरह शुगर प्राइसेज में मजबूती का रुख बना रहेगा। कुछ ट्रेडर्स का कहना है कि अगर सरकार चीनी की कीमतों में नियंत्रण चाहती है तो इसे मिलों की तरफ से की जाने वाली ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश शुगर सेल को कंट्रोल करना चाहिए। एक ट्रेडर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'चीनी मिलें आने वाले समय में दाम बढ़ने की उम्मीद में स्टॉक होल्डिंग कर रही हैं। बेहतर सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार को शुगर की मिल-स्तर पर होने वाली सेल को कंट्रोल करना चाहिए।' स्टॉक लिमिट्स की खबर आने के बाद नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) में बुधवार को चीनी के मई वायदा पर 4 फीसदी का लोअर सर्किट लगा और इसके दाम 3,385 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए। मंगलवार को मई वायदा 3,526 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर बंद हुआ था। जियोफिन कॉमट्रेड की रिसर्च एनालिस्ट पल्लवी मुन्नाकर का कहना है, 'नोटिफिकेशन आने के बाद चीनी की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।' ICRA की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले नौ महीने में चीनी की कीमतों में 37 फीसदी का उछाल आया है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'जुलाई 2015 में चीनी की कीमतों के तीन साल के निचले स्तर 23,000 रुपये/एमटी तक पहुंचने के बाद अगस्त 2015 से इसमें तेजी का रुझान बना है। स्टॉक क्लीयरेंस, एक्सपोर्ट्स और महाराष्ट्र में गन्ने का प्रॉडक्शन कमजोर रहने के कारण चीनी के दाम में तेजी आई है।'
हाथरस : डीएपी की कालाबाजारी में उर्वरक विक्रेता ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज
अलीगढ़ ब्यूरो
Updated Fri, 12 Nov 2021 12:02 AM IST
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हाथरस
जिले में डीएपी खाद की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग की ओर से कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ छापामार कार्रवाई की जा रही है। एक उर्वरक विक्रेता के खिलाफ डीएपी की कालाबाजारी करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह ने मैसर्स शुभम ट्रेडर्स मानिकपुर (सहपऊ) की दुकान पर छापा मारा। इस दौरान डीएपी उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग और भौतिक सत्यापन के समय स्टॉक में अंतर पाया गया। डीएओ ने फर्म स्वामी सुधीर कुमार जैन, निवासी जलेसर रोड मानिकपुर के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियिम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत कोतवाली सहपऊ में एफआईआर दर्ज कराई है। इस दुकान की जांच उपजिलाधिकारी सादाबाद द्वारा भी की गई।
विक्रेताओं को सचेत किया गया है कि उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग करने पर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला कृषि अधिकारी ने सभी विक्रेताओं को दैनिक रूप से स्टॉक बोर्ड ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश पर उर्वरक उपलब्धता एवं उर्वरक की दर अंकित कर स्टॉक एवं बिक्री पंजिका, किसानों को बिक्री किए गए उर्वरक से संबंधित कृषकों के आधार एवं खतौनी अभिलेख अपने पास सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। किसानों से कहा है कि आलू की फसल के लिए डीएपी का उपयोग 14 किग्रा प्रति बीघा एवं एनपीके का उपयोग 20 किग्रा प्रति बीघा के हिसाब से ही करें। संवाद
जिले में डीएपी खाद की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग की ओर से कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ छापामार कार्रवाई की जा रही है। एक उर्वरक विक्रेता के खिलाफ डीएपी की कालाबाजारी करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह ने मैसर्स शुभम ट्रेडर्स मानिकपुर (सहपऊ) की दुकान पर छापा मारा। इस दौरान डीएपी उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग और भौतिक सत्यापन के समय स्टॉक में अंतर पाया गया। डीएओ ने फर्म स्वामी सुधीर कुमार जैन, निवासी जलेसर रोड मानिकपुर के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियिम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत कोतवाली सहपऊ में एफआईआर दर्ज कराई है। इस दुकान की जांच उपजिलाधिकारी सादाबाद द्वारा भी की गई।
विक्रेताओं को सचेत किया गया है कि उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग करने पर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला कृषि अधिकारी ने सभी विक्रेताओं को दैनिक रूप से स्टॉक बोर्ड पर उर्वरक उपलब्धता एवं उर्वरक की दर अंकित कर स्टॉक एवं बिक्री पंजिका, किसानों को बिक्री किए गए उर्वरक से संबंधित कृषकों के आधार एवं खतौनी अभिलेख अपने पास सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। किसानों से कहा है कि आलू की फसल के लिए डीएपी का उपयोग 14 किग्रा प्रति बीघा एवं एनपीके का उपयोग 20 किग्रा प्रति बीघा के हिसाब से ही करें। संवाद
सब्जियों की बढ़ी कीमत, मुख्यमंत्री नाराज
कोलकाता : सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री ने नवान्न में टास्क फोर्स की बैठक कर तुरंत कीमतों पर लगाम लगाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में बिचौलियों और जमाखोर अगर इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. नवान्न में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कृषि विपणन, कृषि, पंचायत, ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश मत्स्य, पुलिस, एसटीएफ, सीआइडी व ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
बैठक के बाद सुश्री बनर्जी ने स्वीकार किया कि चक्रवाती तूफान बुलबुल के कारण सब्जियों की कीमत बढ़ने लगी है. कुछ समाज विरोधी लोग किसान से सब्जी खरीद रहे हैं ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश और उन्हें चार गुना अधिक कीमत पर बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि चक्रवात में कुछ सब्जियां नष्ट हो गयी हैं. प्याज की किल्लत है. केंद्र सरकार बाहर से प्याज आयात कर रही है. राज्य सरकार का नाफेड के साथ समझौता हुआ था. इसमें 25 रुपये की दर से प्याज बिक्री की बात हुई थी, लेकिन वह समझौता उल्लंघन कर रहा है.
सुफल बांग्ला से प्याज प्रति किलोग्राम 59 रुपये की दर से बेची जा रही है. सुफल से प्याज की बिक्री और बढ़ायी जायेगी. उन्होंने कहा कि आलू किसान 13 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम बेच रहे ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश हैं. कई लोग ज्यादा दाम ले हैं. रिटेल मार्केट पर पुलिस नजर रखेेंगे. प्रवर्तन निदेशालय व पुलिस को नजरदारी ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि सात-आठ दिनों में स्थिति स्वाभाविक हो जायेगी. स्टॉक में 14 लाख मीट्रिक टन आलू है. तीन लाख मीट्रिक टन बीज के लिए इस्तेमाल होगा. बाकी 11 लाख टन को बेचा जायेगा. दो माह तक कोई समस्या नहीं होगी.
कोलकाता. बुलबुल चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार आगे आये. इस बाबत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगायी है. उन्होंने कहा कि केंद्र के आर्थिक पक्षपात के कारण चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद करने में राज्य सरकार को दिक्कत आ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय कर वसूली में कमी के कारण राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है.
चालू वित्त वर्ष के अक्टूबर महीने में इस मद में 640 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा केंद्र सरकार के पास राज्य का 17 हजार करोड़ रुपये बकाया है. इस आर्थिक दिक्कत के कारण चक्रवात से प्रभावित लोगों लोगों की मदद करने में राज्य सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके वह उम्मीद करती हैं कि इस मद में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रतिनिधि दल को वह स्थिति की समीक्षा करने के लिए आमंत्रित कर रही हैं. इस चक्रवात में राज्य के 15 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसल बर्बाद हुई है. लिहाजा लोगों के राहत कार्य को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं हो, इसकी वह सभी से अपील कर रही हैं.
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