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कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए

कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए
Commission approves acquisition of 100% of the equity share capital of https://t.co/X3WJSGTZO8 (BillDesk) by PayU Payments pic.twitter.com/nOz35P53KM — CCI (@CCI_India) September 5, 2022

भारत की पहली यूजर नहीं देंगी ब्लू टिक के लिए पैसे !

ट्विटर पर ब्लू टिक के साथ सत्यापित स्थिति प्राप्त करने के लिए 8 डॉलर के शुल्क पर चल रहे विवाद के बीच माइक्रोब्लॉगिंग साइट की भारत की संभावित पहली उपयोगकर्ता ने कहा कि उसने अभी तक यह तय नहीं किया है कि सत्यापन के लिए भुगतान करना है या नहीं।

ट्विटर के मुख्य कार्याधिकारी ईलॉन मस्क ने कंपनी को जल्द से जल्द एक लाभदायक कंपनी में बदलने की अपनी योजना के तहत पे-फॉर-वेरिफिकेशन फीचर की घोषणा की। कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आईओएस उपयोगकर्ताओं के लिए शनिवार को 7.99 डॉलर में ब्लू टिक पाने का सब्सक्रिप्शन लॉन्च किया गया। ब्लू टिक की कीमत मशहूर हस्तियों और पहले से सत्यापित स्थिति वाले अन्य कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए उपयोगकर्ताओं के लिए समान होगी।

जैसलमेर से बाहर की एक उद्यमी नैना रेधू 2006 में एक नए प्लेटफॉर्म में शामिल होने के लिए ‘टीडब्ल्यूटीटीआर’ नामक एक आमंत्रण ईमेल प्राप्त करने के बाद ट्विटर पर शामिल हुई थी। रेधू ने इसमें शामिल होने का फैसला किया, क्योंकि वह इंटरनेट की संभावनाओं से प्रभावित थीं और उनके पास एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन भी था। रेधू का एक सत्यापित ट्विटर अकाउंट है।

मस्क ने ‘किसी ऐसे व्यक्ति के लिए नाम के नीचे एक द्वितीयक टैग की भी घोषणा की है, जो एक सार्वजनिक व्यक्ति है। राजनेताओं के लिए द्वितीयक टैग पहले से ही है।’ उन्होंने कुछ ट्विटर उपयोगकर्ताओं की ‘ब्लू टिक’ स्थिति के बारे में चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इसकी घोषणा की।

रेधू ने कहा, ‘मुझे इस बारे में कुछ और स्पष्टता की जरूरत है कि ब्लू टिक का क्या होने वाला है। मैंने मस्क का एक ट्वीट पढ़ा है कि सार्वजनिक हस्तियों के लिए एक द्वितीयक टैग होगा। मुझे नहीं पता कि वह द्वितीयक टैग कैसा दिखेगा। इन बिंदुओं पर जवाब मिलने के बाद मैं अपना निर्णय लूंगी।’

ट्विटर ब्लू टिक सब्सक्रिप्शन लेने वाले उपयोगकर्ताओं को कई अन्य फीचर भी देगा। इसमें कम विज्ञापन दिखाना, लंबी अवधि के वीडियो पोस्ट करने की क्षमता और उच्च गुणवत्ता पूर्ण समाग्री में वरीयता प्रदान करना शामिल है। अमेरिकी तकनीक समाचार वेबसाइट द वर्ज के मुताबिक मस्क पहले से उन सत्यापित अकाउंट के ब्लू टिक हटाने पर विचार कर रहे हैं जो नई सेवा के लिए भुगतान नहीं करेंगे।

CCI ने देश की दूसरी सबसे बड़ी इंटरनेट डील को दी मंजूरी, BillDesk का 4.7 अरब डॉलर में अधिग्रहण करेगी PayU

PayU ने करीब एक साल पहले 31 अगस्त 2021 को बिलडेस्क का 4.7 अरब डॉलर में अधिग्रहण का ऐलान किया था और अभी इसे RBI से अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है

हफ्तों की देरी और अतिरिक्त सवालों पर जबाव मंगाने के बाद कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पेमेंट गेटवे बिलडेस्क (BillDesk) के 4.7 अरब डॉलर में Naspers के स्वामित्व वाली PayU के हाथों अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। CCI ने सोमवार को एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी। फिलहाल इस मामले में CCI की तरफ से विस्तृत आदेश आने का इंतजार है।

साल 2018 में वॉलमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण किए जाने के बाद भारत के इंटरनेट सेक्टर की दूसरी सबसे बड़ी डील है। लंबे समय से इस डील को CCI की तरफ से मंजूरी मिलने का इंतजार था। कई स्रोतों के मुताबिक CCI ने डील को मंजूरी देने से पहले इस मामले PayU और बिलडेस्क की प्रतिद्वंदी कंपनियों से भी उनकी सलाह लेने के लिए संपर्क किया था।

इन दोनों कंपनियां का भारत में रेजरपे, पाइन लैब्स, पेटीएम, इंफीबीम एवेन्यू, एमस्वाइप आदि से मुकाबला है। हालांकि अभी इस डील को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से एक अंतिम रेगुलेटरी मंजूरी मिलने का इंतजार है।

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कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के ट्वीट को आप नीचे देख सकते हैं-

Commission approves acquisition of 100% of the equity share capital of https://t.co/X3WJSGTZO8 (BillDesk) by PayU Payments pic.twitter.com/nOz35P53KM

— CCI (@CCI_India) September 5, 2022

बिलडेस्ट को साल 2000 में एमएन श्रीनिवासु, अजय कौशल और कार्तिक गणपति ने मिलकर शुरू किया। इस कंपनी का फोकस पेमेंट को शुरू करने, स्वीकार करने और कलेक्शन पर है। एक पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर बिलडेस्क 170 से अधिक पेमेंट तरीके ऑफर करती है। साथ ही यह भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के जरिए बिलर नेटवर्क सॉल्यूशन भी मुहैया कराती है। कंपनी मासिक किस्त जैसे रिकरिंग पेमेंट के कलेक्शन भी ऑफर करती है।

PayU ने करीब एक साल पहले 31 अगस्त 2021 को बिलडेस्क का 4.7 अरब डॉलर में अधिग्रहण का ऐलान किया था। तब से इस डील को नियामकीय मंजूरी मिलने का इंतजार है। इस डील के पूरा होने के साथ ही यह PayU का भारत में चौथा अधिग्रहण होगा। इससे पहले कंपनी साल 2016 में सिट्रस पे (Citrus Pay), 2019 में बिम्बो (Wibmo)और 2020 में पेसेन्स (PaySense) का अधिग्रहण कर चुकी है और यह भारत में एक पूरा फिनेटक ईकोसिस्टम खड़ा करने की कोशिश कर रही है।

Nomad से 16 अरब चुराने के बाद हैकर्स ने इस क्रिप्टो कंपनी पर बोला धावा, कैसे बचाएं अपनी क्रिप्टोकरंसी?

Nomad से 16 अरब चुराने के बाद हैकर्स ने इस क्रिप्टो कंपनी पर बोला धावा, कैसे बचाएं अपनी क्रिप्टोकरंसी?

क्रिप्टो मार्केट (crypto market) की हालत कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए पहले ही खराब है. निवेशकों के पैसे डूब रहे हैं. कईयों ने तो अपनी जिंदगीभर की कमाई मिनटों में खो दी. क्योंकि मार्केट की सुई लाल निशान पर एकटक अटकी है. ऐसे में हैकर्स अपनी हरकतों से जले पर नमक छीड़कने का काम रहे हैं. वे क्रिप्टो एक्सचेंजों (crpto exchange) को साइबर अटैक (cyber attack) के जरिए निशाना बनाकर चोरी कर रहे हैं. उनका ताजा शिकार सोलाना (Solana) है. हैकर्स ने इस एक्सचेंज से करीब 60 करोड़ रुपये से अधिक चुराए हैं. इससे पहले हैकर्स ने Nomad क्रिप्टो ब्रिज पर धावा बोलते हुए करीब 16 अरब रुपये की भारी-भरकम रकम चुराई थी.

Nomad से भी पहले हैकर्स ने अमेरिकी क्रिप्टो फर्म Harmony से लगभग 100 मिलियन डॉलर (करीब 782 करोड़ रुपये) वैल्यू के डिजिटल कॉइन चुराए थे.

मार्च में, हैकर्स ने Ronin Bridge से लगभग 615 मिलियन डॉलर वैल्यू की क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) चुराई थी. जिसका उपयोग गेम Axie Infinity के ट्रांसफर करने के लिए किया गया था. अमेरिका ने उत्तर कोरियाई हैकर्स पर चोरी का इल्जाम डाला था.

क्रिप्टों एक्सचेंजों से चुराई गई कुल राशि के आंकड़े पर गौर करें तो यह 1 बिलियन डॉलर से अधिक है.

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Solana ने कहा कि हैकर्स ने करीब 8000 वॉलेट्स को अपना निशाना बनाया है. इन कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए वॉलेट्स से करीब 8 मिलियन (63 करोड़ रुपये) चुराए गए हैं. हालांकि, हैकर्स ने इस चोरी को कैसे अंजाम दिया, अभी तक इसका पता नहीं लग पाया है. कंपनी ने कहा कि इंजीनियर इस चोरी के मूल कारण का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं.

Solana दुनियाभर में टोकन मार्केट कैप के हिसाब से नौवीं सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी फर्म है. CoinSwitch के CRE8 इंडेक्स के अनुसार, यह पिछले 28 दिनों में भारत में कारोबार करने वाला छठा सबसे बड़ा टोकन रहा है. यह पिछले वर्ष के दौरान टोकन और इसके ब्लॉकचेन के साथ देखे गए 10 से अधिक नेटवर्क कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए आउटेज के बावजूद है.

लेकिन, इस साल की शुरुआत से टोकन की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. 2022 की शुरुआत में यह लगभग 175 डॉलर पर कारोबार कर रहा था. लेकिन, इसके बाद से क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें 77% गिर गई है. इस बीच, बिटकॉइन में सुधार देखने को मिला. यह 23,320 डॉलर (स्टोरी लिखे जाने तक) पर कारोबार कर रहा है.

कैसे हुई चोरी?

हैकर्स ने सोलाना इकोसिस्टम में एक खामी का फायदा उठाया. उन्होंने लगभग 7,767 "हॉट" वॉलेट्स (hot wallets) पर हाथ फेर दिया, जहां सोलाना यूजर्स ने अपना फंड जमा कर रखा था.

हॉट वॉलेट वर्चुअल करेंसी के लिए एक तरह का डिजिटल स्टोरेज है, जिसे ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकता है. यह हमेशा इंटरनेट से कनेक्टेड होता है, यही वजह है कि हैकर्स आसानी से इसे अपना निशाना बना लेते हैं.

ब्लॉकचेन ऑडिटर फर्म PeckShield के अनुसार, यह अटैक "सप्लाई चेन में चूक" के कारण हुआ. इस चूक के चलते हैकर्स एक्सचेंज के पर्स से प्राइवेट की (private key) चुराने में कामयाब रहे. प्राइवेट की एक तरह का सीक्रेट कोड/संख्या होती है जिसका उपयोग ट्रांजेक्शन को पूरा करने और ब्लॉकचेन एड्रेस के असली मालिक को साबित करने के लिए किया जाता है.

Solana पर हुए इस अटैक से Phantom और Slope, TrustWallet जैसे लोकप्रिय हॉट वॉलेट पर भी असर पड़ा है.

लेकिन मौजूदा ट्रेडर्स और टोकन होल्डर्स के लिए, अच्छी खबर यह है कि यह अटैक केवल कुछ 'इनएक्टिव वॉलेट्स' तक सीमित था. ये वॉलेट्स फिर भी इंटरनेट से कनेक्टेड थे; जो करेंसी इनमें स्टोर थी, हैकर उसे ही चुरा पाए. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने बताया कि Phantom वॉलेट भी पिछले छह महीनों से इनएक्टिव था.

इन चोरियों से सबक लेते हुए आपको अपने क्रिप्टो वॉलेट्स को सिक्योर रखना चाहिए.

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अपने क्रिप्टो वॉलेट्स को कैसे बचाएं?

जैसा कि आप जानते ही होंगे कि क्रिप्टो की दुनिया में हैकर्स को सजा दिलाना या इन्वेस्टर्स को प्रोटेक्ट करने के लिए कोई लीगल फ्रेमवर्क नहीं है. ऐसे में इस चोरी का मुख्य कारण यह है कि इंटरनेट से जुड़े हॉट वॉलेट सुरक्षित नहीं हैं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारतीय के टॉप एक्सचेंज आमतौर पर एक 'कस्टोडियल वॉलेट' की पेशकश करते हैं. जिसका अर्थ है कि वॉलेट और इसकी प्राइवेट की को एक विश्वसनीय थर्ड-पार्टी द्वारा मैनेज जाता है. यह इन्वेस्टर्स के फंड को सिक्योर करता है और अगर वे ट्रेड करना चाहते हैं या उन्हें कहीं और भेजना चाहते हैं तो उन्हें वापस कर देते हैं. भारत में, ये थर्ड-पार्टी एक्सचेंज होंगे.

किसी भी तरह से, इन्वेस्टर्स को हार्डवेयर या कोल्ड वॉलेट का विकल्प चुनना चाहिए, जिसे यूएसबी ड्राइव की तरह ऑफ़लाइन ऑपरेट किया जा सकता है और ट्रांजेक्शन पर साइन करने के लिए कंप्यूटर में प्लग करने की जरूरत होती है. हालांकि यह इंटरनेट से जुड़े वॉलेट की तुलना में धीमा और बोझिल है लेकिन निश्चित रूप से अधिक सुरक्षित है.

कुछ एक्सपर्ट्स यह भी सलाह देते हैं कि "यह सोलाना नेटवर्क ही नहीं है जो हैक हो रहा है, बल्कि सोलाना को सपोर्ट करने वाले वॉलेट भी निशाने पर हैं. यूजर्स को सिक्योर वॉलेट्स का उपयोग करना चाहिए. अपने कंप्यूटर और मोबाइल पर अनसर्टिफाइड ऐप्स इंस्टॉल नहीं करने चाहिए. भारत में भी सोलाना होल्डर्स का बड़ा हिस्सा है, तो इस तरह हमें भी सचेत रहना चाहिए. private key की 100% प्राइवेसी सुनिश्चित करनी चाहिए है. कुछ यूजर्स ने अपने कॉइन्स को हार्डवेयर वॉलेट में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है."

यूजर्स को हमेशा अनवैरिफाइड वेबसाइटों से पायरेटेड सॉफ़्टवेयर (pirated software) डाउनलोड करने से बचना चाहिए. उन्हें मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना चाहिए और उन्हें नियमित अंतराल पर अपडेट करते रहना चाहिए. यूजर्स को मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (multi-factor authentication) भी लागू करना चाहिए. अविश्वसनीय लिंक और ईमेल प्रामाणिकता को खोलने से हमेशा बचना चाहिए.

आपको बता दें कि बीते महीने की शुरुआत में यह चेतावनी दी गई थी कि, YouTube पर बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin mining) सॉफ़्टवेयर की तलाश करने वाले क्रिप्टो यूजर्स (crypto users) को एक नये खतरे का सामना करना पड़ सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो प्लेटफॉर्म के जरिए फैल रहा एक क्रिप्टो-मैलवेयर (crypto-malware) है. "पेनीवाइज" (PennyWise) नाम का यह क्रिप्टोकरेंसी मैलवेयर (cryptocurrency malware) यूजर्स को सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहता है जो 30 क्रिप्टो वॉलेट (crypto wallet) और ब्राउज़र एक्सटेंशन से डेटा चुरा सकता है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि, न केवल हॉट वॉलेट, यह मैलवेयर कथित तौर पर Zcash, Armory, Bytecoin, Jaxx, Exodus, Ethereum, Electreum, Atomic Wallet, Guarda और Coinomi जैसे कोल्ड क्रिप्टो वॉलेट को भी टारगेट करता है. साइबर इंटेलिजेंस कंपनी Cyble के अनुसार, पेनीवाइज मैलवेयर एक "उभरता खतरा" है जिसे हाल ही में डेवलप किया गया है.

US Broadband Internet: पूरे अमेरिका को ऑनलाइन के लिए 65 अरब डॉलर की योजना शुरू, गरीबों को मुफ्त इंटरनेट

US Broadband Internet: जो बिडेन प्रशासन ने 2030 तक अमेरिका में सभी के लिए सस्ती और विश्वसनीय हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच उपलब्ध कराने के लिए 45 अरब डॉलर की परियोजना शुरू कर दी है।

Neel Mani Lal

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ब्रॉडबैंड इंटरनेट (फोटो-सोशल मीडिया)

Broadband Internet: अमेरिका में जो बिडेन प्रशासन ने 2030 तक अमेरिका में सभी के लिए सस्ती और विश्वसनीय हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच उपलब्ध कराने के लिए 45 अरब डॉलर की परियोजना शुरू कर दी है। 1 ट्रिलियन डॉलर के बाइपार्टिसन इन्फ्रास्ट्रक्चर लॉ में इंटरनेट फॉर ऑल ब्रॉडबैंड के लिए 65 अरब डॉलर की फंडिंग रखी गई है। अब अमेरिका के राज्य और अन्य संस्थाएं सभी कार्यक्रमों के लिए वित्त पोषण के लिए आवेदन कर सकती हैं।

वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने कहा है कि - 21 वीं सदी में यदि आपके पास विश्वसनीय, सस्ती हाई-स्पीड इंटरनेट(High Speed Internet) तक पहुंच नहीं है तो आप अर्थव्यवस्था में भाग नहीं ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि देश भर के अमेरिकियों को अब हाई-स्पीड इंटरनेट(High Speed Internet) एक्सेस की कमी से पीछे नहीं रखा जाएगा। हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि प्रत्येक अमेरिकी के पास ऐसी तकनीकों तक पहुंच होगी जो उन्हें कक्षा में भाग लेने, एक छोटा व्यवसाय शुरू करने, अपने डॉक्टर से मिलने और आधुनिक अर्थव्यवस्था में भाग लेने की अनुमति देती है।

अफोर्डेबल कनेक्टिविटी प्रोग्राम का उद्देश्य

अमेरिकी राज्य अपने यहां फ़ाइबर-ऑप्टिक केबल (fiber-optic cable) स्थापित करने के लिए फ़ंडिंग का उपयोग कर सकते हैं, अधिक वाई-फाई नेटवर्क लगा सकते हैं या कुछ लोगों को मुफ्त ब्रॉडबैंड इंटरनेट की पेशकश भी कर सकते हैं।

कार्यक्रम का शुभारंभ इस सप्ताह की शुरुआत में इन रिपोर्ट्स के बीच हुआ कि बिडेन प्रशासन ने कम कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए आय वाले परिवारों को सब्सिडी वाली इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए 20 प्रदाताओं के साथ मिलकर काम किया है।

अधिकांश इंटरनेट फॉर ऑल फंडिंग ब्रॉडबैंड कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए इक्विटी, एक्सेस एंड डिप्लॉयमेंट (बीईएडी) प्रोग्राम से उपलब्ध होगी। राज्यों और अन्य क्षेत्रों को योजना निधि के लिए आशय पत्र और बजट दाखिल करने की आवश्यकता होगी।

फिर उन्हें पंचवर्षीय योजना तैयार करने में मदद करने के लिए 5 मिलियन डॉलर की योजना निधि प्राप्त होगी, जिसमें यह विस्तार से बताया जाएगा कैसे इंटरनेट पर डॉलर करने के लिए कि वे सभी निवासियों को व्यापक इंटरनेट एक्सेस कैसे प्रदान करेंगे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रत्येक राज्य को 42.5 अरब डॉलर कोष से कम से कम 100 मिलियन डॉलर प्राप्त होंगे। उसके बाद, ब्रॉडबैंड कवरेज के आधार पर धन आवंटन का निर्णय लिया जाएगा।

योग्य परिवारों को मुफ्त इंटरनेट

इंफ्रास्ट्रक्चर कानून के तहत स्थापित बिडेन के अफोर्डेबल कनेक्टिविटी प्रोग्राम का उद्देश्य कम आय वाले लाखों परिवारों को 30 डॉलर प्रतिमाह से कम में इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराना है। व्हाइट हाउस के अनुसार इसी सप्ताह बिडेन और उपराष्ट्रपति हैरिस ने 20 अग्रणी इंटरनेट प्रदाताओं से हाथ मिलाने की घोषणा की, जो सीमित इंटरनेट वाले अमेरिकी परिवारों को 30 डॉलर से कम में उच्च - गुणवत्ता वाली इंटरनेट सेवा प्रदान करेंगे।

इन इंटरनेट प्रदाताओं में एटी एंड टी, कॉमकास्ट, वेरिज़ोन और उत्तरी कैरोलिना के कोमोरियम शामिल हैं जो देश की 80 फीसदी आबादी को कवर करने वाले क्षेत्रों में सेवा प्रदान करते हैं।संघीय सरकार के 20 भागीदार अफोर्डेबल कनेक्टिविटी के लिए योग्य परिवारों को मुफ्त इंटरनेट भी देंगे।

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा है कि हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा अब एक लक्जरी नहीं है - यह एक आवश्यकता है।लेकिन बहुत से परिवार लागत के कारण हाई-स्पीड इंटरनेट से वंचित हैं या उन्हें मासिक इंटरनेट सेवा भुगतान करने के लिए अन्य आवश्यक चीजों में कटौती करनी पड़ती है। हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा की लागत सहित कीमतें कम करना राष्ट्रपति बिडेन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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