After The State, The Leaves Of Bareilly Are Clear From The Central Government – प्रदेश के बाद केंद्र सरकार से भी बरेली का पत्ता साफ
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार
– फोटो : amar ujala
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आठ बार के सांसद संतोष गंगवार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से दिया इस्तीफा
बरेली। दो सांसद, नौ विधायक और मेयर व जिला पंचायत अध्यक्ष होने के बावजूद केंद्र और प्रदेश की सरकार में जिले का दबदबा खत्म हो गया है। मोदी सरकार की कैबिनेट में बुधवार को हुए फेरबदल के बाद पूरे मंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का भी इस्तीफा हो गया।
जिले की दोनों लोकसभा, नौ विधानसभा, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2014 की मोदी कैबिनेट में बरेली मंडल से चुने गए चार सांसदों में से तीन ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान पाया था। शाहजहांपुर से कृष्णा राज, पीलीभीत से मेनका गांधी और बरेली से संतोष गंगवार इसमें शामिल थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव में 2019 बरेली मंडल की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया। इसमें बरेली से संतोष गंगवार, आंवला से धर्मेंद्र कश्यप, बदायूं से संघमित्रा मौर्य, पीलीभीत से वरुण गांधी और शाहजहांपुर से अरुण सागर सांसद बने। मगर इनमें से सिर्फ संतोष गंगवार ही केंद्र सरकार में अपनी जगह बना सके थे। मंडल की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा होने के बावजूद बुधवार को हुए बदलाव के बाद इनमें से एक भी नाम मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में नहीं होने से लोगों में मायूसी है। खासकर बरेली के लोग इसको लेकर ज्यादा मायूस हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश सरकार में पहले ही अपना प्रतिनिधित्व खो चुकी बरेली की अब केंद्र सरकार में भी भागीदारी समाप्त हो गई है। बता दें कि इससे पहले प्रदेश सरकार में राजेश अग्रवाल वित्त मंत्री थे और धर्मपाल सिंह सिंचाई मंत्री थे लेकिन दो साल पहले उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया था।
अटल सरकार में भी मंत्री रहे संतोष
पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति से जुड़े रहे संतोष गंगवार इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए थे। 13वीं लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार में संतोष गंगवार को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री के साथ संसदीय कार्य राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। 1999 में उन्हें पेट्रोलियम राज्यमंत्री के साथ ही विज्ञान और प्रोद्यौगिकी की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद 2003 में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री पेट्रोलियम के साथ ही भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम का भी प्रभार दिया गया। 2014 की सरकार में उन्हें कैबिनेट राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के साथ कपड़ा मंत्रालय, संसदीय कार्य राज्यमंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद वर्ष 2016 में वह केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री बने और 2019 से केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रम और रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके अलावा एक बार एग्रीकल्चर स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भी रहे हैं।
आठ बार के सांसद संतोष गंगवार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से दिया इस्तीफा
बरेली। दो सांसद, नौ विधायक और मेयर व जिला पंचायत अध्यक्ष होने के बावजूद केंद्र और प्रदेश की सरकार में जिले का दबदबा खत्म हो गया है। मोदी सरकार की कैबिनेट में बुधवार को हुए फेरबदल के बाद पूरे मंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का भी इस्तीफा हो गया।
जिले की दोनों लोकसभा, नौ विधानसभा, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2014 की मोदी कैबिनेट में बरेली मंडल से चुने गए चार सांसदों में से तीन ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान पाया था। शाहजहांपुर से कृष्णा राज, पीलीभीत से मेनका गांधी और बरेली से संतोष गंगवार इसमें शामिल थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव में 2019 बरेली मंडल की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया। इसमें बरेली से संतोष गंगवार, आंवला से धर्मेंद्र कश्यप, बदायूं से संघमित्रा मौर्य, पीलीभीत से वरुण गांधी और शाहजहांपुर से अरुण सागर सांसद बने। मगर इनमें से सिर्फ संतोष गंगवार ही केंद्र सरकार में अपनी जगह बना सके थे। मंडल की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा होने के बावजूद बुधवार को हुए बदलाव के बाद इनमें से एक भी नाम मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में नहीं होने से लोगों में मायूसी है। खासकर बरेली के लोग इसको लेकर ज्यादा मायूस हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश सरकार में पहले ही अपना प्रतिनिधित्व खो चुकी बरेली की अब केंद्र सरकार में भी भागीदारी समाप्त हो गई है। बता दें कि इससे पहले प्रदेश सरकार में राजेश अग्रवाल वित्त मंत्री थे और धर्मपाल सिंह सिंचाई मंत्री थे लेकिन दो साल पहले उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया था।
अटल सरकार में भी मंत्री रहे संतोष
पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति से जुड़े रहे संतोष गंगवार इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए थे। 13वीं लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार में संतोष गंगवार को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री के साथ संसदीय कार्य राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। 1999 में उन्हें पेट्रोलियम राज्यमंत्री के साथ ही विज्ञान और प्रोद्यौगिकी की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद 2003 में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री पेट्रोलियम के साथ ही भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम का भी प्रभार दिया गया। 2014 की सरकार में उन्हें कैबिनेट राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के साथ कपड़ा मंत्रालय, संसदीय कार्य राज्यमंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद वर्ष 2016 में वह केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री बने और 2019 से केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रम और रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके अलावा एक बार एग्रीकल्चर स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भी रहे हैं।