Crimes Like Chain Snatching Create Fear In Women – High Court – चेन स्नेचिंग जैसे अपराधों से महिलाओं में पैदा होता है भय – हाईकोर्ट
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 05 Jul 2021 08:46 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
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कानपुर पुष्पा देवी ने पनकी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि चार अक्तूबर 20 को वह अपनी बेटी और बहू के साथ बाजार गईं थीं। ऑटो रिक्शा पर बैठी थीं, तभी बाइक से आए दो अज्ञात युवकों ने उनकी बहू के गले से सोने की चेन खींच ली। 21 अक्तूबर 20 को पुलिस ने अमित और कुंदन को पकड़ा। दोनों के पास से दो-दो सोने की चेन, तमंचा और कारतूस के अलावा नकद रुपये बरामद हुए।
याची के खिलाफ लूट और छिनैती के 17 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है। याची के वकील का कहना था कि ज्यादातर मुकदमों में उसकी जमानत मंजूर हो गई है। पुलिस ने फर्जी बरामदगी दिखाकर फंसाया है। सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए आपराधिक इतिहास पेश किया। कोर्ट का कहना था कि अभियुक्त के अधिकार अपनी जगह हैं, मगर इस इस प्रकार के अपराधियों को जमानत पर छोड़ा नहीं जा सकता है, क्योंकि स्पष्ट है कि उसने जमानत का दुरुपयोग कर बार-बार अपराध किए हैं।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं से महिलाओं से भय व्याप्त है और वे आभूषण पहनकर घर से बाहर निकलने से डरती हैं। यह चिंता का विषय है। बार-बार ऐसी घटनाओं के कारण ही महिलाओं में डर बैठ गया है। इसे गंभीरता से लेने और चेन स्नेचिंग करने वालों पर लगाम लगाने की जरूरत है, ताकि महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। कानपुर के चेन स्नेचिंग के आरोपी अमित की जमानत अर्जी खारिज करते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने यह टिप्पणी की।
कानपुर पुष्पा देवी ने पनकी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि चार अक्तूबर 20 को वह अपनी बेटी और बहू के साथ बाजार गईं थीं। ऑटो रिक्शा पर बैठी थीं, तभी बाइक से आए दो अज्ञात युवकों ने उनकी बहू के गले से सोने की चेन खींच ली। 21 अक्तूबर 20 को पुलिस ने अमित और कुंदन को पकड़ा। दोनों के पास से दो-दो सोने की चेन, तमंचा और कारतूस के अलावा नकद रुपये बरामद हुए।
याची के खिलाफ लूट और छिनैती के 17 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है। याची के वकील का कहना था कि ज्यादातर मुकदमों में उसकी जमानत मंजूर हो गई है। पुलिस ने फर्जी बरामदगी दिखाकर फंसाया है। सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए आपराधिक इतिहास पेश किया। कोर्ट का कहना था कि अभियुक्त के अधिकार अपनी जगह हैं, मगर इस इस प्रकार के अपराधियों को जमानत पर छोड़ा नहीं जा सकता है, क्योंकि स्पष्ट है कि उसने जमानत का दुरुपयोग कर बार-बार अपराध किए हैं।