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Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख
क्या बैन हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी

किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिलेगा! सरकार ने साफ किया

Cryptocurrency: सरकार ने यह साफ किया है कि किसी भी तरह से देश में बिटकॉइन (bitcoin) किसी क्रिप्टोकरेंसी को वैध मुद्रा (legal tenders) नहीं दिया जाएगा. सरकार इनको रेगुलेट करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक बिल लेकर आने वाली है.

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार के सामने कई चिंताएं (फाइल फोटो)

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली ,
  • 26 नवंबर 2021,
  • (अपडेटेड 26 नवंबर 2021, 7:01 PM IST)
  • क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम को लेकर चर्चा
  • सरकार लाने वाली है इस पर बिल

Cryptocurrency: केंद्र सरकार ने यह साफ किया है कि किसी भी तरह से देश में बिटकॉइन (bitcoin) जैसी किसी क्रिप्टोकरेंसी को वैध मुद्रा (legal tenders) नहीं दिया जाएगा. यह देश में क्रिप्टोकरेंसी के चलने को Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख सामान्य बनाने के समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका है.

हालांकि यह संसद में बिल आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि इनमें निवेश पर रोक लगेगी या नहीं. केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (T V Somanathan) ने गुरुवार को कहा, 'फिलहाल मैं केवल यह कह सकता हूं कि क्रिप्टोकरेंसी Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख को वैध मुद्रा (legal tenders) का दर्जा नहीं दिया जाने वाला. सोना और चांदी को भी वैध मुद्रा का दर्जा हासिल नहीं है. बाकी अन्य चीजें बिल से तय होंगी.'

सरकार लाने वाली है बिल

गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देश में तमाम चर्चाएं चल रही हैं. सरकार इनको रेगुलेट करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक बिल लेकर आने वाली है. वित्त मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले ही इस बारे में एक कैबिनेट नोट को अंतिम रूप देकर इस पर और चर्चा के लिए संबंध‍ित विभागों को भेजा है.

सूत्रों के अनुसार, इस कैबिनेट नोट में इस बात का ध्यान रखा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी किस तरह से बदनाम हैं और गैरकानूनी गतिविध‍ियों में लगे लोग किस तरह से इनका दुरुपयोग कर सकते हैं.

कुछ वरिष्ठ सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में 13 नवंबर को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक को क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में आने वाले बिल के लिए एक अहम कदम माना जा सकता है. इस बैठक में ही क्रिप्टाकरेंसीज पर सरकार का रुख साफ हो गया. इस Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख बारे में सबसे अहम जानकारी रिजर्व बैंक की तरफ से आई.

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुई इस मीटिंग के बाद सरकार ने कहा था कि इस बारे में सभी पक्षों और विशेषज्ञों से चर्चा हो रही है. सरकार का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में लुभावने वादे करने वाले अपारदर्शी विज्ञापन रोके जाने चाहिए. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्ट‍ि की है कि इस बैठक के लिए रिजर्व बैंक ने अपनी राय एक विस्तृत रिपोर्ट के रूप में सौंपी थी.

क्या है रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में

सूत्रों के अनुसार, सरकार को दी गई रिजर्व बैंक की इस रिपोर्ट में Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख साफतौर पर इस बात पर जोर दिया गया है कि क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में जानकारी बहुत कम है और इनसे रुपये की मौद्रिक संप्रभुता, मौद्रिक स्थ‍िरता Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख को खतरा हो सकता है.'

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसीज से पूंजी और निवेश देश से बाहर चला जाएगा, इससे भारतीय रुपये में लेनदेन कम होगा और रिजर्व बैंक की कमाई पर चोट पड़ेगी. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अध‍िकारी ने बताया कि सरकार और रिजर्व बैंक को यह भी चिंता है कि इससे अमेरिकी डॉलर की पहुंच बढ़ेगी.

रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि बिना किसी अंडरलाइंग वैल्यू वाली वर्चुअल करेंसी में काफी उतार-चढ़ाव हो सकता है और ये मुद्रा आपूर्ति तथा महंगाई नियंत्रण में अवरोध पैदा कर सकते हैं.

Government On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बढ़ावा देने की योजना नहीं, जानें डिजिटल मुद्रा पर क्या है सरकार का रुख

Government Stand On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी

दुनिया भर में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वहीं कुछ देशों में इसको लेकर अभी माहौल गर्माया हुआ है। भारत भी इन देशों में शामिल है। क्रिप्टो के अनियमित बाजार में निवेशकों की सुरक्षा और डिजिटल करेंसी के विनियमन के मद्देनजर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिया जवाब
भारत में क्रिप्टो करेंसी विनियमन बिल की बहुप्रतीक्षित शुरुआत से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।

क्रिप्टो का डाटा एकत्र नहीं करती सरकार
क्रिप्टोकरेंसी कितनी भरोसेमंद है और क्या सरकार के लिए बाजार को विनियमित करना संभव है, इस प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं। सरकार इस क्षेत्र पर डाटा एकत्र नहीं करती है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के विनियमन पर एक विधेयक को लोकसभा बुलेटिन- भाग II में पेश करने के लिए शामिल किया गया है, Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख जो कि सत्रहवीं लोकसभा, 2021 के सातवें सत्र के दौरान उठाए जाने की उम्मीद है।

सावधानी से मूल्यांकन करना जरूरी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अनियमित होने के साथ ही जोखिम भरा भी है। सरकार के लिए सबसे अहम निवेशकों की सुरक्षा है और इसी को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र से जुड़े बहुत से जोखिम हैं जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।

रिजर्व बैंक की यह है तैयारी
गौरतलब है कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सरकार की ओर से संसद में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किए जाने की उम्मीद है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पेश करने की भी योजना बना रहा है। इसको लेकर आरबीआई की ओर से केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।

विस्तार

दुनिया भर में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वहीं कुछ देशों में इसको लेकर अभी माहौल गर्माया हुआ है। भारत भी इन देशों में शामिल है। क्रिप्टो के अनियमित बाजार में निवेशकों की सुरक्षा और डिजिटल करेंसी के विनियमन के मद्देनजर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिया जवाब
भारत में क्रिप्टो करेंसी विनियमन बिल की बहुप्रतीक्षित शुरुआत से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।

क्रिप्टो का डाटा एकत्र नहीं करती सरकार
क्रिप्टोकरेंसी कितनी भरोसेमंद है और क्या सरकार के लिए बाजार को विनियमित करना संभव है, इस प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं। सरकार इस क्षेत्र पर डाटा एकत्र नहीं करती है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के विनियमन पर एक विधेयक को लोकसभा बुलेटिन- भाग II में पेश करने के लिए शामिल किया गया है, जो कि सत्रहवीं लोकसभा, 2021 के सातवें सत्र के दौरान उठाए जाने की उम्मीद है।

सावधानी से मूल्यांकन करना जरूरी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अनियमित होने के साथ ही जोखिम भरा भी है। सरकार के लिए सबसे अहम निवेशकों की सुरक्षा है और इसी को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र से जुड़े बहुत से जोखिम हैं जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।


रिजर्व बैंक की यह है तैयारी
गौरतलब है कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख बाद सरकार की ओर से संसद में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किए जाने की उम्मीद है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पेश करने की भी योजना बना रहा है। इसको लेकर आरबीआई की ओर से केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।

Cryptocurrency News: आरबीआई की डिजिटल करेंसी आते ही क्या बैन हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी? जानिए क्या कह रहे डिप्टी गवर्नर

Cryptocurrency News: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर (T Ravi Shankar) ने कहा है कि जल्द पेश की जाने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (CBDC) से निजी डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन (Bitcoin) को लेकर जो थोड़ा बहुत भी मामला बनता है, वह ‘समाप्त’ हो जाएगा। इससे पहले वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने इसी सप्ताह कहा कि वह निजी क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द परामर्श पत्र लेकर आएगा।

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क्या बैन हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी

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Government On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को भारत में मिलेगा बढ़ावा! जानिए डिजिटल करेंसी पर क्या है सरकार की योजना

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नई दिल्ली। देश-दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों का क्रेज काफी बढ़ता जा रहा है। हालांकि बाजार में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। दुनियाभर के में जहां क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस करेंसी को लेकर भारत में माहौल गर्माया हुआ है। क्रिप्टो जैसे अनियमित बाजार में लगातार बढ़ते निवेश और निवेशकों की सुरक्षा को देखते हुए विनियमन को लेकर फैसला किया गया है। कहा जा रहा है कि इसे लेकर जल्द ही सरकार संसद में भी बिल पेश कर सकती है। हालांकि सरकार ने पहले ही क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। दरअसल शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने संसद में यह ऐलान कर दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को भारत में बढ़ावा देने की किसी तरह की कोई योजना नहीं है।

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वित्त राज्य मंत्री का जवाब

शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने संसद में साफ तौर पर कहा है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को किसी तरह का कोई बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, और न ही सरकार इस तरह की कोई योजना बना रही है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह भी कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल भी पेश कर दिया जाएगा। इसके साथ यह बात भी साफ हो गई है कि भारत में क्रिप्टो करेंसी को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किसी तरह की कोई योजना नहीं बनाई जा रही है।

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सावधानी से हो मूल्यांकन

इस मामले में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी लोकसभा में एक प्रश्न का लिखित में उत्तर दिया है। जिसमें उन्होंने साफ कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अनियमित है, इसके साथ ही इस क्षेत्र में निवेशकों के लिए जोखिम भरा हुआ है। सरकार के लिए भी सबसे अहम है कि निवेशकों की सुरक्षा हो और इसी को लेकर हम आगे की तैयारी कर रह हैं।

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रिजर्व बैंक की तैयारी

कहा जा रहा है कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद भारत सरकार संसद में क्रिप्टोकरेंसी का बिल पेश कर सकती है। इसी बीच आरबीआई ने भी अपनी डिजिटल करेंसी पेश करने की योजना बना ली है। गौरतबल है कि आरबीआई की ओर से पेश की जा रही डिजिटल करेंसी का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा जा चुका है।

क्रिप्टोकरंसी को लेकर SC ने केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण, कहा सरकार बताये कारोबार वैध है या नहीं

आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से अर्जित लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव है, वहीं ट्रांजेक्शन पर टीडीएस का भी प्रस्ताव है.

क्रिप्टोकरंसी को लेकर SC ने केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण, कहा सरकार बताये कारोबार वैध है या नहीं

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Feb 25, 2022 | 10:41 PM

उच्चतम न्यायालय (SC) ने शुक्रवार को केंद्र Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख सरकार से इस बारे में अपना रुख साफ करने को कहा कि बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) का कारोबार करना भारत में वैध है या नहीं. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने बिटकॉइन में कारोबार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार एक हलफनामा देकर यह बताए कि बिटकॉइन (Bitcoin) या किसी भी अन्य क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार भारत में वैध है या नहीं. इसके अलावा बिटक्वाइन कारोबार से जुड़े नियमों के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है. इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वह क्रिप्टोकरेंसी कारोबार की वैधता पर एक हलफनामा दायर करेंगी.

बिटक्वाइन से जुड़े मामले में मांगी सफाई

यह मामला अजय भारद्वाज और कुछ अन्य पर निवेशकों को ज्यादा रिटर्न का लालच देकर बिटकॉइन में कारोबार में संलिप्त करने से जुड़ा हुआ है. आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को निरस्त करने का आग्रह किया हुआ है. सरकार की तरफ से पेश हुईं ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि देश भर में आरोपी के खिलाफ 47 प्राथमिकी दर्ज हैं लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. इनमें 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के 87,000 बिटकॉइन के कारोबार के आरोप लगे हैं. इस पर पीठ ने याची को प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसे दो दिनों के भीतर जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा. इस बारे में चार हफ्ते बाद स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा. हालांकि न्यायालय ने आरोपी भारद्वाज को हिरासत में लेने पर लगाई गई रोक अगली सुनवाई तक बरकरार रखी है.

क्या है सरकार का पक्ष

हाल ही में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा था कि Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख देश में चल रही निजी क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है और भविष्य में इसकी वैधानिक स्थिति के बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता. कराड ने इस मामले पर संवाददाताओं से पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि भारत में (निजी) क्रिप्टोकरेंसी को रिजर्व बैंक या सरकार की ओर से कोई मान्यता नहीं दी गई है. क्रिप्टोकरेंसी देश में फिलहाल वैध नहीं है. उन्होने कहा कि वह अभी नहीं बता सकते कि भविष्य में निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैध किया जाएगा या नहीं? उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा कराड ने कहा,‘‘ऐसी खबरें हैं कि कुछ लोगों ने (निजी) क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. लिहाजा क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से अर्जित लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव हाल ही में पेश आम बजट में किया गया है’’

क्रिप्टो पर लगाया गया ऊंचा टैक्स

बजट में ही सरकार ने डिजिटल एसेट्स जिसमें क्रिप्टो करंसी और एनएफटी शामिल है से होने वाली आय पर ऊंचा टैक्स लगाया है. इसके साथ हर लेनदेन पर टीडीएस का भी प्रावधान है. बजट के बाद इस फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि टैक्स क्रिप्टो पर नहीं बल्कि डिजिटल एसेट्स की वैघ मुद्राओं Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख में खरीद बिक्री पर लगाया जा रहा है. वहीं टीडीएस इसलिये लगाया जा रहा है जिसे क्रिप्टों में लेन देन को रिकॉर्ड में लाया जा सके.

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